एनएचआरसी में सुबल को सिलिकोसिस का केस
उनमें से एक नाम सालानपुर प्रखंड के बराभुईं गांव के निवासी सुबल राय का है, जो पिछले एक साल से इस रोग से पीड़ित हैं और विभिन्न अस्पतालों के चक्कर लगा रहे हैं.
आसनसोल. सालानपुर प्रखंड क्षेत्र में रैमिंगमास इंडस्ट्री (क्वार्ज पत्थर को डस्ट करने का कारखाना) में काम करनेवाले लोग सिलिकोसिस रोग से आक्रांत हो रहे हैं, जिससे इन उद्योगों में काम करनेवाले एक के बाद एक श्रमिकों की मौत हो रही है. इसे लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) में मामला दर्ज है, जिस पर आयोग ने पश्चिम बर्दवान के जिलाधिकारी(डीएम) से आठ हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है. जिस सुबल राय को पीड़ित बता कर यह मामला दर्ज हुआ है, उनकी मौत शुक्रवार को हो गयी. उन्हें सिलिकोसिस रोग से आक्रांत माना गया है, अपोलो हॉस्पिटल चेन्नई की एक रिपोर्ट में इसका जिक्र भी है. इसे लेकर इलाके में हलचल है.
अमरनाथ की शिकायत पर एनएचआरसी में मामला दर्ज ः सालानपुर प्रखंड के रामडी इलाके के निवासी व पेशे से निजी शिक्षक अमरनाथ महतो ने एनएचआरसी में 29 अक्तूबर 2024 को शिकायत की थी. जिसमें कहा गया था कि सालानपुर प्रखंड के देंदुआ इलाके में सिलिकॉन मेटालाएड उत्सर्जित करने वाली सभी कारखाने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की किसी भी मानक का पालन किये बिना, मनमाने ढंग से सिलिकॉन उत्सर्जित कर रही है. जिसके कारण कई श्रमिक सिलिकोसिस रोग से मर रहे हैं. उनमें से एक नाम सालानपुर प्रखंड के बराभुईं गांव के निवासी सुबल राय का है, जो पिछले एक साल से इस रोग से पीड़ित हैं और विभिन्न अस्पतालों के चक्कर लगा रहे हैं. वह एक भारतीय नागरिक हैं और उन्हें सम्मान के साथ जीवन जीने का अधिकार है. जिला के कार्यकारी प्रमुख होने के नाते आप यह सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में किसी भी स्वस्थ व्यक्ति को सिलिकोसिस होने का खतरा न्यूनतम हो. इसके लिए पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए कारखाना चलाने की अनुमति देंगे. जिलाधिकारी को भेजे गये इस पत्र को ही एनएचआरसी में भेजा गया. जिसके आधार पर आयोग में मामला दर्ज हुआ. एनएचआरसी के लॉ डिवीजन ने जिलाधकारी को 23 अक्तूबर 2024 को पत्र भेजा और इस मामले में आठ सप्ताह के अंदर रिपोर्ट मांगा है. आठ सप्ताह समाप्त होने के अंदर ही शुक्रवार को 27 वर्षीय सुबल राय की मौत हो गयी.अमरनाथ का दावा, सुबल राय को सिलिकोसिस होने के हैं पुख्ता प्रमाण
अमरनाथ ने बताया कि सुबल राय पिछले एक साल से सिलिकोसिस बीमारी से आक्रांत है. यहां उसका टीबी का इलाज किया जा रहा था. सरकारी अस्पताल से लेकर निजी अस्पताल में वह लंबे समय तक दाखिल थे. उसे ऑक्सीजन के सपोर्ट पर रखा गया था. घरवालों ने उसे अपोलो अस्पताल चेन्नई ले गये. वहां जांच रिपोर्ट के बाद सिलिकोसिस कि संभावना जतायी गयी थी. इस रोग से निधन पर राज्य सरकार से मोटी रकम मुआवजा के तौर पर मिलती है. इस रोग से जुड़े सारे कागजात देखने के बाद मेडिकल बोर्ड यह निर्णय लेता है कि व्यक्ति की मौत कैसे हुई है? यदि सिलिकोसिस को मौत का कारण माना जाता है, तभी मुआवजे की राशि मिलेगी. अमरनाथ ने कहा कि सीएमओएच के माध्यम से मेडिकल बोर्ड को कागजात भेजे गये हैं.
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