आरपी खेतान का अध्यक्ष पद से इस्तीफा कहा – अब काम करने का माहौल नहीं

फेडरेशन ऑफ साउथ बंगाल चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (फॉसबेकी) के अध्यक्ष आरपी खेतान ने सोमवार को संगठन की बैठक में अपना इस्तीफा दे दिया. जिसे लेकर चारों ओर तरह-तरह चर्चाओं से बाजार काफी गर्म है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 30, 2024 9:29 PM
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आसनसोल/रानीगंज.

फेडरेशन ऑफ साउथ बंगाल चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (फॉसबेकी) के अध्यक्ष आरपी खेतान ने सोमवार को संगठन की बैठक में अपना इस्तीफा दे दिया. जिसे लेकर चारों ओर तरह-तरह चर्चाओं से बाजार काफी गर्म है. बैठक की अध्यक्षता कर रहे संगठन के चेयरमैन सह मशहूर उद्योगपति सुभाष अग्रवाला ने कहा कि श्री खेतान ने अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा देने की पेशकश की थी, जिसे हाउस ने मंजूर नहीं किया. श्री खेतान ने बताया कि वह अपना इस्तीफा दे चुके हैं. हाउस स्वीकार करे या न करे यह उनलोगों की मर्जी है. उनका फैसला अडिग है और उसे कोई नहीं बदल सकता है. उन्होंने कहा कि फॉसबेकी में आज का वातावरण कार्य करने लायक नहीं है. गौरतलब है कि वर्ष 2002 में पश्चिम बंगाल के 11 जिलों के व्यवसायी और उद्योगपतियों ने अपनी समस्याओं को एक संगठन के माध्यम से सरकार तक पहुंचाने के उद्देश्य को लेकर फॉसबेकी की स्थापना की थी. इसमें साउथ बंगाल के करीब 35 एसोसिएशन सदस्य हैं और 55 लोगों ने आजीवन सदस्यता ले रखी है. सरकारी स्तर पर व्यवसायी और उद्योगपतियों को लेकर होनेवाली हर बैठक में इस संगठन को आमंत्रण मिलता है. श्री खेतान दो टर्म (चार साल से) से इस संगठन के अध्यक्ष पद पर हैं. सोमवार को संगठन की वार्षिक साधारण सभा थी. सूत्रों के अनुसार बैठक में काफी गहमा-गहमी रही. जिसके बाद श्री खेतान ने अपना इस्तीफा दे दिया. हालांकि यह इस्तीफा हाउस ने स्वीकार नहीं किया. श्री खेतान ने साफ कहा कि यहां कार्य करने का माहौल नहीं है, हमलोग स्वच्छ और पारदर्शी रूप से काम करनेवाले लोग हैं. यहां माहौल हमारे लायक नहीं है तो हट जाना ही सही है. कार्य करने के लिए उनके पास सिटीजन फोरम, मारवाड़ी रिलीफ हॉस्पिटल, रानीगंज चेंबर ऑफ कॉमर्स जैसी संस्थाएं हैं.

प्रशासनिक अधिकारियों को खुले मंच से भ्रष्टाचारी कहने के बाद हुई थी काफी आलोचना

दो सितंबर 2023 को आसनसोल क्लब में फॉसबेकी द्वारा आयोजित बंग रत्न एवं दक्षिण बंग रत्न सम्मान कार्यक्रम में श्री खेतान ने सभा को संबोधित करते हुए आइएएस अधिकारियों पर जमकर भड़ास निकाली थी. उन्होंने अधिकारियों को सबसे बड़े भ्रष्टाचारी की संज्ञा देते हुए यह भी कहा था कि समाज में उनका कोई योगदान नहीं है. वे सिर्फ अपने लिए काम करते हैं. उनका यह बयान काफी वायरल हुआ था, जिसे लेकर उनकी काफी आलोचना भी हुई थी.

रानीगंज चेंबर ऑफ कॉर्मस पर इस इस्तीफे का असर पड़ने की है संभावना

फॉसबेकी में विभिन्न चेंबर ऑफ कॉमर्स एसोसिएशन मेंबर के रूप में शामिल हैं. रानीगंज सबसे प्रतिष्ठित चेंबर ऑफ कॉमर्स में से एक है. श्री खेतान का रानीगंज चेंबर में काफी वर्चस्व है. उनके इस्तीफे के बाद रानीगंज चेंबर पर भी इसका असर पड़ने को लेकर कयास लगाये जा रहे हैं. श्री खेतान ने कहा कि रानीगंज चेंबर पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा.

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