रानीगंज हाइस्कूल चुनाव विवाद का हुआ निपटारा, चुनाव निष्पक्ष घोषित
रानीगंज हाइस्कूल प्रबंधन समिति के गठन को लेकर शिक्षकों और शिक्षण कर्मचारियों के चयन से जुड़े विवाद पर विराम लग गया है. पश्चिम बंगाल मध्य शिक्षा परिषद ने चुनाव को पूरी तरह से निष्पक्ष घोषित किया है. मंगलवार को रानीगंज हाइस्कूल की प्रबंध समिति के गठन को लेकर शिक्षकों एवं शिक्षण कर्मियों के चयन के लिए पांच पेज का दिशानिर्देश रानीगंज हाइस्कूल में आ गया,और जिससे तीन दिशा निर्देशों के माध्यम से शिक्षक शिक्षाकर्मियों की जीत सुनिश्चित की गयी.
रानीगंज.
रानीगंज हाइस्कूल प्रबंधन समिति के गठन को लेकर शिक्षकों और शिक्षण कर्मचारियों के चयन से जुड़े विवाद पर विराम लग गया है. पश्चिम बंगाल मध्य शिक्षा परिषद ने चुनाव को पूरी तरह से निष्पक्ष घोषित किया है. मंगलवार को रानीगंज हाइस्कूल की प्रबंध समिति के गठन को लेकर शिक्षकों एवं शिक्षण कर्मियों के चयन के लिए पांच पेज का दिशानिर्देश रानीगंज हाइस्कूल में आ गया,और जिससे तीन दिशा निर्देशों के माध्यम से शिक्षक शिक्षाकर्मियों की जीत सुनिश्चित की गयी. गौरतलब है कि शिक्षकों और शिक्षाकर्मियों के प्रतिनिधियों के लिए चुनाव प्रक्रिया 13 मार्च 2023 को पूरी हुई थी, जहां परिणाम घोषित होने के बाद स्कूल शिक्षक तथागत हालदार को सबसे ज्यादा वोट मिले थे. रतन मुखर्जी को 3633 देवाशीष सरकार 3634 और गौतम बारीक को 3635 वोट मिले थे. ये सभी टीआर तथा एनटीआर के रूप में चुने गये थे, हालांकि बाद में शिक्षक विजय दास ,स्नेहाशीष भट्टाचार्य और सौमित्र कुमार मान ने वोटिंग प्रक्रिया को चुनौती देते हुए कलकत्ता हाइकोर्ट की सिंगल बेंच में याचिका दायर की, उन्हें क्रमशः तीन, दो और एक वोट मिले थे.मामले पर लंबी सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ इंटरमीडिएट एजुकेशन को सुनवाई के माध्यम से मामले का निपटारा करने का निर्देश दिया. सभी पक्षों के बयानों को सुनने और तथ्यों की जांच करने के बाद, पश्चिम बंगाल मध्य शिक्षा परिषद के अध्यक्ष रामानुज गांगुली ने अपने अंतिम निर्णय में सूचित किया है कि 2023 में 13 मार्च को संपन्न हुआ चुनाव निष्पक्ष और स्वतंत्र था और पारदर्शिता के साथ हुआ. सभी आरोप निराधार और अनुचित हैं. यह भी बताया गया कि इस संबंध में स्कूल अधिकारियों के खिलाफ आगे कोई कार्रवाई नहीं की जायेगी. उन्होंने चुनाव प्रक्रिया को लेकर सभी मामलों को निपटारा कर दिया.
इस बारे में जब तथागत हालदार से बात की तो उन्होंने कहा कि उन्हें पहले से ही भरोसा था कि उन्हें इंसाफ मिलेगा क्योंकि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया था. पूरी निष्पक्षता के साथ चुनाव हुआ था और कहीं कोई गड़बड़ी नहीं थी. मध्य शिक्षा परिषद ने भी इसे स्वीकार किया और सही फैसला दिया. दूसरी तरफ गौतम बारिक का कहना है कि वह इस फैसले से बेहद खुश हैं. उन्हें पहले से ही भरोसा था कि परिषद में इसी तरह का कोई फैसला आयेगा क्योंकि उनकी तरफ से कभी कोई गलत काम नहीं किया गया है. यही वजह है कि झूठे आरोप लगाने वाले लोगों की हार हुई. रत्न मुखर्जी ने भी फैसले पर खुशी जतायी. इस बारे में स्कूल के प्रधान शिक्षक प्रथम चटर्जी ने कहा कि 2023 के मार्च महीने में स्कूल की मैनेजिंग कमेटी का चुनाव हुआ था. यह चुनाव सभी शिक्षकों, शिक्षा कर्मियों, स्कूल के शुभचिंतकों, मीडिया कर्मियों के सामने हुआ था. लेकिन फिर भी स्कूल के दो शिक्षकों और एक गैर शिक्षक कर्मी ने स्कूल की मैनेजिंग कमेटी के चुनाव को लेकर कोर्ट में मामला किया था. हाइकोर्ट ने इस मामले को पश्चिम बंगाल मध्य शिक्षा परिषद के सुपुर्द किया था. मध्य शिक्षा परिषद की तरफ से इसकी सुनवाई की गयी जहां पर स्कूल की तरफ से चुनाव से संबंधित सभी दस्तावेज और वीडियो फुटेज दिखाये गये और इसके बाद यह फैसला आया कि चुनाव की प्रक्रिया पूरी तरह से निष्पक्ष थी. कहीं कोई गड़बड़ी नहीं हुई थी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है