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खाते से अवैध लेनदेन का डर दिखा ठग लिये 9.58 लाख, साइबर पुलिस ने सुलझाया केस

आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट के अधीन जामुड़िया साइबर सेल ने साइबर ठगी के मामले में बड़ी सफलता पायी.

मुंबई से आया था फोन, क्राइम ब्रांच का अफसर बता कर दिखाया अवैध लेनदेन का डर कथित गिरफ्तारी से बचने को पीड़ित ने बताये खाते में तीन किस्तों में भेजे 9.58 लाख रुपये जामुड़िया. आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट के अधीन जामुड़िया साइबर सेल ने साइबर ठगी के मामले में बड़ी सफलता पायी. साइबर ठगी के एक मामले में पीड़ित से ठगे गये 9.58 लाख रुपये बरामद कर लिये गये. इस राशि के चेक को साइबर पुलिस ने पीड़ित को लौटा दिया.

ठगी के शिकार शख्स का नाम मृण्मय घोष और ठिकाना जामुड़िया का नंदीग्राम बताया गया है. साइबर ठगी का शिकार होने के बाद पीड़ित मृण्मय ने अपने पिता सुखेंदु घोष को सारी बात बतायी. फिर सुखेंदु घोष ने जामुड़िया थाने और वहां के साइबर सेल में लिखित शिकायत की, जिसके आधार पर केस दर्ज कर जांच शुरू की गयी. पुलिस को शिकायत में बताया गया कि मृण्मय घोष को मुंबई से किसी ने खुद को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बता कर फोन किया था. फोन करनेवाले ने कहा, “आपके बैंक खाते से अवैध लेनदेन हो रहा है और अगर आपने अपने आधार कार्ड व बैंक खाते के नंबर जल्द नहीं भेजे, तो पूरे घोष परिवार को गिरफ्तार कर लिया जायेगा.” फोन करनेवाले ने यह भी कहा कि मामले को रफा-दफा करने के वास्ते 10 लाख रुपये लगेंगे. यदि किसी भी झंझट से बचना है, तो जितनी जल्द हो, ये राशि बताये गये खाते में भेज दो. यह सुन कर मृण्मय घोष बुरी तरह डर-सहम गया और मुंबई के बताये गये खाते में तीन किस्तों में कुल 9.58 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिये.

जामुड़िया साइबर सेल ने की कार्रवाई

बाद में बेटे मृण्मय से साइबर ठगी का पता चलते ही पिता सुखेंदु घोष ने सात अक्तूबर 2024 को जामुड़िया थाने और वहां के साइबर सेल में लिखित शिकायत की. मामले को साइबर सेल के अधिकारी राजेंदु जस ने गंभीरता से लेकर तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी. साइबर सेल ने तकनीकी पड़ताल करते हुए साइबर ठगी के शातिरों का पता लगाया और ठगे गये रुपयों को बरामद कर जरूरी सत्यापन के बाद पीड़ित को लौटा दिया. बाद में घटना को लेकर जानकारी देते हुए सर्कल इंस्पेक्टर सुशांत चटर्जी ने बताया कि देश में साइबर क्राइम के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में सबको बेहद चौकस व सतर्क रहने की जरूरत है. अगर किसी को भी बैंक खाते, आधार कार्ड या लोन लेने-देने से संबंधित कोई भी संदिग्ध फोन कॉल आती है, तो तुरंत 1930 पर संपर्क करें और उसके बाद स्थानीय साइबर सेल अधिकारी से संपर्क कर शिकायत करें.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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