युवती की हत्या के विरोध में आदिवासी संगठन ने किया सड़क जाम
आरजी कर अस्पताल की घटना का भी किया प्रतिवाद
बांकुड़ा. आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हुई घटना के विरोध में गत 14 अगस्त को राज्य भर में महिलाओं ने रात भर प्रदर्शन किया था. उसी रात, बर्दवान की एक युवा आदिवासी लड़की पर अत्याचार कर उसकी हत्या किये जाने का आरोप आदिवासी संगठनों की तरफ से लगाया गया है. युवती का गला कटा शव खेत में पड़ा पाया गया था. घटना पूर्वी बर्दवान के शक्तिगढ़ के एक गांव की है. हत्यारे अभी भी फरार हैं. इसके विरोध में मंगलवार को विरोध प्रदर्शन किया गया. बांकुड़ा जिला भारत जकात माझी परगना महल ने राष्ट्रीय सड़क संख्या 60 की नाकाबंदी का आह्वान किया. मंगलवार की सुबह नौ बजे से आदिवासी संगठन के पुरुष और महिलाएं हाथों में तख्तियां, पोस्टर लेकर जुलूस की शक्ल में पहुंचे और राष्ट्रीय राजमार्ग पर गंगाजलघाटी थाने के अमरकानन कॉलेज चौराहे पर बैठ गये. इंसाफ की मांग को लेकर संगठन ने सोमवार को छतना में बांकुड़ा-पुरुलिया रोड को जाम कर प्रदर्शन भी किया. उनका कहना था कि राज्य के लोगों पर हो रहे क्रूर अत्याचार की बात अभी तक मुख्यमंत्री के कानों तक नहीं पहुंची है. संगठन की ओर से कहा गया है कि आरजी कर अस्पताल की अभया और शक्तिगढ़ की ‘स्वाधीना’ के हत्यारों के लिए वे कड़ी सजा चाहते हैं. संगठन की ओर से मणिलाल टुडू ने कहा कि देश की राष्ट्रपति एक महिला हैं, राज्य की मुख्यमंत्री भी एक महिला हैं. हमें इस पर गर्व भी है. लेकिन आश्चर्य हुआ जब देखा कि राज्य में हत्यारे को छिपाने की कोशिश की जा रही है. उनकी मांग है कि आदिवासी युवती के बलात्कारियों-हत्यारों की पहचान कर उन्हें शीघ्र सजा दी जाये, नहीं दी तो देश भर का आदिवासी समाज आंदोलन करेगा. इस दिन उन्होंने एक घंटे का सांकेतिक चक्काजाम कर प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया. साथ ही आरजी कर अस्पताल के दोषियों को भी सजा देने की मांग की. आदिवासी युवती की हत्या के विरोध में आदिवासी छात्र संगठन की ओर से भी प्रदर्शन किया गया. कॉलेज छात्रा की बेरहमी से हत्या करने वालों को तुरंत गिरफ्तार करने और कानून के अनुसार कड़ी सजा देने की मांग की गयी. घटना की विप्लव सोरेन, सनगिरी हेम्ब्रम, मृत्युंजय पाल, परेश हांसदा व अन्य ने निंदा की.
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