भविष्यत क्रेडिट कार्ड के लिए आये 1400 युवा उद्यमियों के आवेदन

एमएसएमई माह के अंतिम चरण में शनिवार क अतिरिक्त जिलाधिकारी (जनरल) सुहासिनी ई ने एडीडीए कार्यालय के सभागार में पश्चिम बंगाल भविष्यत क्रेडिट कार्ड स्कीम (डब्ल्यूबीबीसीसीएस) की समीक्षा को लेकर एमएसएमई विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. इसमें एमएसएमई विभाग के डीआइसी प्रबीर मोहंती, विभागीय अधिकारी उत्तम लाहा आदि मौजूद थे.

By Prabhat Khabar News Desk | December 28, 2024 9:20 PM

आसनसोल.

एमएसएमई माह के अंतिम चरण में शनिवार क अतिरिक्त जिलाधिकारी (जनरल) सुहासिनी ई ने एडीडीए कार्यालय के सभागार में पश्चिम बंगाल भविष्यत क्रेडिट कार्ड स्कीम (डब्ल्यूबीबीसीसीएस) की समीक्षा को लेकर एमएसएमई विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. इसमें एमएसएमई विभाग के डीआइसी प्रबीर मोहंती, विभागीय अधिकारी उत्तम लाहा आदि मौजूद थे. एडीएम सुहासिनी ई ने बताया कि एमएसएमई माह में डब्ल्यूबीबीसीसीएस स्कीम के तहत 1400 से अधिक युवा उद्यमियों के आवेदन आये हैं. इस स्कीम को लेकर विभिन्न बैंकों के अधिकारियों के साथ आगामी तीन जनवरी को बैठक की जायेगी. जिसमें लोन या कर्ज के सैंक्शन और डिसबर्समेंट पर विचार-विमर्श किया जायेगा. 28 दिसंबर को एमएसएमई महीने का अंतिम चरण समापन हो गया. बताया गया कि राज्य में हथकरघा और हस्तशिल्प सहित सूक्ष्म, लघु और मझोले (एमएसएमई) उद्योगों के विकास में एक उत्कृष्ट ट्रैक रिकार्ड रहा है. कुल औद्योगिक उपक्रमों का लगभग 99 प्रतिशत एमएसएमई क्षेत्र से संबंधित है और फिर से 98 प्रतिशत एमएसएमई सूक्ष्म उद्यम हैं.

राज्य के शिक्षित युवाओं की एक महत्वपूर्ण संख्या, जिनके पास उद्यमशीलता कौशल है और जो सूक्ष्म उद्यम स्थापित करके आत्मनिर्भर बनना चाहते हैं. लेकिन उनकी ऋृण आवश्यकताओं तक पहुंच नहीं के बराबर है. इसलिए युवाओं को स्वरोजगार बनने में मदद करने के उदेश्य से स्कीम को चालू किया गया था. जिससे आय सृजन, धन सृजन और राज्य के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों का सृजन हो सके. ऐसी परिस्थितियों में कर्मसाथी प्रकल्प के स्थान पर (18-55) वर्ष की आयु के युवा उद्यमियों के लिए नई योजना पश्चिम बंगाल भविष्यत क्रेडिट कार्ड स्कीम (डब्ल्यूबीबीसीसीएस) शुरू किया गया. व्यवसाय, कृषि आधारित गतिविधियों में उद्यम, प्रोजेक्ट, सूक्ष्म उद्यम स्थापित करने के लिए सब्सिडी से जुड़े और मार्जिन मुक्त ऋण की पेशकश की जा रही है. मार्जिन मनी के रूप में सब्सिडी के अतिरिक्त सरकार बैंकों के माध्यम से प्रत्येक परियोजना के लिए ऋण राशि पर उधारकर्ता को केवल 4 प्रतिशत प्रति वर्ष की रियायती ब्याज दर की पेशकश कर रही है.

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