महालया आज, होगा मां दुर्गा का आह्वान

महालया बुधवार को है. मां दुर्गा का आह्वान कर गुरुवार से शारदीय नवरात्र शुरू हो जायेगा. पहले दिन कलश स्थापना कर मां दुर्गा के पहले स्वरूप शैलपुत्री की आराधना की जायेगी.

By Prabhat Khabar News Desk | October 1, 2024 9:42 PM

दुर्गापुर.

महालया बुधवार को है. मां दुर्गा का आह्वान कर गुरुवार से शारदीय नवरात्र शुरू हो जायेगा. पहले दिन कलश स्थापना कर मां दुर्गा के पहले स्वरूप शैलपुत्री की आराधना की जायेगी. शिल्पांचल व इसके आसपास के इलाके में दुर्गापूजा को लेकर चहल-पहल बढ़ गयी है. पूजा को लेकर शहर में पूजा सामग्री की दुकानो में पूजा के लिए मिट्टी के कलश, माता की चुनरी, मोती की माला, नारियल एवं अन्य पूजन सामग्री की खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ देखी गयी.

सुबह-सबेरे गूंजेंगे ‘जागो मां तुमी जागो’ के बोल

नवरात्र का त्योहार मां दुर्गा के नौ रूपों को समर्पित है. नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की श्रद्धालु ,भक्ति भाव से पूजा आराधना करेंगे. इससे पहले बुधवार की सुबह रेडियो पर महालया सुनने की परंपरा रही है. महालया में प्रातः वीरेंद्र कृष्ण भद्र की आवाज में रेडियो पर चंडी पाठ सुनना एक परंपरा बन गयी है. लेकिन बीते कई वर्षों से लोग रेडियो के बदले टीवी और मोबाइल पर महालया के दिन यह पाठ सुन रहे हैं.जागो मां तुमी जागो, की आवाज से पूरा इलाका गुंजायमान होगा.

पितृपक्ष की समाप्ति व देवीपक्ष की शुरुआत का जयघोष है महालया

शहर के पंडित अरुण पांडे ने कहा कि अश्विन माह कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि को महालया आता है. पितृपक्ष का समापन व देवीपक्ष का आगमन महालया के साथ होता है. पितृपक्ष में देवता 15 दिनों के लिए अपना स्थान पितरों के लिए छोड़ देते हैं. महालया के दिन अपने स्थान पर वास करने लगते हैं. पितृपक्ष की समाप्ति व देवीपक्ष की शुरुआत का जयघोष है महालया.

नदी घाटों पर होगा पितरों का तर्पण

महालया पर पितरों का तर्पण करने की परंपरा रही हैं. इस दिन दामोदर के घाटों के अलावा तालाबों और जलाशयों में पितरों का तर्पण किया जायेगा. जिसे लेकर लोग तैयारी में जुटे हुए हैं. इस दिन अहले सुबह लोग नदी घाटों पर रवाना होंगे.

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