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रानीगंज हाइस्कूल में गबन व हिंसा का मामला: तीन शिक्षकों व एक शिक्षा कर्मी के खिलाफ दर्ज करें एफआइआर

पश्चिम बर्दवान के बांग्ला माध्यम स्कूल, रानीगंज हाइस्कूल में चल रहे गबन और हिंसा के मामले में एक नया मोड़ आया है. राज्य के माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने जिला शिक्षा अधिकारी (डीआइ) को विद्यालय के तीन शिक्षकों और एक शिक्षाकर्मी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने का आदेश दिया है.

रानीगंज.

पश्चिम बर्दवान के बांग्ला माध्यम स्कूल, रानीगंज हाइस्कूल में चल रहे गबन और हिंसा के मामले में एक नया मोड़ आया है. राज्य के माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने जिला शिक्षा अधिकारी (डीआइ) को विद्यालय के तीन शिक्षकों और एक शिक्षाकर्मी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने का आदेश दिया है.

मामले की जानकारी के अनुसार, इस साल 22 जून को विद्यालय के प्रधानाध्यापक पर हमला कर उनके बाएं हाथ की एक उंगली तोड़ दी गयी थी. आरोपी विजय दास को पांच दिन जेल में रहने के बाद जमानत पर रिहा किया गया था. इसके बाद पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष ने उन्हें निलंबित कर दिया. निलंबन हटाने के लिए विजय दास ने कोलकाता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था उच्च न्यायालय ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को इस मामले को सुनवाई के माध्यम से निपटाने का निर्देश दिया.

इससे पहले, विद्यालय की प्रबंधन समिति के अध्यक्ष और रानीगंज के विधायक तापस बंद्योपाध्याय ने विजय दास सहित तीन शिक्षकों (विजय की पत्नी पापिया मंडल, स्नेहाशीष भट्टाचार्य) और एक शिक्षाकर्मी सौमित्र मान के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का अनुरोध करते हुए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को पत्र लिखा था. इनके खिलाफ आर्थिक गड़बड़ी और अनुशासनहीनता के कई आरोप थे. सूत्रों के अनुसार, डीआइ ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को एक पत्र लिखकर शिकायत की पुष्टि की है. इसके बाद 30 सितंबर को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने एक सुनवाई आयोजित की गई थी. इसमें विजय दास, पश्चिम बर्दवान जिले के डीआइ के प्रतिनिधि सहित संबंधित प्रतिनिधि उपस्थित थे. इसके बाद 29 अक्टूबर को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने एक निर्देश जारी किया जिसमें कहा गया कि अकादमिक परिषद को 21 दिनों के भीतर विजय दास सहित इन चारों के खिलाफ सभी आरोपों के बारे में एक रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही, पश्चिम बर्दवान जिले के डीआइ को इन चारों के खिलाफ आवश्यक दस्तावेजों के साथ रानीगंज थाने में लिखित शिकायत दर्ज करने का निर्देश दिया गया है.

विद्यालय के सूत्रों से पता चला है कि विजय दास ने कई मुकदमे दायर किये थे, जो सभी खारिज कर दिये गये. स्नेहाशीष और सौमित्र पर विद्यालय के आवास पर कब्जा करने और अन्य आरोप हैं. इसके अलावा, सौमित्र के पास तीन अलग-अलग जन्मतिथियों के दस्तावेज होने का भी आरोप है. जबकि विजय दास पर आर्थिक गड़बड़ी का आरोप है. विद्यालय के सूत्रों से पता चला है कि 2014 से 2019 तक विजय दास विद्यालय के वित्तीय मामलों को देखते थे. इस दौरान आर्थिक गड़बड़ी के कई आरोप लगे. उनकी पत्नी पापिया को भी इसमें शामिल माना जाता है. इन सबके आधार पर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने इन चारों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का आदेश दिया है.

इस संबंध में विद्यालय के प्रधानाध्यापक प्रतीम चट्टोपाध्याय ने कहा कि ये चारों लोग विद्यालय में कोई नियम नहीं मानते थे और एक डरावना माहौल बना रखा था. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के इस आदेश से सत्य की जीत हुई है. दूसरी ओर, आरोपी चारों से संपर्क नहीं हो पाया है. विजय दास और स्नेहाशीष ने फोन नहीं उठाया. डीआई देबाशीष सरकार कोई टिप्पणी करने के लिए तैयार नहीं थे.जबकि विधयक तापस बनर्जी ने फोन तो उठाया लेकिन कोई बात नहीं की.

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