छात्रा की पिटाई के विरोध में विभिन्न संगठनों ने खोला मोर्चा

हाथाें में मेंहदी रचा कर स्कूल जाने पर प्राचार्या ने छात्रा की कर दी थी पिटाई

By Prabhat Khabar News Desk | August 27, 2024 1:00 AM
an image

आसनसोल. रक्षा बंधन के अवसर पर हाथों पर रचायी गयी मेंहदी का रंग मिटाये बगैर स्कूल में जाने पर छात्रा की हुई पिटाई के मुद्दे पर आसनसोल में विभिन्न संगठनों की ओर से कार्रवाई की मांग को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंपने की तैयारी है. विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के जिला सचिव श्रीकांत प्रसाद ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा जायेगा. निर्धारित समय के अंदर कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन शुरू होगा. पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मारक समिति की ओर से आसनसोल सदर के महकमा शासक को ज्ञापन सौंपा जायेगा. कार्रवाई नहीं होने पर स्कूल के समक्ष और आसनसोल साउथ थाने के सामने प्रदर्शन की भी तैयारी है.गौरतलब है कि आसनसोल साउथ थाना क्षेत्र अंतर्गत स्थित संत मेरी गोरेटी गर्ल्स हाइस्कूल में कक्षा नौ की एक छात्रा की बुरी तरह पिटाई प्राचार्या ने इसलिए कर दी कि वह हाथों में मेहंदी लगाकर स्कूल में आयी थी. छात्रा का कहना है कि रक्षा बंधन के उपलक्ष्य पर अपने रीति रिवाजों के तहत उसने हाथों में मेहंदी रचायी थी. जिसके कारण प्राचार्य ने उसकी पिटाई कर दी. इससे पहले सावन की सोमवारी पर टीका लगाने और हाथ में मौली पहनकर आने पर भी पिटाई की गयी थी और टीका मिटा दिया गया और मौली खुलवा दिया गया था. इस घटना को लेकर छात्रा के परिजनों ने आसनसोल साउथ थाने में मौखिक शिकायत भी की. यह मामला प्रकाश में आते ही हर वर्ग से लोग छात्रा के समर्थन में उतर गये और घटना की कड़ी निंदा करते हुए उचित कार्रवाई की मांग करने लगे.

शुभ अवसर पर मेहंदी लगाना है सनातन रीति रिवाज, इसके लिए पिटाई सही नहीं :सुब्रत घाटी

आसनसोल के प्रतिष्ठित व्यवसायी व समाजसेवी सुब्रत घाटी (मिठू) ने बताया कि मेहंदी लगाने को लेकर छात्रा की पिटाई करने की घटना की वह कड़ी निंदा करते हैं. सनातन धर्म में मेहंदी लगाना एक रीति रिवाज है और उसे शुभ माना जाता है. मेहंदी लगाने के कारण छात्रा की पिटाई करना गलत है. उस शिक्षिका के खिलाफ प्रशासन की तरफ से कार्रवाई की जाये. मिशनरी स्कूल हो या अन्य कोई स्कूल, किसी भी स्कूल में भेदभाव नहीं होना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी है कि किसी भी स्कूल के बच्चे की पिटाई करना अपराध माना जायेगा.

प्राचार्या के खिलाफ हो कड़ी कार्रवाई, मेहंदी लगाना सनातन रस्म : शंभूनाथ झा

आसनसोल चेंबर ऑफ कॉमर्स के सचिव शंभूनाथ झा ने कहा कि मेहंदी लगाकर स्कूल में जाने पर छात्रा की पिटाई, यह वाकई में एक निंदनीय घटना है और वे इसकी घोर निंदा करते हैं. सनातन धर्म के अनुसार मेहंदी लगाना एक रस्म है. शुभ अवसर पर मेहंदी लगाना शुभ होता है, रक्षा बंधन पर यदि छात्रा ने मेहंदी लगायी और स्कूल चली गयी तो उसके लिए बुरी तरह पिटाई को किसी भी हालत में स्वीकार नहीं की जा सकती. शिक्षिका के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. संत मेरी गोरेटी गर्ल्स हाइस्कूल में यदि इस प्रकार का कोई नियम कानून है कि मेहंदी, तिलक, मौली आदि प्रतिबंधित है तो इसकी पूरी जानकारी सभी को देना अनिवार्य है. इसके बावजूद भी कोई नियम तोड़े तो उसकी पिटाई नहीं की जा सकती है. दूसरे और भी तरीके हैं उन्हें अपनाना चाहिए.

भारतीय संस्कृति, सभ्यता और रीति रिवाजों पर अंकुश लगाना गलत मानसिकता: श्रीकांत प्रसाद

विहिप के जिला सचिव श्रीकांत प्रसाद ने कहा कि हाथों में मेंहदी लगाकर स्कूल जाने पर पिटाई की घटना काफी निंदनीय है. विहिप इसकी तीव्र निंदा करता है. उन्होंने कहा कि मिशनरी स्कूल भारतीय संस्कृति, सभ्यता और रीति रिवाजों को पालन करने से बच्चों को रोक रहे हैं और अपने नियम उनपर थोप रहे हैं. इसके खिलाफ विहिप आंदोलन करेगा. जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया जायेगा. निर्धारित समय के अंदर यदि उचित कार्रवाई नहीं हुई तो फिर सड़कों पर आंदोलन होगा. सोची समझी साजिश के तहत मिशनरी स्कूलों द्वारा भारतीय संस्कृति को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है. हिंदुओं के अधिकांश त्योहारों पर मिशनरीज स्कूलों में छुट्टियां नहीं रहती हैं. उसी समय परीक्षा या कुछ बड़ा कार्यक्रम डाल दिया जाता है, ताकि उनके स्कूल में पढ़नेवाले बच्चे अपने पर्व और रीति रिवाजों से दूर रहे.

देश में सरकारी अनुदान से चलने वाले मिशनरी स्कूलों का लक्ष्य कुछ और: श्रीराम सिंह

विहिप के जिला उपाध्यक्ष श्रीराम सिंह ने कहा कि यह बहुत की संवेदनशील मामला है. मिशनरी स्कूल भारत में सरकारी अनुदान से चल रहे हैं और यहां की संस्कृति को ही नष्ट करने को लेकर कार्य कर रहे हैं. मेहंदी लगाकर स्कूल में जाने पर छात्रा की पिटाई से यह बात साबित हुई है कि हिंदुओं की बच्चियों को उनके रीति रिवाजों का पालन करने से रोका जा रहा है. यह बहुत ही निंदनीय है. इसके खिलाफ आंदोलन की शुरुआत हो चुकी है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Exit mobile version