पानागढ़, मुकेश तिवारी : नव वर्ष के आने में बस कुछ ही दिन बाकी है लेकिन 25 दिसंबर यानी क्रिसमस से ही शीतकालीन स्कूल ,कॉलेज की छुट्टी होने से लोग पर्यटन के लिए और पिकनिक के लिए घरों से दूर निकलना शुरू कर देते है.
पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्दवान जिले के कांकसा ब्लॉक के वनकाठी ग्राम पंचायत अंतर्गत पर्यटन केंद्र देउल पार्क में भी एडवेंचर और प्राकृतिक सौंदर्यता के साथ ऐतिहासिक धरोहर देखने को मिलता है.
बीरभूम और पश्चिम बर्दवान जिले के मध्य बहने वाली अजय नदी के किनारे ही मौजूद घने जंगल के बीच देउल पार्क की खूबसूरती और एडवेंचर का अद्भुत संगम है. नए वर्ष में आने वाले पर्यटकों के आने के पूर्व पार्क और पार्क में मौजूद इंटरटेनमेंट के समस्त एडवेंचर के साथ ही गेस्ट हाउस आदि को सजाने का काम युद्ध स्तर पर शुरू है.
देउल पार्क के कार्यकर्ता सोमनाथ हाजरा ने बताया की पार्क को सजाने का काम युद्ध स्तर पर है . यहां पार्क में टॉय ट्रेन, बोटिंग, बंपर कार, झूला आदि कई इंटरटेनमेंट के सामान मौजूद है. इसके अलावे फूलों से सुगंधित पार्क, के साथ पार्क में ही मौजूद प्राचीन और ऐतिहासिक इच्छाई घोष का टीला भी मौजूद है.
इसी पार्क से सटा डियर पार्क भी है. पार्क के लीज होल्डर शंभू राय ने बताया की पिकनिक की व्यवस्था भी पार्क के भीतर मौजूद है. पानी आदि की व्यवस्था के साथ साथ अन्य सुविधाएं मौजूद है.
देउल पार्क स्थित अजय नदी के किनारे पिकनिक स्पॉट पर इस वर्ष भी पर्यटकों का आवागमन 25 दिसंबर से शुरू हो जाएगा. कांकसा का यह पर्यटन केंद्र इतिहास और प्रकृति का समागम है.
एक और जहां देउल पार्क में इच्छाई घोष का विशाल प्राचीन मंदिर है वही घने जंगल के मध्य ही वनों की देवी श्यामारूपा का प्राचीन मंदिर मौजूद है. देउल पार्क के साथ ही सटे वन क्षेत्र में मोर तथा हिरण पार्क भी मौजूद है .
जो आने वाले पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है.अजय नदी के किनारे मौजूद इस पार्क में अत्याधुनिक राइड भी मौजूद है. पार्क के आदिवासी संस्कृतिक की झलक के साथ प्राकृतिक सौंदर्यता पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करेगा.
देउल पार्क में पिकनिक मनाने आने वाले लोगों और पर्यटकों के लिए प्लास्टिक तथा थर्माकोल के सामानों तथा हाई डेंसिटी वाले साउंड बॉक्स पर प्रशासन द्वारा प्रतिबंध जारी किया गया है.