जामुड़िया.
परसिया स्थित बाउरी समाज के कार्यालय में गुरुवार को आयोजित बैठक में कोयलांचल क्षेत्र में बढ़ते भू-धंसान की समस्या पर गंभीर चिंता जतायी गयी. बैठक में उपस्थित लोगों ने इस समस्या के समाधान के लिए एकजुट होकर आंदोलन करने का निर्णय लिया. बाउरी समाज शिक्षा समिति के राज्य अध्यक्ष सीमांत बाउरी ने कहा कि कोयलांचल क्षेत्र में भू-धंसान की समस्या सबसे बड़ी चुनौती बन गयी है. न्यू केंदा के साथ-साथ परसिया, कुलडांगा, जामबाद और बेनीयाडी जैसे इलाकों में भी भू-धंसान की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिससे जान-माल का नुकसान हो रहा है. बाउरी समाज ने मांग की कि इसीएल प्रबंधन को इन सभी प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को जमीन के बदले जमीन, उचित मुआवजा और रोजगार की व्यवस्था करनी चाहिए. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इसीएल प्रबंधन इन मांगों को पूरा नहीं करता है तो बाउरी समाज व्यापक स्तर पर आंदोलन करने के लिए मजबूर होगा. बैठक में बाउरी समाज शिक्षा समिति के जामुड़िया संयोजक आकाश बाउरी ने कहा कि केंदा गांव में भू-धंसान प्रभावित लोगों के आंदोलन के बाद इसीएल ने सर्वे का काम शुरू किया था. अब अन्य प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को भी इसीएल प्रबंधन को पुनर्वासित करने और मुआवजा देने की व्यवस्था करनी चाहिए. बैठक में बाउरी समाज शिक्षा समिति के पश्चिम बंगाल राज्य अध्यक्ष सीमांत बाउरी, जिला अध्यक्ष निताई बाउरी, जामुड़िया विधानसभा संयोजक आकाश बाउरी, ग्वाला समाज के राज्य अध्यक्ष नयन गोप, प्रबीर मंडल, दारा बाउरी, रवि हांसदा, चंद्रिका भुला सहित कई अन्य प्रमुख सदस्य उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है