पश्चिम बंगाल के राज्य के कानून और लोक निर्माण विभाग के मंत्री मलय घटक ने कहा कि गोसाईं डांगाल में शिवचर्चा व कंबल वितरण कार्यक्रम के लिए पुलिस की कोई अनुमति नहीं ली गयी थी. इस कांड के लिए जो भी दोषी हैं, कानून के दायरे में उन्हें सजा होगी. भगदड़ में कुचल कर जो तीन जानें गयीं, उनकी आत्मा को तभी शांति मिलेगी, जब कांड के दोषियों को सजा मिलेगी. पूर्ण रूप से राजनीति से प्रेरित होकर यह कांड को अंजाम दिया गया. शिवचर्चा के नाम पर लोगों को पांडवेश्वर, रानीगंज, उखड़ा के अलावा झारखंड से भी लोगों को बुलाया गया था. शिवचर्चा के नाम पर जो कार्यक्रम चल रहा था, यह सभी ने देखा और सुना.
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मंत्री श्री घटक शुक्रवार रात को कोलकाता से लौटते ही भगदड़ कांड में मारे गये सभी के परिजनों से जाकर मुलाकात की. सबसे पहले कल्ला बाउरी में झाली बाउरी के घर गये. यहां से वे रामकिशुन डंगाल में प्रीति सिंह (12) और चांदमनी देवी (50) के आवास पर पहुंचे. बेटी के गम में प्रीति की मां का रो-रो कर बुरा हाल है. मंत्री के समक्ष बेसुध पड़ी रही. कहती रही, पति को दस साल पहले खो दिया, अब बेटी को भी खो दिया. तीन लोगों का परिवार था, अब सिर्फ दो ही बच गये. चांदमनी देवी की बेटी की हालत काफी खराब थी. मंत्री श्री घटक के सामने कुछ महिलाओं ने उसे पकड़ कर लाया. वह चलने की स्थिति में भी नहीं थी. श्री घटक के सामने ही वह रोते-रोते बेहोश हो गयी. शारदा का फरवरी माह में गवना होने को है. जिसे लेकर तैयारी चल रही थी. ऐसे में मां की मौत से शारदा एकदम से टूट गयी है.
भगदड़ कांड के मृतकों के परिजनों से मिलने रविवार को राज्य के पर्यटन मंत्री व आसनसोल के पूर्व सांसद बाबुल सुप्रियो, उद्योग मंत्री डॉ. शशि पांजा, सिंचाई मंत्री पार्थ भौमिक, युवा तृणमूल की अध्यक्ष सायनी घोष, जोड़ासांको के विधायक विवेक गुप्ता के आने की सूचना है.