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रेल प्रशासन की दुकानों को तोड़ने के नोटिस से व्यापारियों में चिंता

रेल प्रशासन की ओर से आद्रा स्टेशन को अमृत भारत स्टेशन के तहत विकसित स्टेशन बनाने का का कार्य आरंभ किया गया है. लेकिन इस कार्य को पूरा करने के लिए स्टेशन परिसर में काफी जमीन की आवश्यकता है. आद्रा स्टेशन के नॉर्थ एवं साउथ दोनों क्षेत्रों में विकास का कार्य चल रहा है.

पुरुलिया.

रेल प्रशासन की ओर से आद्रा स्टेशन को अमृत भारत स्टेशन के तहत विकसित स्टेशन बनाने का का कार्य आरंभ किया गया है. लेकिन इस कार्य को पूरा करने के लिए स्टेशन परिसर में काफी जमीन की आवश्यकता है. आद्रा स्टेशन के नॉर्थ एवं साउथ दोनों क्षेत्रों में विकास का कार्य चल रहा है. लेकिन नार्थ क्षेत्र में जमीन की सबसे अधिक कमी है. यहां रेलवे की जमीन पर अवैध रूप से सैकड़ों की तादाद में दुकान बने हुए हैं. जिसमें वर्षों से लोग तरह-तरह के व्यापार कर रहे हैं. रेल प्रशासन का कहना है कि जो भी रेलवे की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर व्यापार कर रहे हैं उन्हें जल्द से जल्द उन दुकानों को वहां से हटा लेना होगा. इसे लेकर रेल प्रशासन द्वारा हर व्यापारी को एक नोटिस भी दी गयी है. कुछ दिनों पहले रेल प्रशासन की ओर से अतिक्रमण हटाने का कार्य शुरू करने की कोशिश हुई थी लेकिन स्थानीय तृणमूल कांग्रेस के साथ व्यापारियों द्वारा तीव्र प्रतिवाद करने के कारण यह कार्य रुक गया.

रेल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस माह के अंत में या मार्च महीने के पहले सप्ताह में अवैध रूप से रेलवे की जमीन पर डेढ़ सौ से अधिक दुकानों को तोड़ दिया जायेगा. रेल सूत्रों के मुताबिक इसके लिए सभी प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है. बड़ी संख्या में आरपीएफ के जवान तथा राज्य पुलिस की उपस्थिति में अतिक्रमण हटाने का कार्य आरंभ किया जायेगा क्योंकि रेल प्रशासन द्वारा आद्रा स्टेशन को आधुनिक स्टेशन बनाने के लिए करोड़ों रुपये प्रदान किये गये हैं. इस कार्य में जमीन की कमी के कारण बाधा आ रही है. इसलिए अतिक्रमण हटाना आवश्यक है.

इस बीच व्यापारी संगठन द्वारा रेल प्रशासन को पत्र लिखकर आवेदन किया गया है कि रेल प्रशासन को पहले व्यापारियों के लिए एक वैकल्पिक स्थान प्रदान करनी होगी ताकि वे अपना व्यापार अन्यत्र आरंभ कर सकें क्योंकि वर्षो से सैकड़ों की तादाद में व्यापारी यहां व्यापार कर अपना जीवनयापन कर रहे हैं. ऐसे में अचानक उनकी दुकान को तोड़ देने पर उन्हें आर्थिक तथा सामाजिक रूप से समस्या होगी. हालांकि रेल प्रशासन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रेल प्रशासन इस पर बाद में विचार करेगा पहले अतिक्रमण हटाने का कार्य जल्द आरंभ होगा.

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