अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई का आदेश
अवैध निर्माण और आर्थिक तंगी का आरोप लगाते हुए जमीन मालिक ने प्रमोटर के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
जमीन मालिकों का आरोप निर्माता कंपनी ने उनके साथ आर्थिक धोखाधड़ी की है बांकुड़ा. अवैध निर्माण के खिलाफ हाइकोर्ट ने नगरपालिका को कार्रवाई का आदेश दिया है. इससे सोनामुखी नगर पालिका में हड़कंप मच गया है. अवैध निर्माण और आर्थिक तंगी का आरोप लगाते हुए जमीन मालिक ने प्रमोटर के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. सोनामुखी नगर पालिका के वार्ड नंबर 15 के सोनामुखी कॉलेज से सटे इलाके में गौतम चक्रवर्ती और आलोक बंद्योपाध्याय की 32 कट्ठा जमीन थी. आरोपी कंस्ट्रक्शन कंपनी ने उक्त जमीन पर फ्लैट बनाने के लिए दोनों मालिकों के साथ एक समझौता किया था. कंस्ट्रक्शन कंपनी ने वहां पांच मंजिली इमारत भी बनायी. दूसरी ओर, जब निर्माण कार्य चल रहा था, तो जमीन के दो मालिकों ने सोनामुखी नगरपालिका और कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. उनका आरोप है कि निर्माण कंपनी ने सोनामुखी नगर पालिका से चार मंजिली इमारत की अनुमति लेने के बाद अवैध रूप से पांच मंजिली इमारत का निर्माण किया है. इसके अलावा जमीन मालिकों ने शिकायत की कि कंपनी ने उनके साथ आर्थिक धोखाधड़ी की है. शिकायत पर नगरपालिका ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिसके चलते कलकत्ता उच्च न्यायालय ने तुरंत शिकायत की जांच का आदेश दिया था. कोर्ट ने अब सोनामुखी नगर पालिका को दो महीने के भीतर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. सवाल उठता है कि नगरपालिका की अनुमति के बिना निर्माण कार्य कैसे किया गया. भूमि मालिक की शिकायत है कि निर्माण एजेंसी काफी प्रभावशाली है, इसलिए नगरपालिका चुप है. दूसरी ओर, निर्माण कंपनी के मालिक का दावा है कि आवास निर्माण से पहले उन्होंने नगर पालिका में आवेदन देकर सात मंजिली इमारत बनाने की अनुमति मांगी थी, लेकिन उस समय नगरपालिका के पास अधिकतम चार मंजिली इमारत की अनुमति देने की इजाजत थी इसलिए चार मंजिली इमारत निर्माण की इजाजत मिली. दूसरी ओर, निर्माण कंपनी ने जमीन मालिकों द्वारा लगाये गये वित्तीय धोखाधड़ी के आरोपों को खारिज कर दिया है. नगरपालिका का दावा है कि चूंकि मामला कोर्ट में था इसलिए उसने अब तक कोई हस्तक्षेप नहीं किया.
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