वीर बाल दिवस पर बर्नपुर में नगर कीर्तन निकाला
सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह के चार साहिबजादों के शहादत दिवस पर गुरुवार को आसनसोल दक्षिण की विधायक अग्निमित्रा पाल के नेतृत्व में बर्नपुर में वीर बालक दिवस का पालन किया गया. मौके पर बर्नपुर गुरुद्वारा से नगर कीर्तन निकाला गया.
आसनसोल.
सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह के चार साहिबजादों के शहादत दिवस पर गुरुवार को आसनसोल दक्षिण की विधायक अग्निमित्रा पाल के नेतृत्व में बर्नपुर में वीर बालक दिवस का पालन किया गया. मौके पर बर्नपुर गुरुद्वारा से नगर कीर्तन निकाला गया. जिसमें सैकड़ो की संख्या में सिख संगत के लोग शामिल हुए. बर्नपुर गुरुद्वारा में माथा टेकने के बाद नगर कीर्तन निकाला गया, जो बर्नपुर गुरुद्वारे से त्रिवेणी मोड्, स्टेशन रोड, बारी मैदान, बर्नपुर बस स्टैंड और टाउनशिप की परिक्रमा कर वापस गुरुद्वारा पहुंचकर समाप्त हो गया. मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष बप्पा चटर्जी भी मौजूद थे. अग्निमित्रा पाल ने कहा कि वीर बाल दिवस को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मनाने का आह्वान किया है. कांग्रेस ने अब तक गलत इतिहास पढ़ाया था. जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है. जबकि उनका बच्चों से कोई सरोकार नहीं था. लेकिन असली बाल दिवस की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 दिसंबर को घोषणा की थी. सिख समुदाय के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह के चार पुत्रों ने मुगल शासक औरंगजेब के साथ लड़ाई करते हुए अपने प्राणों का बलिदान दिया था. जिसमें दो की उम्र मात्र 18 वर्ष तथा 14 वर्ष थी और साहबजादे फतेह सिंह और जोराबर सिंह को बंदी बनाया गया.जिनकी उम्र पांच वर्ष और सात वर्ष थी. उन दोनों दुधमुंहे बालकों को औरंगजेब ने जिंदा दीवार में चुनवा दिया था. इन चार साहबजादों के याद में वीर बाल दिवस का पालन किया जा रहा है. कांग्रेस ने देश की असल इतिहास को भुला दिया. कांग्रेस ने भारत के वीरों के इतिहास को छुपाने का कार्य किया है.
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