बाघ पर निगरानी के लिए ली जा रही ड्रोन कैमरों की भी मदद पुरुलिया. पिछले सात दिनों से बांदवान थाना क्षेत्र के रायका पहाड़ के जंगलों के विभिन्न इलाके में घूम रहे बाघ की बांदवान थाना इलाके सहित पास के बोरो थाना इलाके के कई क्षेत्रों में मौजूदगी की जानकारी मिली है. बाघ के पैरों के निशान देखे जा रहे हैं. इस बीच पिछले दो दिनों में वन विभाग द्वारा लगाये गये ट्रैप कैमरे में बाघ की तस्वीर कैद हुई है लेकिन अब तक वन विभाग के कर्मचारी बाघ को पिंजरे में कैद करने में असफल रहे हैं. रविवार सुबह से ही मुख्य वन अधिकारी (पश्चिम वृत्त) संग्राम कुलंदा इभेल के नेतृत्व में सैकड़ों की तादाद में वन विभाग के कर्मचारियों के साथ-साथ वन सुरक्षा दल के सदस्य बांदवान थाना क्षेत्र के भाड़ारी पहाड़ के अंतिम छोर घाटीगुड़ी पहाड़ के जंगलों में बाघ को ढूंढने का काम करते रहे. लेकिन शाम होते ही उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा. संग्राम कुलंदा इभेल ने बताया कि शनिवार के बाद रविवार सुबह 5:40 के लगभग भाड़ारी पहाड़ के जंगलों मे लगाये गये दो ट्रैप कैमरों में बाघ की तस्वीर कैद हुई है. बाघ को पकड़ने के लिए लगातार वे मुहिम चला रहे हैं. इस बीच घाटीगुड़ी जंगल में बाघ के दहाड़ने की आवाज भी सुनायी दी है. बाघ घने जंगल में छिपा हुआ है. उस पर नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरों की भी मदद ली जा रही है. बाघ को पकड़ने के लिए पुरुलिया एवं बांकुड़ा वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी तैयार हैं. ट्रैंक्विलाइजर टीम के सदस्य भी तैयार हैं. लेकिन अब तक बाघ को पकड़ा नहीं जा सका है. बाघ को पकड़ने के लिए कई स्थानों पर जाल बिछाये गेय हैं तो कई स्थानों पर पिंजरे भी रखे गये हैं. इस बाघ के शरीर में रेडियो कॉलर नहीं होने के कारण इसकी वर्तमान अवस्था की जानकारी हासिल करने में काफी दिक्कत हो रही है.
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