आसनसोल.
वेतन बढ़ोतरी के मुद्दे को लेकर सफाई कर्मचारियों का आसनसोल नगर निगम के साथ गतिरोध जारी है. गुरुवार को नगर निगम कार्यालय में हुई बैठक में इस मुद्दे पर कोई ठोस निर्णय नहीं हो पाया. आंदोलन का नेतृत्व कर रहे बोरो 10 कार्यालय में तैनात सफाईकर्मी रवि कुमार हरि ने बताया कि उन लोगों की मांग प्रतिदिन की हाजिरी 650 रुपये के साथ पीएफ, इंश्योरेंस और पहचान-पत्र आवंटन करने की है. इसे लेकर वे लोग डटे हुए हैं. काम बंद करने का फिलहाल आपस में कोई निर्णय नहीं हुआ है. काम भी जारी रहेगा और अपनी मांगों को लेकर आंदोलन भी चलता रहेगा. नगर निगम के चेयरमैन अमरनाथ चटर्जी ने बताया कि सफाई कर्मचारियों को फिलहाल 347 रुपये प्रतिदिन का मिलता है. सरकारी रेट 342 रुपये का है. बैठक में उनकी मांगों के आधार पर पीएफ चालू करने का निर्णय हुआ. जिसमें दोनों पक्षों की ओर से 25-25 रुपये का भुगतान नगर निगम ही करेगी और सभी को पहचान पत्र दिया जाएगा. नगर निगम में कुल 3300 सफाई कर्मचारी केजुवल वर्कर हैं. बैठक में नगर निगम के निर्णय से सफाई कर्मचारी सहमत नहीं हुए और बैठक बेनतीजा ही समाप्त हो गयी. 15 दिनों के अंदर पुनः इस मुद्दे को लेकर बैठक करके इस समस्या को सुलझाने का आश्वासन दिया गया. जिसके बाद सुबह से ही नगर निगम कार्यालय के समक्ष डटे रहे सफाई कर्मचारी शाम को वापस लौटे. बैठक में मेयर विधान उपाध्याय, चेयरमैन अमरनाथ चटर्जी, अन्य मेयर परिषद सदस्य, निगम का आयुक्त राजू मिश्रा आदि उपस्थित थे.गौरतलब है कोलकाता के बाद राज्य में आसनसोल सबसे बृहत नगर निगम है. यहां सफाई कर्मचारियों की जिम्मेदारी काफी बड़ी है. नगर निगम का क्षेत्रफल भी काफी बड़ा है. जिसके हिसाब से सफाई कर्मचारियों की संख्या कम है. जिसे लेकर नगर निगम ने नए कर्मचारियों की नियुक्ति की पहल की है. इसीबीच सफाई कर्मचारियों ने वेतन बढ़ोतरी की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया. आंदोलन का नेतृत्व दे रहे श्री हरि ने बताया कि 11 नवम्बर 2024 को वेतन बढ़ोतरी की मांग को लेकर आंदोलन किया गया. उसके बाद 21 नवम्बर को नगर निगम कार्यालय के समक्ष सफाई कर्मचारी जमा होकर अपनी मांगों को।लेकर प्रदर्शन किया. निगम ने बैठक के लिए 28 नवम्बर को समय दिया.जिसके आधार पर गुरुवार को सफाई कर्मचारी नगर निगम के समक्ष सुबह 11 बजे से अपना-अपना काम समाप्त करके जमा हुए. मेयर श्री उपाध्याय के साथ बैठक हुई. जिसमें निगम के आला अधिकारी भी शामिल थे. जिसमें पीएफ के रूप में 50 रुपये देने और पहचान पत्र आवंटन की बात मेयर ने कही. जिसपर सहमति नहीं बनी. हमलोग 650 रुपये प्रतिदिन हाजिरी की मांग पर अड़े रहे. 15 दिनों के अंदर पुनः इस मुद्दे पर बैठक कर समस्या का समाधान के आश्वासन बैठक समाप्त हुआ और सभी सफाई कर्मचारी अपने घर वापस लौट गये.
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