सेफ्टी ट्रेनिंग सेंटर कराया बंद, मेन गेट के समक्ष दिया धरना

सेंटर के गेट पर धरना में बैठने से पहले स्थानीय लोगों ने बर्नपुर रेलवे स्टेशन से रैली निकाली और यह रैली आईसीपी के सेफ्टी ट्रेनिंग सेंटर गेट पर जाकर धरना में तब्दील हो गयी.

By Prabhat Khabar News Desk | January 17, 2025 11:31 PM

पहुंचे सेफ्टी विभाग के जीएम, नहीं बनी बात, बंद रहा सेफ्टी ट्रेनिंग सेंटर दूसरे राज्य के ठेका श्रमिकों को काम पर रखने से स्थानीय लोगों में है रोष, आगे भी जारी रहेगा आंदोलन आसनसोल / बर्नपुर. सेल आइएसपी बर्नपुर में आधुनिकीकरण तथा विस्तारिकरण के प्रस्तावित प्रोजेक्ट में स्थानीय लोगों को आउटसोर्सिंग के कार्य में नियुक्ति देने की मांग को लेकर शुक्रवार सुबह सेफ्टी ट्रेंनिग सेंटर के सामने लोगों ने आंदोलन किया. सेंटर में कार्यरत सभी को वहां से निकाल दिया. जिसके उपरांत सेंटर में ताला जड़कर कर्मी वहां से निकल गये. सेफ्टी विभाग के महाप्रबंधक पहुंचे और आंदोलनकारियों से बात की, लेकिन बात नहीं बनी और महाप्रबंधक लौट गये. सेंटर शुक्रवार को बंद रहा. आंदोलनकारियों के साथ घटनास्थल पर आसनसोल नगर निगम के बोरो सात के चेयरमेन शिवानंद बाउरी, वार्ड संख्या 78 के पार्षद अशोक रुद्र, वार्ड संख्या 80 के पार्षद राकेश शर्मा, वार्ड संख्या 77 के पार्षद गुरमीत सिंह मौजूद थे. सेंटर के गेट पर धरना में बैठने से पहले स्थानीय लोगों ने बर्नपुर रेलवे स्टेशन से रैली निकाली और यह रैली आईसीपी के सेफ्टी ट्रेनिंग सेंटर गेट पर जाकर धरना में तब्दील हो गयी. प्रदर्शनकारियों ने सेंटर में सेफ्टी ट्रेनिंग के लिए पहुंचे लोगों को बाहर निकाल दिया. प्रदर्शन के कारण सुरक्षा प्रशिक्षण का कार्य पूरी तरह से बाधित हुआ. प्रदर्शनकारियों के नेतृत्व कर रहे पार्षद श्री रुद्र ने सेफ्टी विभाग के जीएम को बताया कि कुछ माह पहले आइएसपी के इडी स्तर के अधिकारियों के साथ उनकी बैठक हुयी थी. जिसमें आधुनिकीकरण के कार्य में ठेका श्रमिक के रूप में स्थानीय युवक और युवतियों की नियुक्ति की मांग की गयी थी. प्रबंधन ने आश्वासन दिया था कि प्रस्तावित विस्तारीकरण व आधुनिकीकरण के कार्य में स्थानीय बेरोजगारों को प्राथमिकता दी जाएगी. लेकिन यहां बाहर के लोगों को लाकर काम दिया जा रहा. जब तक आइएसपी प्रबंधन प्राथमिकता के तौर पर स्थानीय लोगों को कार्य पर रखने का आश्वासन नहीं देंगे, तब तक यहां सेफ्टी का काम बंद रहेगा. प्रदर्शनकारियों के रोष को देखते हुये महाप्रबंधक को वापस लौटना पड़ा. श्री रुद्र ने बताया कि आइएसपी प्रबंधन की ओर से वादा किया गया था कि आधुनिकीकरण के कार्य में तकरीबन 15 हजार ठेका श्रमिकों की आवश्यकता होगी. जिसमें स्थानीय युवक और युवतियों को प्राथमिकता दी जायेगी. लेकिन प्रबंधन अपने वादे से मुकर गया है और दूसरे राज्यों से श्रमिकों को ऑउटसोर्सिंग के कार्य के लिये नियुक्त किया जा रहा है. प्रबंधन यदि उनकी मांगों को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाता है तो वे लोग आगामी दिनों में बृहद आंदोलन करने को मजबूर होगें. यह आंदोलन लगातार जारी रहेगा.

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