सेनरेले रोड पर कचरा रखकर किया सड़क जाम
आसनसोल साउथ थाना क्षेत्र अंतर्गत नव अनन्या हाउसिंग सोसाइटी व उसके आसपास रहनेवाले लोगों ने इलाके में कचरे की सफाई नहीं होने पर रविवार सुबह अनोखा प्रदर्शन किया.
स्थानीय पार्षद के पहुंचने पर उनके समर्थकों के साथ आंदोलनकारियों की हुई मारपीट, पार्षद पर लगाया अनदेखी करने का आरोप
आसनसोल. राज्य के किसी भी नगर निगम की तुलना में सफाई कर्मचारियों का सबसे अधिक वेतन आसनसोल नगर में है. इसके बावजूद भी सफाई व्यवस्था को लेकर लगभग सभी इलाके में हालत दयनीय है. आसनसोल साउथ थाना क्षेत्र अंतर्गत नव अनन्या हाउसिंग सोसाइटी व उसके आसपास रहनेवाले लोगों ने इलाके में कचरे की सफाई नहीं होने पर रविवार सुबह अनोखा प्रदर्शन किया. सोसाइटी के सामने जमा कचरा को सेनरेले रोड (जुबली मोड़ से भगत सिंह मोड़) पर लाकर जमा करके सड़क अवरोध कर दिया. कचरा में आग भी लगा दी. इससे एनएच-19 से जुबली मोड़ होकर आसनसोल में प्रवेश करने का मुख्य मार्ग जाम हो गया. आसनसोल से जुबली जानेवाली रोड को खुला रखा गया था. जिससे थोड़ी राहत थी. आंदोलनकारियों ने स्थानीय पार्षद अनिमेष दास पर अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सोसाइटी के चुनाव में पार्षद के लोग बुरी तरह से हारने के बाद से ही इलाके में सफाई व्यवस्था में पक्षपात किया जा रहा है. पार्षद ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि आरोप गलत है. पार्षद के घटनास्थल पर पहुंचते ही उनके समर्थकों के साथ आंदोलनकारियों की जमकर मारपीट हुई. पुलिस ने बीच बचाव कर स्थिति को नियंत्रित किया. दो घंटे तक आंदोलन चला. पुलिस के हस्तक्षेप से सड़क अवरोध समाप्त हुआ.क्या है पूरा मामला
रविवार सुबह 11 बजे नव अनन्या हाउसिंग सोसाइटी और उसके आसपास के आवासों में रहनेवाले लोगों ने उनके इलाके में सफाई व्यवस्था की दयनीय हालत को लेकर आंदोलन शुरू किया. इस दौरान सोसाइटी के सामने पड़े कचरे को सेलरेले रोड पर रखकर अवरोध किया गया. आंदोलनकारियों का नेतृत्व दे रहे सोसाइटी के सचिव ने कहा कि 20 सितंहक से यहां सफाई नहीं हुई है और यह जगह कचरा गोदाम बन गया है. जो भी आता है कचरा यहां फेंककर चला जाता है. मृत पशुओं को भी यहां लाकर फेंक देते हैं. इससे यहां हमेशा ही दुर्गंध फैली रहती है और नाक बंद करके आना जाना पड़ता है. वे नगर निगम को विभिन्न प्रकार के कर का भुगतान बेहतर परिसेवा के लिए करते हैं, लेकिन परिसेवा नहीं मिल रही है. स्थानीय पार्षद के लोगों के वर्ष 2019 और अगस्त 2024 में हुई सोसाइटी की चुनाव में हारने के बाद उनलोगों के साथ यह सौतेला व्यवहार हो रहा है. हालांकि पार्षद श्री दास ने कहा कि यह गलत आरोप है. उनकी सरकार को नीचा दिखाने का यह प्रयास है. उनके समर्थक और आंदोलनकारियों के बीच हुई मारपीट को लेकर पार्षद ने कहा कि उनके लोगों को मारा गया है. उनके लोगों ने अपना बचाव किया. उनका आरोप है कि सैनेटरी सुपरवइजर ने अगर उनकी बात नहीं सुनी तो इसकी जानकारी बोरो चेयरमैन को देते. इसके बाद भी यदि कार्य नहीं होता तो मेयर से शिकायत करते. मेयर विधान उपाध्याय ने यहां के लोगों की हर मांग पूरी की है. इसके बावजूद इस तरह की हरकत निंदनीय है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है