रेलवे की तीन महत्वपूर्ण परियोजनाओं से सेल के बर्नपुर व दुर्गापुर प्लांट को सीधे होगा फायदा

कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन होगा कम

By Prabhat Khabar News Desk | August 31, 2024 1:41 AM

बर्नपुर. स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड ( सेल) के इस्को बर्नपुर और दुर्गापुर इस्पात संयंत्रों के लिए लौह अयस्क और कोयले के परिवहन को बढ़ावा देने वाली परियोजना भी आ रही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीइए) ने रेल मंत्रालय के तहत तीन महत्वपूर्ण रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी है. इनकी कुल अनुमानित लागत लगभग 6,456 करोड़ रुपये है. वित्त वर्ष 2028-29 तक परियोजनाओं के पूरा होने की उम्मीद है और निर्माण के दौरान लगभग 114 लाख मानव दिवसों का प्रत्यक्ष रोजगार का सृजन होगा. जिन तीन रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी गयी है. इनमें जमशेदपुर-पुरुलिया-आसनसोल तीसरी लाइन, सारडेगा-भालुमुड़ा नयी डबल लाइन और बरगढ़ रोड-नवापाड़ा रोड नयी लाइन शामिल हैं. जमशेदपुर- पुरुलिया- आसनसोल तीसरी लाइन, जमशेदपुर-पुरुलिया-आसनसोल तीसरी लाइन परियोजना पश्चिम बंगाल और झारखंड को जोड़ने वाले 121 किलोमीटर के रेलवे नेटवर्क में एक महत्वपूर्ण प्रगति है. इसकी अनुमानित लागत 2170 करोड़ रुपये है. इस मल्टी-ट्रैकिंग पहल से यात्रियों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही में उल्लेखनीय रूप से सुधार होगा. बर्नपुर और दुर्गापुर में इस्पात संयंत्रों को राहत मिलेगी. इस परियोजना से पूरे क्षेत्र में सुगम और अधिक कुशल परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित होगी. यह परियोजना प्रमुख ट्रंक मार्गों (उच्च घनत्व नेटवर्क वाले मार्ग) विशेष रूप से दिल्ली-हावड़ा और हावड़ा-मुंबई कॉरिडोर के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत करेगी, जो बर्नपुर और दुर्गापुर में इस्पात संयंत्रों के लिए लौह अयस्क और कोयले के परिवहन को बढ़ायेगी और तैयार इस्पात उत्पादों की आवाजाही भी सुगमता से की जा सकेगी. इसके अतिरिक्त यह परियोजना रणनीतिक रूप से मैथन बांध और चुरुलिया जैसे प्रमुख पर्यटक स्थलों के साथ-साथ कल्याणेश्वरी मंदिर और घागर बुरी चंडी मंदिर जैसे तीर्थ स्थलों के पास स्थित है. इस लाइन के निर्माण से 42 लाख मानव दिवस का रोजगार सृजन होने की उम्मीद है. इसके अलावा यह तीन करोड़ पेड़ लगाने के बराबर 74 करोड़ किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को बचाकर पर्यावरणीय स्थिरता में योगदान देगा. ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के सारडेगा को छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के भालुमुड़ा से जोड़ने वाली नयी दोहरी लाइन 37 किलोमीटर तक फैली हुई है. इसकी अनुमानित लागत 1360 करोड़ रुपये है. इस रेलवे लाइन से इन क्षेत्रों में रहने वाली बड़ी जनजातीय आबादी को काफी लाभ होगा, जो आपस में मजबूत सांस्कृतिक और सामाजिक संबंध साझा करते हैं. फिलहाल सारडेगा और भालुमुड़ा के बीच कोई बस सेवा नहीं है. इससे स्थानीय लोग निजी वाहनों पर ही निर्भर हैं. इस रेलवे लाइन के शुरू होने से आसपास के गांवों के लोगों के लिए कनेक्टिविटी में काफी सुधार होगा, जिससे यात्रा आसान और अधिक सुविधाजनक हो जायेगी. इस परियोजना के निर्माण के दौरान 25 लाख मानव दिवस रोजगार उत्पन्न होने की उम्मीद है. यह 3.4 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर 84 करोड़ किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को बचाकर पर्यावरणीय स्थिरता में अपना योगदान देगा. सेल आइएसपी के जन संपर्क अधिकारी भास्कर कुमार ने बताया कि जमशेदपुर-पुरुलिया-आसनसोल तीसरी लाइन, सारडेगा-भालुमुड़ा नई डबल लाइन और बरगढ़ रोड-नवापाड़ा रोड नयी लाइन परियोजना को मंजूरी मिल गयी हैं. इससे सेल आईएसपी तथा डीएसपी दोनों प्लांट लाभाविंत होंगे.

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