चोरी का माल खरीदने वाले नाई को भेजा गया पुलिस रिमांड में
बेहद कम समय में अधिक कमाई के पीछे कई बार अपराध का हाथ होता है. ऐसा ही नजारा दुर्गापुर में दिखा. जहां उज्जवल प्रमाणिक नामक एक नाई जो घूम घूम कर लोगों के बाल काटने का काम करता था, 10 वर्षों में करोड़ों का मालिक बन बैठा. फिलहाल वह कोकओवन थाने की पुलिस की कस्टडी में है.
दुर्गापुर.
बेहद कम समय में अधिक कमाई के पीछे कई बार अपराध का हाथ होता है. ऐसा ही नजारा दुर्गापुर में दिखा. जहां उज्जवल प्रमाणिक नामक एक नाई जो घूम घूम कर लोगों के बाल काटने का काम करता था, 10 वर्षों में करोड़ों का मालिक बन बैठा. फिलहाल वह कोकओवन थाने की पुलिस की कस्टडी में है. दो दिन पहले कोक ओवन थाने की पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर उज्जवल प्रमाणिक के सेलून एवं ठिकाने पर छापामारी कर चोरी की गयी 16 मोटरसाइकिलें एवं 60 से अधिक महंगे मोबाइल फोन बरामद किये. आरोपी थाना क्षेत्र के सिनेमा रोड स्थित देशबंधु नगर का रहने वाला है. उज्जवल प्रमाणिक की सिनेमा रोड के किनारे सेलून की दुकान है. आरोपी के खिलाफ केस संख्या 245 / 24 के तहत भारतीय न्याय संहिता की धारा संख्या 303(2 )/317( 2 )/3 17 (4 )/317( 5)/ 3(5) ऑफ बीएनएस 2023 के तहत मामला दर्ज किया गया है. गुरुवार को उसे दुर्गापुर महकमा अदालत में पेश कर आरोपी को 6 दिनों की पुलिस रिमांड में लिया.कम उम्र के चोरों, छिनतई करने वालों के साथ उज्ज्वल की थी जान पहचान
पेश से नाई उज्जवल के पास पाये गये अधिकांश माल चोरी के अथवा लोगों से छीने हुए थे. जो कम उम्र के लड़कों ने कम कीमत पर बेचा था अथवा बंधक के तौर पर रखा था. सूत्रों का कहना है कि उज्जवल प्रमाणिक के बड़ा आदमी बनने के पीछे शहर एवं आसपास के अन्य शहरों के कम उम्र के चोर छिनताई करने वालों का हाथ है. चोरी अथवा छिनताई किये गये सामान जैसे मोबाइल, सोने की चेन, लॉकेट, मोटरसाइकल को चोर उज्जवल के पास बंधक रखकर उसके बदले कुछ रुपये ले लिया करते थे. उज्जवल उनसे बॉन्ड पेपर पर साइन करा के कुछ रुपया दे दिया करता था. उसके बाद बॉन्ड पेपर में उज्ज्वल निर्धारित समय में वापस करने की बात कह साइन करा लिया करता था. समय पर रुपये का भुगतान न करने पर बंधक के तौर पर दिये गये कीमती सामान उज्जवल के हो जाते थे. इस तरह उज्जवल कम समय में काफी पैसों का मालिक बन गया था.
सैलून की आड़ में खरीद रहा था चोरी का माल
चोरी का माल खरीदने का आरोपी उज्जवल प्रमाणिक मूल रूप से पुरुलिया जिले का रहने वाला है. उसके पिता मिहिर प्रमाणिक अपने परिवार के साथ दो दशक पहले रोजगार के तलाश में दुर्गापुर आये थे. जो सिनेमा रोड, स्टेशन बाजार, बस स्टैंड पर छोटा सा लकड़ी का बक्सा लेकर घूम-घूम कर राहगीरों के बाल काटकर या उनका दाढ़ी बनाकर जीवन बिताते थे. कुछ दिनों के बाद मिहिर का पुत्र उज्जवल, पिता का हाथ बंटाने लगा एवं घूम-घूम कर लोगों की शेविंग का धंधा करने लगा. पिता के निधन के बाद उज्जवल सिनेमा रोड के सड़क किनारे दुकान किराये पर लेकर लोगों की हजामत बनाने लगा. स्थानीय लोगों का कहना है कि सेलून दुकान में लोगो की शेविंग करते करते उज्जवल का अपराधियों के साथ संपर्क हो गया. उज्जवल ने पहले छोटे छोटे समान बंधक रखकर लोगों को ब्याज पर रुपये देने का काम शुरू किया. कुछ दिनों के बाद उसका यह धंधा चल पड़ा. एवं कुछ ही वर्षों में उसे अधिक मुनाफा होने लगा था. सूत्रों का कहना है कि छोटे से किराये के कमरे में रहने वाला उज्जवल ने दस वर्षों में करोड़ो की संपति बना ली. वर्तमान समय में उज्ज्वल सिनेमा रोड के देश बंधु नगर इलाके में करीब 28 लाख रुपये की कीमत वाले तीन मंजिला घर के अलावा दो महंगी कार एवं काफी बैंक बैलेंस का मालिक है.
कम उम्र के बच्चों को अपराध से हटाने के लिए पुलिस प्रयासरत
चोरी का माल बरामद करने की कोक ओवन थाने की कामयाबी पर डीसीपी (ईस्ट ) अभिषेक गुप्ता ने कहा कि कमिश्नर के निर्देश पर चोरी की घटना को अंजाम देकर उन्हें खपत करने वालों को लेकर अभियान शुरू किया गया है. इस तरह के कांड में अक्सर कम उम्र के बच्चों के ही अपराध से जुड़े रहने की शिकायत मिलती है. विभाग ने इस तरह के बच्चों को अपराध की दुनिया से हटाकर उन्हें सामान्य जीवन जीने के लिए प्रेरित करने का कार्य शुरू किया है. ऐसे कई बच्चों को विभाग की ओर से सुधार गृह भेजा गया है. इस मामले में भी ऐसी ही घटना सामने आ रही है. फिलहाल चोरी का माल ठिकाने लगाने वाले आरोपी को रिमांड पर लेकर बरामद बरामद किये गये सामान किन लोगों के हैं, इसकी भी जांच की जायेगी. इसके अलावा यह भी पता लगाया जायेगा कि अब तक उसने कितने सामान को ठिकाने लगाया है या आगे किसे बेचा है.
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