पश्चिम बंगाल : अनोखे अंदाज में गांजा तस्करी की कोशिश को एसटीएफ ने किया नाकाम, महिला समेत चार गिरफ्तार
एसटीएफ ने शांतिनिकेतन के अलग-अलग स्थानों पर अभियान चलाया. इस बीच, मोषढाल गांव के पास बोलपुर कोपाई सेतु से गुजर रहे दो वाहनों को तलाशी के लिए रोका गया. दोनों वाहनों की सघन तलाशी लेने पर उसमें बनाये गये गुप्त चेंबरों व सुरंग का पता चला.
बीरभूम/कोलकाता, अमित शर्मा/मुकेश तिवारी : फिल्म ‘पुष्पा’ में दूध के टैंकर से चंदन की तस्करी होना दिखाया गया है. इसी तर्ज पर बीरभूम के शांतिनिकेतन थाना क्षेत्र में बड़े परिमाण में गांजा तस्करी (Ganja smuggling) की कोशिश की गयी, जिसे पश्चिम बंगाल पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने नाकाम कर दिया. दरअसल, तस्करों ने अपने दो वाहनों के नीचे पिछले डेक से इंजन तक एक गुप्त चेंबर बनाया था. दोनों वाहनों की पिछली लाइट और फ्रंट लाइट के पीछे एक-एक सुरंग भी बनायी गयी थी, जिसके अंदर भारी परिमाण में गांजा से भरे पैकेट छिपाकर रखे गये थे. पुलिस ने दोनों वाहनों से करीब 90 किलोग्राम गांजा जब्त किये हैं. साथ ही मामले में एक महिला समेत चार आरोपियों को गिरप्तार किया गया है.
क्या है घटना
सूत्रों के अनुसार, गत शुक्रवार को एसटीएफ के अधिकारियों को मुखबिरों से सूचना मिली थी कि शांतिनिकेतन क्षेत्र से बड़े परिमाण में मादक पदार्थ की तस्करी होनेवाली है. सूचना मिलते ही एसटीएफ ने शांतिनिकेतन के अलग-अलग स्थानों पर अभियान चलाया. इस बीच, मोषढाल गांव के पास बोलपुर कोपाई सेतु से गुजर रहे दो वाहनों को तलाशी के लिए रोका गया. दोनों वाहनों की सघन तलाशी लेने पर उसमें बनाये गये गुप्त चेंबरों व सुरंग का पता चला, जिनमें प्लास्टिक के पैकेट में गांजा छिपाकर रखे गये थे.
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इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों के नाम तथागत राय, सुब्रत दास, त्रिदीप चौधरी और शिप्रा बनिक बताये गये हैं. तथागत व सुब्रत जलपाईगुड़ी के भक्तिनगर के निवासी हैं, जबकि अन्य दो आरोपी उत्तर 24 परगना के रहनेवाले हैं. आशंका जतायी जा रही है कि आरोपी अंतरराज्यीय ड्रग्स रैकेट से जुड़े हुए हैं. उनसे पूछताछ करके उनके साथियों का पता लगाया जा रहा है. साथ ही आरोपियों के खिलाफ शांतिनिकेतन थाने में एनडीपीएस एक्ट के तहत शिकायत दर्ज की गयी है.