West Bengal : हिंदी भाषियों ने लिया निर्णय : कम्युनिटी सेंटर मिले पानागढ़ हिंदी हाई स्कूल को
पश्चिम बंगाल के पानागढ़ बाजार हिंदी अवैतनिक प्राथमिक विद्यालय और पानागढ़ बाजार हिंदी हाई स्कूल की भूमि पर बनी कम्युनिटी सेंटर पानागढ़ हिंदी हाई स्कूल को मिले इसे लेकर एक बैठक का आयोजन किया गया. जिसके बाद निर्णय लिया गया कि कम्युनिटी सेंटर मिले पानागढ़ हिंदी हाई स्कूल को ही मिलना चाहिए.
पश्चिम बंगाल के पानागढ़ बाजार हिंदी अवैतनिक प्राथमिक विद्यालय और पानागढ़ बाजार हिंदी हाई स्कूल की भूमि पर बनी कम्युनिटी सेंटर के पक्ष में दुर्गापुर अदालत द्वारा मिली राय के दो वर्ष बाद भी स्कूल की भूमि पर बनी कम्युनिटी सेंटर की संपत्ति स्कूल को अभी तक सुपुर्द नहीं किए जाने को लेकर सोमवार को हिंदी हाई स्कूल परिसर में इलाके के समाजसेवियों, विभिन्न राजनीतिक दल के हिंदी भाषी नेताओं तथा पूर्व छात्र और परिचालन कमेटी के सदस्यों के साथ शिक्षक-शिक्षिकाओं को लेकर एक बैठक की गई .सभी ने एक ही सुर में बैठक में निर्णय लिया कि हिंदी हाई स्कूल की संपत्ति हिंदी हाई स्कूल के सुपुर्द करनी होगी.
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बीडीओ को किया जाएगा आवेदन
आगामी एक सप्ताह के भीतर कांकसा थाने की पुलिस तथा स्थानीय कांकसा बीडीओ को कम्युनिटी सेंटर खाली कर स्कूल को सुपुर्द करने के लिए आवेदन किया जाएगा .आज हिंदी भाषियों ने एक सुर में स्कूल के पक्ष में स्कूल की संपत्ति को स्कूल को सुपुर्द करने को लेकर अपनी बात रखी. मौके पर हाई स्कूल परिचालन कमेटी के अध्यक्ष समीर विश्वास, हाई स्कूल के प्रधान शिक्षक जयंत कुमार पांडा, प्राथमिक विद्यालय की प्रधान शिक्षिका रेखा अगस्ती, पूर्व प्रधान शिक्षक सुरेश प्रसाद, प्राथमिक विद्यालय के पूर्व प्रधान शिक्षक रामाश्रय झा ,राम प्रवेश पांडे ,समेत समाजसेवी गुप्तेश्वर सिंह, रमन शर्मा ,कुलदीप सिंह, हरजीत सिंह निक्की ,सत्यप्रकाश केसरी, भोलू विश्वकर्मा, रविंद्र अग्रवाल, राजगुरु विश्वकर्मा, मुकेश तिवारी, मनजीत सिंह, बृजेश पांडे ,नरोत्तम सिंह, संदीप सिंह महल ,अभिषेक तिवारी, सुशील शर्मा, रामाधार पांडे, ललन भारती, वेद प्रकाश मिश्रा आदि गणमान्य लोग मौजूद थे.
21 लोगों की बनाई गई कमेटी
इस दौरान एक 21 लोगों की कमेटी भी बनाई गई है . यह कमेटी आईसी और बीडीओ को आवेदन करेगी की तत्काल कम्युनिटी सेंटर को खाली कर विद्यालय को उसकी संपत्ति सुपुर्द कराई जाए. बताया जाता है कि 2 वर्ष पूर्व ही विद्यालय को अदालत द्वारा डिग्री मिल गई थी, लेकिन कोरोना को लेकर इस पर निर्णय नहीं लिया जा रहा था. चुकी पंचायत समिति कम्युनिटी सेंटर को अपने कब्जे में रखी हुई थी और समिति द्वारा ठेका पर दिए गए ठेकेदार इसका आर्थिक लाभ ले रहे थे. मामले के तूल पकड़ने के बाद आज सर्वसम्मति से पानागढ़ के हिंदी भाषियों को लेकर की गई बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया.
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क्या है मामला
बताया जाता है की वाम मोर्चा सरकार के तहत पानागढ़ हिंदी हाई स्कूल की भूमि पर सांसद कोटे से एक कम्युनिटी सेंटर हॉल का निर्माण किया गया था. सरकार के जाने के बाद उक्त कम्युनिटी सेंटर पर मौजूदा तृणमूल सरकार के आने के बाद कांकसा पंचायत समिति ने अपने हाथ में कम्युनिटी सेंटर को ले लिया था.और उसे एक ठेकेदार को लीज पर दे दिया था .जिसमें कुछ हिस्सा पंचायत समिति और ठेकेदार उसका लाभ ले रहे थे. स्कूल को कुछ लाभ नहीं मिल रहा था . जब स्कूल एक कार्यक्रम के लिए हॉल मांगने गई तो स्कूल से पैसा मांगा गया .इसके बाद ही स्कूल ने अपनी भूमि को लेकर अदालत में आवेदन किया और लंबी लड़ाई के बाद स्कूल के पक्ष में दुर्गापुर अदालत से 12 जुलाई 2018 को डिग्री मिली.लेकिन इसके बाद भी चार वर्ष बीत गए कम्युनिटी सेंटर स्कूल को हैंडओवर नही मिला था.
रिपोर्ट : मुकेश तिवारी पानागढ़