आज लगेगा स्क्रीनिंग कैंप, आठ तारीख को बैठेगा सिलिकोसिस डायग्नॉस्टिक बोर्ड

सिलिकोसिस रोग को लेकर पश्चिम बर्दवान में हलचल काफी तेज हो गयी है. शुक्रवार को सालानपुर प्रखंड के बराभुईं गांव में सिलिकोसिस से आक्रांत मरीजों को चिह्नित करने के लिए स्क्रीनिंग कैंप लगेगा, जिसके लिए सालानपुर प्रखंड प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के मेडिकल अधिकारी सहित अन्य कर्मचारियों को इसका प्रशिक्षण गुरुवार को दिया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | January 2, 2025 9:59 PM

आसनसोल.

सिलिकोसिस रोग को लेकर पश्चिम बर्दवान में हलचल काफी तेज हो गयी है. शुक्रवार को सालानपुर प्रखंड के बराभुईं गांव में सिलिकोसिस से आक्रांत मरीजों को चिह्नित करने के लिए स्क्रीनिंग कैंप लगेगा, जिसके लिए सालानपुर प्रखंड प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के मेडिकल अधिकारी सहित अन्य कर्मचारियों को इसका प्रशिक्षण गुरुवार को दिया गया. यहां के ग्रामीणों का आरोप है कि एक नहीं, दर्जनों लोग सिलिकोसिस से आक्रांत हैं और सरकारी अस्पताल में उनका टीबी का इलाज हो रहा है. बीते साल 20 दिसंबर को स्थानीय निवासी सुबल राय (29) की मौत हो गयी थी और वो सिलिकोसिस के मरीज थे. लेकिन सरकारी अस्पताल में उनका टीबी का इलाज होता रहा, जिससे उनकी मौत हो गयी. उसके बाद परिजनों को मुआवजा भी नहीं मिल रहा है. इस आरोप व शिकायत के बाद जिला के मुख्य स्वास्थ्य चिकित्साधिकारी(सीएमओएच) ने जांच का आदेश दिया था. सूत्रों की मानें, तो जांच रिपोर्ट में गलत इलाज की पुष्टि नहीं हुई है. आठ जनवरी को इसे लेकर जिला सिलिकोसिस डायग्नॉस्टिक बोर्ड की बैठक होगी, जिसमें पीड़ित परिवार के पास मौजूद कागजात के आधार पर चर्चा की जायेगी. यदि साबित हो जाता है कि सुबल राय की मौत सिलिकोसिस से ही हुई है, तो फिर परिजनों को मुआवजे के तौर पर मोटी रकम मिलेगी. गौरतलब है कि सालानपुर प्रखंड में एक दर्जन से अधिक रैमिंगमास इंडस्ट्री (क्वार्ज स्टोन को डस्ट करने का कारखाना) हैं, जहां सैकड़ो लोग काम करते हैं.

आरोप है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों की अनदेखी करके ये सारे उद्योग चल रहे हैं, जिससे यहां दो-तीन वर्षों तक काम करनेवाले मजदूरों को सिलिकोसिस रोग जकड़ ले रहा है. सरकारी अस्पताल में टीबी की पुष्टि नहीं होने के बाद भी इसी रोग तपेदिक का इलाज किया जाता रहा है. इसकी शिकायत भी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से की गयी है और दो मामले भी चल रहे हैं. लंबे समय से दबे इस मामले पर प्रभात अखबार में रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद प्रशासन हरकत में आया और गांव में डॉक्टरों की टीम भेजी. उसके बाद जांच का आदेश हुआ. संभावित मरीजों के परीक्षण के लिए स्क्रीनिंग कैंप लगाने और सुबल राय की मौत को लेकर बोर्ड बैठने जा रहा है. स्क्रीनिंग में एक भी सिलिकोसिस रोगी की पुष्टि होती है, तो प्रशासन और रैमिंगमास उद्योगों के लिए परेशानी बढ़ जायेगी. जिला में अब तक एक ही सिलिकोसिस रोगी की तसदीक हुई है और वो भी मर चुका है.

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