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बैंक के सीसीटीवी फुटेज से बदमाशों को किया जा रहा है चिह्नित, बिहार का गैंग होने की संभावना

पीएनबी आसनसोल बाजार शाखा और पीएनबी जबलपुर (मध्यप्रदेश) शाखा का एक अक्तूबर से 30 अक्तूबर तक का सारा सीसीटीवी फुटेज खंगाला जा रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 2, 2024 1:23 AM

एमएसी ने 27 सितंबर को जिस चेक को रद्द किया था, उसकी जानकारी कैसे पहुंच गयी बदमाशों तक, पुलिस जुटी जांच में

आसनसोल. आसनसोल नगर निगम (एएमसी) के पीएनबी बैंक आसनसोल बाजार शाखा के खाते से फर्जी चेक के जरिये 40,00,501 रुपये की निकासी में जल्द पुलिस बड़ा खुलासा कर सकती है. बैंक के सीसीटीवी फुटेज से धोखाधड़ी करनेवालों की शिनाख्त करने का प्रयास किया जा रहा है. सूत्रों के अनुसार बदमाशों को चिह्नित करने में पुलिस को सफलता मिली है. इस गैंग के बिहार का होने की बात सामने आ रही है. पीएनबी आसनसोल बाजार शाखा और पीएनबी जबलपुर (मध्यप्रदेश) शाखा का एक अक्तूबर से 30 अक्तूबर तक का सारा सीसीटीवी फुटेज खंगाला जा रहा है. जबलपुर शाखा में चेक जमा करके एएमसी के खाते से पैसे की निकासी हुई थी. यहां जिसने भी चेक जमा किया था, पुलिस उसके जरिये पूरे गैंग का खुलासा करने के प्रयास में जुटी हुई है. पुलिस के लिए सबसे हैरान करने वाली बात यह सामने आयी है कि जिस चेक से 40 लाख रुपये की निकासी हुई है. वह चेक ओवरराइटिंग के कारण रद्द हो गया था और वह नगर निगम के पास है. इस चेक नंबर की जानकारी बदमाशों तक कैसे पहुंची? नगर निगम पिछले सात वर्षों से किसी एजेंसी, सप्लायर को चेक के जरिये भुगतान नहीं करता है. बैंक, 40 लाख रुपये के चेक को क्लियर करते समय इस बात को कैसे नजरअंदाज कर गया? पुलिस इन सभी विषयों की गहराई से जांच कर रही है. गौरतलब है कि 28 अक्तूबर को एएमसी के पीएनबी बैंक के खाते से 40 लाख रुपये की निकासी हुई. यह निकासी फर्जी चेक और उसपर फर्जी हस्ताक्षर करके पीएनबी जबलपुर शाखा से की गयी. इसकी जानकारी मिलने के बाद एमएसी के वित्त अधिकारी अहमद कमाल फरीदी ने साइबर क्राइम थाने, आसनसोल में शिकायत दर्ज करायी. उनकी शिकायत के आधार पर कांड संख्या 91/24 में बीएनएस की धारा 319(2)/318(4)/316(2)/61(2)/338/336(3)/340(2) के तहत मामला दर्ज हुआ है. पुलिस इस मामले का खुलासा करने में जुट गयी है. सूत्रों के अनुसार पुलिस को काफी कुछ जानकारी मिली है. जल्द ही पूरे मामले का खुलासा हो सकता है.

क्या है पूरे मामले की अंदरूनी कहानी

एमएसी का पीएनबी बैंक, आसनसोल बाजार शाखा में खाता है. इस खाते के साथ वित्त अधिकारी श्री फरीदी का फोन नंबर दिया हुआ है. इस बैंक से जुड़ी कोई भी जानकारी उनके नंबर पर आती है. 14 अक्तूबर को एएमसी के लेटरहेड पर इस नंबर को बदलने का आवेदन किया गया और नया नंबर 7324073874 को जोड़ने की अपील की गयी. एएमसी से बात किये बगैर बैंक ने उस आवेदन के आधार पर फोन नंबर बदल दिया. 28 अक्तूबर को पीएनबी जबलपुर शाखा से एएमसी के खाते से चेक के जरिये 40,00,501 रुपये निकल गया. श्री फरीदी के नंबर पर कोई कॉल या मैसेज नहीं आया. यह कॉल और मैसेज बदले हुए नंबर पर गया, जहां से ओके होने के बाद पैसा क्लियर हो गया. इसके बाद पुनः 80 लाख रुपये का चेक क्लियर होने के लिए डाला गया. इस दौरान शाखा प्रबंधक को कुछ शक हुआ. उसने आसनसोल शाखा प्रबंधक को फोन किया. 29 अक्तूबर की शाम 5.05 बजे आसनसोल शाखा प्रबंधक पुरुषोत्तम कुमार ने एएमसी के वित्त अधिकारी श्री फरीदी को एक मेमो नंबर भेजकर पूछा कि क्या इस मेमो नंबर की चिट्ठी एएमसी ने जारी की है? जिसमें फोन नंबर बदलने को कहा गया है. इसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ कि 40 लाख रुपये की फर्जी निकासी हुई है और 80 लाख रुपये का चेक क्लियरेंस के लिए लंबित है. इसके बाद तुरंत कार्रवाई शुरू हुई.

27 सितंबर को रद्द चेक का नंबर कैसे पहुंचा बदमाशों के पास एएमसी के पीएनबी

आसनसोल बाजार शाखा बैंक के खाता संख्या 0202010350692 का एक चेक नंबर 583914 को ओवरराइटिंग के कारण 27 सितंबर को रद्द किया गया था और यह चेक नगर निगम के पास जमा है. 40,00,501 रुपये की निकासी जिस चेक से हुई है, उसका चेक का नंबर भी 583914 है. इस चेक की पूरी जानकारी बदमाशों तक कैसे पहुंची, पुलिस को यह बात सबसे ज्यादा हैरान कर रही है. हालांकि 40 लाख रुपये में से पूरा पैसा ट्रांसफर नहीं कर पाये थे. जिसमें 12 लाख रुपये उस खाते में था जिसमें यह पैसा भेजा गया था. वह खाता फ्रीज कर दिया गया है. पुलिस को उम्मीद है कि वह पैसा बरामद करने के साथ सभी बदमाशों को जल्द पकड़ लिया जायेगा.

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