आसनसोल: पश्चिम बंगाल के आसनसोल कमिश्नरेट पुलिस ने कोयला के अवैध कारोबार पर बड़ी कार्रवाई की है. पड़ोसी राज्य झारखंड के धनबाद जिला के विभिन्न इलाकों से बंगाल के विभिन्न इलाकों में भेजी जा रही अवैध कोयला की बड़ी खेप पकड़ी है. बंगाल झारखंड सीमा एनएच-19 पर डुबूडी नाका के पास जांच के दौरान मंगलवार रात से बुधवार भोर तक नियमित अंतराल पर कुल 21 कोयला लदे ट्रकों को पकड़ा गया.
डीसीपी (वेस्ट) अभिषेक मोदी ने बताया कि 14 प्राथमिकी दर्ज की गयी है. इन 14 ट्रकों में कोयला से जुड़ा कोई वैध कागजात नहीं मिला. इनके चालकों को भी गिरफ्तार किया गया है. कुल्टी थाना में दो अलग-अलग मामला दर्ज हुआ है. दोनों मामलों से 7-7 आरोपियों का चालान किया गया. कुल्टी थाना कांड संख्या 36 में तीन आरोपियों को पांच दिन और कुल्टी थाना कांड संख्या 37 में तीन आरोपियों को आठ दिनों की पुलिस रिमांड मिली है.
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ट्रकों में नहीं मिले कोयला से जुड़े वैध कागजात, 7 ट्रकों की हो रही है जांच
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डुबूडी नाका पर जांच में पकड़े गये ट्रक, 14 पर दर्ज की गयी प्राथमिकी
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धनबाद से बशीरहाट, कृष्णानगर, मुर्शिदाबाद के ईंटभट्ठों जा रहा था कोयला
डीसीपी (वेस्ट) ने बताया कि अन्य आरोपियों की जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी और सभी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. रिमांड अवधि में इस कारोबार के बारे में कई और खुलासा होने की संभावना है. सूत्रों के अनुसार, जब्त किये गये 7 ट्रकों के कागजात की जांच की जा रही है.
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सनद रहे कि बंगाल के विभिन्न इलाकों में दुर्गापूजा के बाद से ही कोयले की मांग में भारी बढ़ोतरी हो जाती है. बिहार, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में भी कोयले की मांग बढ़ जाती है. कोयले की खपत ईंट भट्ठों में सबसे अधिक होती है. इस मांग का अधिकतर हिस्सा इसीएल और बीसीसीएल के इलाके से ही पूरा किया जाता है.
बंगाल के मुर्शिदाबाद, कृष्णानगर, बशीरहाट समेत अन्य इलाकों के अलावा भी विभिन्न उद्योगों में कोयले की भारी खपत होती है. झारखंड का एक सिंडिकेट अवैध कोयले के जरिये इस मांग की पूर्ति की जा रही थी. इसकी सूचना मिलते ही कमिश्नरेट पुलिस ने जांच में तेजी लायी और एक रात में 21 ट्रक कोयला जब्त हुआ.
बंगाल में अवैध कोयला कारोबार पर अंकुश लगने के बाद झारखंड में स्थित वैध कोयला डेपो से अवैध कागजात के आधार पर कोयला भेजने का कारोबार धड़ल्ले से शुरू हुआ. कमिश्नरेट क्षेत्र के विभिन्न थाना इलाकों से भी कोयला निकलता है और एनएच पर चढ़ते ही झारखंड के किसी न किसी कोयला डेपो से जीएसटी के साथ सारा कागजात मिल जाता है और यह कोयला वैध होकर निकल जाता है. इसी तरह झारखंड से भी फर्जी कागजात के साथ कोयला निकलता है.
सूत्रों के अनुसार, मंगलवार की रात को जो गाड़ियां पकड़ी गयीं, उसमें से गोविंदपुर, बरवाअड्डा, मुगमा, निरसा इलाके से गाड़ी लोड हुई थी. कोयला चोरी का होता है. 400 रुपये टन पर यह कोयला वैध बन जाता है. डेपो से फैक्टरी का चालान, वन विभाग का एक कागज, जीएसटी और वे-बिल मिल जाता है. इसके आधार पर कोयला वैध होकर निकल जाता है.
Posted By: Mithilesh Jha