निजी मालिकाना की जमीन की टूटी चहारदीवारी, विरोध के बाद काम बंद

आसनसोल नगर निगम के वार्ड संख्या 58 अंतर्गत सतइसा इलाके में निजी मालिकाना के जमीन पर वेस्ट बंगाल स्टेट इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड (डब्ल्यूबीएसइटीसीएल) के हाईटेंशन बिजली लाइन का टावर बैठने को लेकर शनिवार को इलाके में भारी तनाव का माहौल रहा.

By Prabhat Khabar News Desk | September 28, 2024 9:26 PM

आसनसोल

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आसनसोल नगर निगम के वार्ड संख्या 58 अंतर्गत सतइसा इलाके में निजी मालिकाना के जमीन पर वेस्ट बंगाल स्टेट इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड (डब्ल्यूबीएसइटीसीएल) के हाईटेंशन बिजली लाइन का टावर बैठने को लेकर शनिवार को इलाके में भारी तनाव का माहौल रहा. पुलिस की मौजूदगी में निजी जमीन पर बने 20 फीट की चारदीवारी को पोकलेन मशीन लगाकर ध्वस्त कर दिया गया. इसी दौरान भारी संख्या में स्थानीय लोग पहुंचे और इसका विरोध शुरू कर दिया. कुछ महिलाएं पोकलेन मशीन के सामने लेट गयी. जिससे कार्य रोकना पड़ा और पुलिस बल वापस लौट आयी. पुलिस उपायुक्त (सेंट्रल) ध्रुब दास ने कहा कि जिलाधिकारी के आदेश पर वहां पोल बैठाने का कार्य शुरू करवाने के लिए पुलिस बल को कानून व्यवस्था बरकरार रखने में मदद के लिए भेजा गया था. गौरतलब है कि डब्ल्यूबीएसइटीसीएल का 33,000 वोल्ट का बिजली का एक टावर बड़ोधेमो मौजा के दाग नम्बर 979 में दो लोगों के जमीन पर बैठाने को लेकर लंबे समय से कार्य अधर में लटका पड़ा है. दो लोगों के अलावा इस दाग में अन्य अनेकों का जमीन भी है. यहां स्थित जमीन एक मालिक आदेश बाउरी ने कहा कि पांच लोगों के नाम पर साढ़े चौदह कट्ठा जमीन एक ही बाउंड्री में है. जिसमें उनका खुद का, अनिता सिंह, तपन बाउरी, पुष्पा बाउरी और जयश्री बाउरी का है. दो साल पहले जमीन खरीदा था और चारदीवारी का निर्माण कराया गया. इसमें अनिता सिंह और जयश्री बाउरी के जमीन पर टावर बैठेगा. 33,000 वोल्ट का हाईटेंशन लाइन का टावर जमीन के उपर से गुजरने पर उस जमीन का कोई मूल्य नहीं है. वहां भविष्य में कुछ भी नहीं किया जा सकता है. इसे लेकर जिलाधिकारी की सुनवाई में भी इस मुद्दा को बताया गया था.

जमीन के बदले जमीन या पूरी जमीन की कीमत दे बिजली विभाग

श्री बाउरी ने कहा कि विकास का कार्य हो, इसमें वे लोग बाधक नहीं हैं लेकिन लोगों को मारकर विकास करना है तो सरकार जो चाहे कर सकती है. जिस जमीन पर टावर बैठाने की बात हो रही है, वहां पूरा जमीन बिजली विभाग अधिग्रहण करके सरकारी कीमत के आधार पर मुआवजा दे या फिर उतना ही जमीन आसनसोल से गोपालपुर के बीच में जीटी रोड के किनारे कहीं भी दे दे, वे लोग वहां से हट जाएंगे.

जबरन भूमि अधिग्रहण के खिलाफ हैं सीएम, फिर भी हो रहा कार्य

जमीन के मालिकों ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी किसी का भी जमीन जबरन अधिग्रहण करने के खिलाफ है, यह पूरे देश के लोग जानते हैं. इसके बावजूद मुआवजा का फैसला हुए बगैर बिजली विभाग ने पुलिस बल की मदद से 20 फीट की चारदीवारी को तोड़ दिया. राज्य में क्या दो तरह की नीति चलती है. एक ओर जबरन लोगों का जमीन अधिग्रहण करने के लिए टाटा को हटा दिया गया और दूसरी ओर यहां जबरन लोगों का जमीन सरकारी संस्था हड़प रही है. इसे लेकर राज्य की मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, राज्य के नेता, मंत्री सभी को पत्र भेजा गया है. इसके बावजूद शनिवार की यह कार्रवाई सभी के लिए चिंता का विषय है. बगैर उचित मुआवजा के जमीन लिया गया तो यहां टावर का निर्माण लोगों की लाश पर होगा.

सुबह 8:30 बजे चारदीवारी तोड़े जाते समय पहुंचे लोग

बिजली विभाग के लोग पुलिस को साथ लेकर सुबह साढ़े आठ बजे सतइसा में पहुंच गये. लोग कुछ समझ पाते इससे पहले ही पोकलेन लगाकर चारदीवारी को गिराने का काम शुरू हो गया. भारी पुलिस बल की तैनाती थी. घटनास्थल से कुछ दूरी पर भी भारी पुलिस बल को रिजर्व में रखा गया था. स्थनीय लोग पहुंचे और कार्य का विरोध करना शुरू किया. इस दौरान जीटी रोड भी अवरोध किया गया. हालांकि पुलिस ने रोड खाली करा दिया. लोगों के भारी विरोध को देखते हुए साढ़े नौ बजे कार्य रोक दिया गया. सूत्रों के अनुसार दूर्गापूजा के दौरान इलाके में तनाव न फैले, इसबात को देखते हुए कार्य रोककर पूरी टीम वापस लौट आयी. पूजा बाद पुनः यहां कार्य शुरू करने के लिए एकबार और प्रशासन अपनी प्रक्रिया अपनाएगी.

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