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दो अलग-अलग मामलों में 25 लाख की ठगी, पैन कार्ड अपडेट और स्टॉक में निवेश

पुलिस और वित्तीय संस्थानों की ओर से लगातार विभिन्न-विभिन्न माध्यमों से जागरूकता फैलाने के बावजूद भी लोग अपनी छोटी-छोटी गलतियों के कारण साइबर अपराधियों के चंगुल में फंस रहे हैं और अपना सबकुछ गंवा दे रहे हैं. लोगों को लूटने का साइबर अपराधियों का सिलसिला घटने की बजाय लगातार बढ़ रहा है.

आसनसोल.

पुलिस और वित्तीय संस्थानों की ओर से लगातार विभिन्न-विभिन्न माध्यमों से जागरूकता फैलाने के बावजूद भी लोग अपनी छोटी-छोटी गलतियों के कारण साइबर अपराधियों के चंगुल में फंस रहे हैं और अपना सबकुछ गंवा दे रहे हैं. लोगों को लूटने का साइबर अपराधियों का सिलसिला घटने की बजाय लगातार बढ़ रहा है. ये अपराधी पुराने और नये, हर तरीके से लोगों को अपने जाल में फंसा ले रहे हैं. कमिश्नरेट में सोमवार को साइबर ठगी के दो मामले दर्ज हुए. एक मामला एटीएस थाने में दर्ज हुआ, जहां अंचल कुमार साहा को साइबर अपराधियों ने पैन कार्ड अपडेट करने के नाम पर फंसाया और ओटीपी लेकर 4,73,747 रुपये उनके खाते से निकाल लिये. साइबर ठगी का यह एकदम शुरुआती पैटर्न है. यह पैटर्न से आज भी वे लोगों को अपने झांसे के फंसा रहे हैं. दूसरा मामला साइबर क्राइम थाने आसनसोल में दर्ज हुआ, जहां रोहिणी बीसी नामक एक युवती कम समय में अधिक मुनाफा कमाने की लालच साइबर ठगों की चंगुल के फंस गयी और स्टॉक में निवेश करने के नाम पर वह 20.19 लाख रुपये गंवा बैठी. दोनों की शिकायत पर अलग-अलग मामले दर्ज हुए हैं.

केस 1

एटीएस थाना क्षेत्र के सेक्टर-2ए, विधाननगर दुर्गापुर, आशापूर्णा देवी रोड इलाके के निवासी अंचल कुमार साहा ने अपनी शिकायत में कहा कि गत 24 मई को उनके मोबाइल फोन पर 8697052041 नंबर से कॉल आया. कॉल करनेवाले ने ऑनलाइन पैन कार्ड अपडेट करने की बात कही. जिसके बाद उनके मोबाइल पर विभिन्न ओटीपी भेजे गये. इन ओटीपी को शेयर करने के बाद उनके खाते से 4,73,747 रुपये निकल गये. जिसकी शिकायत उन्होंने दुर्गापुर साइबर क्राइम सेल में दर्ज करायी थी. इसे लेकर 16 सितंबर को एटीएस थाने में कांड संख्या 189/24 में बीएनएस की धारा 319(2)/318(4)/316(2) के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई.

केस 2

आसनसोल साउथ थाने के शारदा पल्ली इलाके में स्थित बकुल अपार्टमेंट की निवासी रोहिणी बीसी ने अपनी शिकायत में बताया कि यूट्यूब पर यूपीएस अर्जेंट क्लब इन्वेस्टमेंट के नाम से एक विज्ञापन देखा. जिसमें दिये गये संपर्क नंबर, प्रोमिता जोशी के नंबर 9601169242 पर उन्होंने कॉल किया. प्रोमिता ने उन्हें स्टॉक में निवेश कराने को लेकर अपने झांसे में ले लिया. उच्च रिटर्न का स्क्रीन शॉट देखकर वह प्रभावित हो गयीं. जिसके बाद उन्हें यूपीएस अर्जेंट क्लब एफ-89 में शामिल किया गया. इस ग्रूप में 100 से अधिक फोन नंबर थे. गत 26 जुलाई से नौ सितंबर तक उन्होंने कुल चार अलग-अलग खातों से 20.19 लाख रुपये निवेश किया. जब उन्होंने अपना पैसा निकालना चाहा तो उनसे पैसे निकालने के लिए भी शुल्क की मांग की जाने लगी. जिसके बाद उन्हें अहसास हुआ कि वह ठगी की शिकार हो चुकी हैं. उनकी शिकायत के आधार पर साइबर क्राइम थाने में कांड संख्या 77/24 में बीएनएस की धारा 319(2)/316(2)/318(4)/61(2) के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई.

लालच में न पड़ें, थोड़ी सी सावधानी से बचा जा सकता है साइबर ठगी से : पुलिस आयुक्त

पुलिस आयुक्त सुनील कुमार चौधरी ने कहा कि लोगों की थोड़ी सी सूझबूझ और सावधानी से साइबर ठगी को समाप्त किया जा सकता है. ये साइबर अपराधी लोगों के दिमाग से खेलकर उन्हें अपने झांसे में फंसा लेते हैं.

हाल के दिनों में स्टॉक या शेयर बाजार में निवेश के नाम पर सबसे ज्यादा ठगी हो रही है. इसमें लोग खुद चलकर साइबर अपराधियों के चंगुल में फंस रहे हैं. लंबे समय तक वे निवेश करते हैं और जब निकासी की बारी आती है तो पता चलता है कि वे साइबर ठगी के शिकार हो गये हैं. लालच में पड़कर किसी अंजान व्यक्ति के कहने पर कहीं भी निवेश न करें. उचित जगह से जानकारी लेने के बाद ही निवेश करें.

फोन पर कभी किसी से ओटीपी शेयर न करें. किसी अनजान व्यक्ति द्वारा भेजे गये लिंक पर कभी क्लिक न करें. ऐसी थोड़ी सी सावधानी से ही साइबर ठगी से बचा जा सकता है. हाल के दिनों में एक व्यक्ति से 1.35 करोड़ रुपये की ठगी हुई है. कोई व्यक्ति घर में बैठकर कहां पैसे निवेश कर रहा है इसकी जानकारी पुलिस को नहीं होगी. इसलिए सावधान रहें, साइबर क्राइम से बचें.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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