रिटायरमेंट के 3 साल बाद शुरू नहीं हुई पेंशन, शिक्षारत्न से सम्मानित पूर्व प्राचार्य ने कर ली आत्महत्या

सुनील कुमार दास कोलकाता के हेयर स्कूल के पूर्व प्रधानाध्यापक थे. आज सुबह घर में फंदे से लटके पाये गये. बताया जाता है कि स्कूल में बेहतरीन काम करने के लिए उन्हें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वर्ष 2019 में शिक्षारत्न पुरस्कार से सम्मानित किया था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 17, 2022 6:14 PM

पानागढ़: पश्चिम बंगाल के पूर्व बर्दवान जिले के मेमारी थाना के देवीपुर इलाके में मंगलवार देर रात शिक्षा रत्न से सम्मानित एक पूर्व प्रधान शिक्षक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मृतक का नाम डॉ सुनील कुमार दास (63) है. मृत शिक्षक सुनील कुमार दास के परिवार के लोगों का आरोप है कि रिटायरमेंट के 3 वर्ष बीत जाने के बाद भी उनकी पेंशन शुरू नहीं हुई थी. पेंशन नहीं मिलने की वजह से अवसादग्रस्त थे. घर चलाना मुश्किल हो रहा था.

हेयर स्कूल के प्राचार्य थे सुनील कुमार दास

सुनील कुमार दास (Dr Sunil Kumar Das) कोलकाता के हेयर स्कूल (Hare School Kolkata) के पूर्व प्रधानाध्यापक थे. आज सुबह घर में फंदे से लटके पाये गये. बताया जाता है कि स्कूल में बेहतरीन काम करने के लिए उन्हें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने वर्ष 2019 में शिक्षारत्न पुरस्कार से सम्मानित किया था. परिवार का कहना है की सेवानिवृत्ति के तीन साल बाद भी उन्हें पेंशन का पैसा नहीं मिला. परिवार का दावा है कि मानसिक अवसाद में उन्होंने आत्महत्या की है. मेमारी थाना की पुलिस मामले की जांच में जुट गयी है.

Also Read: झारखंड के तीन विधायकों को कलकत्ता हाईकोर्ट ने दी अंतरिम जमानत, लगायी ये शर्तें

सुनील कुमार दास के ग्रामीणों में आक्रोश

सुनील कुमार दास के गांव के लोगों का आरोप है कि सरकार के संबंधित विभाग की उदासीनता के कारण ही शिक्षारत्न से सम्मानित एक शिक्षक को इस तरह फांसी लगानी पड़ी है. पुलिस का कहना है कि सुनील कुमार दास के बेटे समीरन दास ने आरोप लगाया है कि तीन वर्ष बीत जाने के बावजूद पेंशन चालू नहीं होने के कारण ही उन्हें आत्महत्या करनी पड़ी.

शिक्षा विभाग ने नहीं की कोई टिप्पणी

समीरन दास ने कहा कि वर्ष 2019 के सितंबर में उनके पिता प्रधान शिक्षक के पद से रिटायर हुए थे. इसी वर्ष उन्हें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शिक्षारत्न से सम्मानित किया था. रिटायरमेंट के तीन वर्ष बीत जाने के बावजूद उनके पिता की पेंशन चालू नहीं हो पायी थी. डिप्रेशन में आने के बाद उन्होंने आत्महत्या कर ली. हालांकि, जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग ने इस संबंध में कोई टिप्पणी नहीं की है.

रिपोर्ट- मुकेश तिवारी

Next Article

Exit mobile version