तीन लेनदेन का मैसेज मिलते ही विवेक सोंथालिया के उड़े होश, चौथे व्यक्ति के खाते में 14.78 लाख के ट्रांसफर को रोकासाइबर क्राइम थाने में केस दर्ज, टार्गेटेड खातों को किया गया फ्रीज, करीब आठ लाख वापसी की है संभावना आसनसोल/जमुड़िया. डिजिटल अरेस्ट, इन्वेस्टमेंट स्कैम, ओटीपी शेयर, लिंक डाउनलोड आदि के साथ-साथ साइबर अपराधियों ने बैंकों में फर्जी कागजात के सहारे फंड ट्रांसफर का नया पैंतरा अपनाया है. जिसका एक अनोखा मामला साइबर क्राइम थाना आसनसोल में दर्ज हुआ. जिसमें साइबर अपराधियों ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया मामरा बाजार शाखा दुर्गापुर के प्रबंधक को झांसा देकर मैक्सवर्थ वाणिज्य प्राइवेट लिमिटेड के अकाउन्ट से तीन लोगों के खातों में 36,79,234 रुपये ट्रांसफर करवा लिया. इसका मैसेज कंपनी के निदेशक के मोबाइल में आते ही उनके होश उड़ गये और तुरंत बैंक के शाखा प्रबंधक को फोन किया गया. जिसके कारण चौथे भुगतान के रूप में 14,78,997 रुपये की ट्रांसफर रूक गयी. इसकी शिकायत कंपनी के पक्ष में रोहन अग्रवाल ने साइबर क्राइम थाना आसनसोल में दर्ज करायी. शिकायत के आधार कांड संख्या 19/25 में बीएनएस की धारा 316(2)/318(4)/319(2)/336(3)/338/340(2)/61(2) के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई. पुलिस सूत्रों के अनुसार शिकायत मिलते ही, जिन खातों में पैसा गया था, उन खातों को फ्रीज करवा दिया गया है. करीब आठ लाख रुपये तक वापसी की संभावना बनी हुई है. अपराधियों ने द्वितीय शनिवार के पहले शुक्रवार का दिन चुना, शनिवार और रविवार को बैंक बंद है. गौरतलब है साइबर अपराधी लोगों को लूटने के लिए एक के बाद एक अनोखा फार्मूला निकाल रहे हैं और लोगों को अपनी जाल में फंसा रहे हैं. डिजिटल अरेस्ट और इन्वेस्टमेंट स्कैम को लेकर साइबर अपराध का बाजार इस समय सुर्खियों में है तो अपराधियो ने एक नया फॉर्मूला निकालकर बैंक मैनेजर को फंसाकर 36.79 लाख रुपये की ठगी कर ली. अपराधियों के इस कारनामे से पुलिस भी हैरान है. इसमें बैंक की लापरवाही को प्रमुख माना जा रहा है.
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