आ गया जयदेव मेला, फिर भी अजय नदी पर बने सेतु से नहीं गुजर पायेंगे लोग
कांकसा व जयदेव के बीच बन गया है सेतु, पर लोकार्पण का इंतजार
मकर संक्रांति पर बीरभूम के जयदेव मेला में उमड़ती है लोगों की भारी भीड़ पानागढ़. पश्चिम बर्दवान जिले के कांकसा शिवपुर घाट और बीरभूम जिले के जयदेव के बीच अजय नदी पर सेतु लगभग बन कर तैयार हो गया है, लेकिन इसका लोकार्पण नहीं होने से लोग आवाजाही को तरस रहे हैं. लोगों की शिकायत है कि मकर संक्रांति पर लगनेवाला जयदेव मेला भी आ गया और सेतु करीब-करीब बन कर तैयार हो गया है, फिर भी जाने क्यों इस सेतु का लोकार्पण नहीं कराया जा रहा है. दोनों जिलों के लोगों के हित में सेतु को आवाजाही के लिए खोल दिया जाना चाहिए. लेकिन अभी तक इस सेतु के लोकार्पण की कोई आधिकारिक सूचना नहीं है. इससे दोनों जिलों के लोगों में काफी निराशा है. दोनों ही जिलों के लोगों ने कहा कि अजय नदी पर स्थायी सेतु बन कर तैयार हो गया है. आशा थी कि इस बार मकर संक्रांति के समय बीरभूम जिले के जयदेव-केंदुली में लगनेवाले जयदेव मेला के दौरान नवनिर्मित सेतु को आवाजाही के लिए चालू कर दिया जायेगा. लेकिन अभी तक इस दिशा में अधिसूचना जारी नहीं की गयी है. इसे लेकर ही दोनों जिलों के लोगों में भारी मायूसी देखी जा रही है. मिली जानकारी के मुताबिक पश्चिम बर्दवान के कांकसा व बीरभूम के जयदेव के बीच अजय नदी पर सेतु का काम लगभग पूरा हो चुका है. यदि इस समय सेतु को लोगों के लिए खोल दिया जाता, तो दोनों ही जिलों के लोगों के साथ इस बार जयदेव मेला में भक्तों, पर्यटकों आदि को सहूलियत हो जाती. मालूम रहे कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश के बाद ही कांकसा और जयदेव मेला को देखते हुए इस सेतु का निर्माण कार्य वर्ष 2018 में शुरू किया गया था. 130 करोड़ रुपये की लागत से इस सेतु को मार्च 2024 तक बन जाना था. लेकिन इसमें 10 मास का विलंब हो गया है. अब यह सेतु अपने लोकार्पण की बाट जोह रहा है. इस वर्ष जयदेव मेला में आनेवाले कई भक्तों ने कहा कि राज्य की मुख्यमंत्री को इस दिशा में उपयुक्त कदम उठाना चाहिए, ताकि मेले के दौरान दोनों जिलों के लोग नवनिर्मित सेतु से गुजर सकें. स्थानीय लोगों ने कहा कि यदि इस सेतु का लोकार्पण हो जाता है, तो दुर्गापुर से इलमबाजार होते हुए मोचीपाड़ा तक सड़क की दूरी कम से कम 30 किलोमीटर घट जायेगी. अजय नदी पर बने नये सेतु से इलमबाजार होते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच)-19 पर मोचीपाड़ा से आसानी से पहुंचा जा सकता है. जाहिर है, यह सेतु दो जिलों के बीच संपर्क कायम करने में मील का पत्थर साबित होगा.
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