आसनसोल.
दिसंबर का महीना आते ही लोग नये साल का इंतजार करना शुरू कर देते हैं. दिसंबर में क्रिसमस में केक खाने का रिवाज है. क्रिसमस के मद्देनजर केक की मांग काफी बढ़ जाती है. केवल ईसाई समुदाय के ही नहीं, बल्कि अन्य लोग भी केक खाते हैं. करीब एक दशक पहले गली मोहल्ले की बेकरी में दिसंबर के आते ही बेकरी के मालिक व सभी कारीगर केक का ऑर्डर पूरा करने में जुट जाते थे. इसके लिए दिन रात मेहनत की जाती थी. लेकिन अब हालात अलग हैं. डिजिटल युग में शहर के बड़े-बड़े बिस्किट कारखाने व बेकरी बंद होते जा रहे हैं. आम बेकरी के बदले ब्रांडेड केक की मांग बढ़ती जा रही है. बिस्किट कारखाने के एक विक्रेता एचडी हाशिम अली खान ने बताया 45 साल से बिस्किट कारखाने में वह काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि जब दिसंबर का समय आता था तो दुकान के मालिक उन्हें सिर्फ केक बनाने के लिए दिन-रात काम करने के लिए कहते थे. दिसंबर वे गली मोहल्ले में जाकर ठेले पर केक व बिस्किट बेचते थे. 20 साल पहले भी दिसंबर महीना आते ही वे अपने ठेले पर गली मोहल्ले में सिर्फ केक बेचने के लिए निकलते थे. केक की मांग दिसंबर में काफी बढ़ जाती है. हाशिम अली खान ने यह भी बताया कि बंगाली समुदाय के लोगों में भी 25 दिसंबर को केक खाने का रिवाज है. लेकिन ऐसे केक की मांग नहीं होती है. नये साल पर कई ऐसे बिस्किट कारखाने जहां केक बनते थे वे सभी बंदी की कगार पर हैं.कई ऐसे कारखाने बंद भी हो चुके हैं. श्री हाशिम ने यह भी बताया कि कई लोग ऐसे हैं जो मोबाइल पर यूट्यूब देखकर घर में ही केक बना ले रहे हैं. केक की डिजाइनिंग के साथ उसके लिए स्वादिष्ट क्रीम भी उपलब्ध हो गयी है. लोग अब बाजार में स्टैंडर्ड दुकान से ही केक की खरीदारी कर रहे हैं. मोहम्मद हाशिम ने यह भी कहा कि जब लोगों का जन्मदिन होता था तो बड़े से बड़े केक का ऑर्डर मिलता था. लेकिन अब ऐसे ऑर्डर सामान्य बेकरी को नहीं मिल रहे हैं. लोग अब आधुनिक मशीन से बने केक को पसंद कर रहे हैं. ऐसे ही केक की बिक्री बढ़ रही है. आसनसोल उत्तर थाना अंतर्गत तीन बेकरी हो गये हैं. जिनके नाम काजल बेकरी, रॉयल बेकरी और बंगाल बेकरी हैं. रॉयल बेकरी के मालिक एचडी विप्लव ने बताया कि कच्चे माल का दाम बढ़ गया है. घर-घर में लोग मोबाइल देख कर केक बना रहे हैं. गली मोहल्ले में छोटी-छोटी ब्रांडेड केक की दुकान हो गयी है. मजदूरों की समस्या भी है. बड़ी-बड़ी कंपनियों ने बाजार पर कब्जा जमा लिया है. इसके लिए वे ऑनलाइन मार्केटिंग करते हैं. बेकरी में कोई नहीं जा रहा है. कभी वक्त था कि क्रिसमस के दौरान बेकरी को फुर्सत नहीं होती थी. अब ऐसा कुछ नहीं है.
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