आसनसोल.
जिला अस्पताल में जांच के बाद सिलिकोसिस लेकर प्रशासन की परेशानी बढ़ गयी है. पांच संभावित मरीजों की जांच हुई. सभी की रिपोर्ट में सस्पेक्टेड सिलिकोसिस बताया गया है. जिला में अबतक सिर्फ एक ही मरीज मिला है, जिसकी मौत कुछ साल पहले हुई थी. सालानपुर के एक एक्टिविस्ट अमरनाथ महतो ने सिलिकोसिस लेकर मुहिम शुरू की और दावा किया कि सैकड़ो की संख्या में सिलिकोसिस के मरीज हैं, जिनका गलत इलाज हो रहा है. जिसे लेकर उन्होंने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत की. जिसपर दो अलग-अलग मामला दर्ज हुआ है. उनके इस मुहिम को प्राभात खबर द्वारा उजागर करने के बाद प्रशासन हरकत में आयी और काफी तेजी से काम शुरू हुआ. तीन जनवरी को सालानपुर प्रखंड के अल्लाडी ग्राम पंचायत अंतर्गत बराभुईं गांव में जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा शीविर लगाया गया. कुल 32 लोगों की जांच हुई, जिसमें संदेह के आधार पर 20 लोगों का एक्सरे करवाया गया. जिसमें छह लोगों को सिलिकोसिस का संदिग्ध पाया गया. जिन्हें जांच के लिए सोमवार को जिला अस्पताल लाया गया. यहां सीटी स्कैन और पलमानरी फंक्शन टेस्ट (पीएफटी) करने के बाद रिपोर्ट में सस्पेक्टेड सिलिकोसिस लिखा गया. जिला मुख्य स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओएच) डॉ. मोहम्मद यूनुस ने कहा कि आठ जनवरी को जिला सिलिकोसिस डायग्नोस्टिक बोर्ड बैठेगी. जिसमें सभी मरीजों की रिपोर्ट पर चर्चा के बाद ही अंतिम निर्णय होगा. गौरतलब है कि सालानपुर प्रखंड में सिलिकोसिस के मुद्दे पर 21 दिसंबर 2024 को प्राभात खबर अखबार के खबर प्रकाशित होने के बाद प्रशासन हरकत में आया और संभावित सिलिकोसिस बीमारी से आक्रांत होकर मारे गए सुबल राय के घर पर एक मेडिकल टीम पहुंची. मृतक का सारा मेडिकल रिपोर्ट देखने के बाद सारे कागजात के साथ पीड़ित परिवार को बोर्ड मीटिंग में बुलाया गया. इस बीच पीड़ित के परिजनों ने अतिरिक्त जिलाधिकारी (जनरल) सुभाषिनी. ई को ज्ञापन सौंपा और आरोप लगाया कि सुबल राय को सरकारी अस्पताल में गलत इलाज किया गया. जिसके कारण सिलिकोसिस से मारे जाने पर सरकारी अनुदान नहीं मिल रहा है. आरोप यह भी लगाया गया कि रैमिंगमास उद्योग में काम करनेवाले यहां के भारी संख्या में श्रमिक सिलिकोसिस से आक्रांत हैं. यह खबर भी प्राभात खबर ने विस्तृत रूप से प्रकाशित किया. अतिरिक्त जिलाधिकारी (जनरल) श्रीमती सुभाषिनी ने मामले को गंभीरता से लिया. जिसके बाद मरीजों को चिन्हित करने की पूरी प्रक्रिया शुरू हुई. तीन जनवरी को बराभुईं गांव में सिलिकोसिस के मरीजों को चिन्हित करने के लिए शिविर लगाया गया. हालांकि इस शिविर में संभावित अधिकांश मरीजों की जांच ही नहीं हो पाया. वे लोग जिस कारखाने में कार्य करते हुए आक्रांत हुए हैं, वहां काम करनेवाला कोई भी श्रमिक जांच के लिए नहीं निकल पाया. कुल 32 लोगों की शिविर में जांच के बाद 20 को ले जाकर ब्लॉक प्रायमरी हेल्थ सेंटर में एक्सरे करवाया गया. जिसमें से छह को आगे की जांच के लिए चुना गया था. जिसमें से पांच की जांच हुई और सभी सिलिकोसिस सस्पेक्ट निकले.आठ तारीख को बोर्ड मीटिंग में इनके सिलिकोसिस से आक्रांत होने का सर्टिफिकेट मिल जाता है तो इन्हें मुआवजा मिलेगा.
इनके चिन्हित होने के बाद और भी अनेकों मरीजों के मिलने की संभावना बढ़ जाएगी. सरकार आंकड़े में जिला में अबतक सिर्फ एक ही सिलिकोसिस का मरीज मिला है. जिसकी मौत कुछ वर्ष पहले हो चुकी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है