सिम ब्लॉक के बाद बैंकों से निकल गये “10.13 लाख रुपये

आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट (एडीपीसी) इलाके में साइबर अपराधियों ने हड़कंप मचा दिया है. फोन कॉल करके, मैसेज भेजकर, लिंक भेजकर, शेयर ट्रेडिंग में निवेश करने का झांसा आदि देकर ठगी करने का कार्य धड़ल्ले से जारी है, इस बीच गुम, चोरी या छिनताई हुए मोबाइल फोनों से पैसे गायब करने का एक के बाद एक मामला सामने आ रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 12, 2024 9:31 PM

आसनसोल.

आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट (एडीपीसी) इलाके में साइबर अपराधियों ने हड़कंप मचा दिया है. फोन कॉल करके, मैसेज भेजकर, लिंक भेजकर, शेयर ट्रेडिंग में निवेश करने का झांसा आदि देकर ठगी करने का कार्य धड़ल्ले से जारी है, इस बीच गुम, चोरी या छिनताई हुए मोबाइल फोनों से पैसे गायब करने का एक के बाद एक मामला सामने आ रहा है. रानीगंज थाना क्षेत्र के सालडांगा बख्तरपाड़ा इलाके के निवासी प्रेमचंद साव ने शिकायत दर्ज करायी थी कि उनका मोबाइल फोन गुम होने के बाद उनके बैंक खाता से 12.84 लाख रुपये निकल गये. इस घटना के 24 घंटे के अंदर ही फरीदपुर थाना क्षेत्र के नतुनडांगा इलाके की निवासी रासमणि घोष ने एक ऐसी ही शिकायत साइबर क्राइम थाना आसनसोल में दर्ज करायी. जिसमें उनका मोबाइल फोन गुम होने के तुरंत बाद उनके बेटे ने उनके मोबाइल फोन में मौजूद सिमकार्ड को ब्लॉक करवा दिया. बाद में उसी नंबर पर उन्हें नया सिमकार्ड भी मिल गया. जब वह बैंक में गयीं तो उनके होश उड़ गये. उनके एसबीआइ बैंक के खाते से 36 ट्रांजेक्शन में 9,87,600 रुपये और एक्सिस बैंक के खाते से दो ट्रांजेक्शन में 25,500 रुपये निकल गये थे. शिकायत के आधार पर साइबर क्राइम थाना में कांड संख्या 105/24 में बीएनएस की धारा 303/319(2)/318(4)/316(2)/61(2) के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई. जांच का दायित्व अवर निरीक्षक रुस्तम शेख को दिया गया है. ऐसे मामलों को लेकर पुलिस भी काफी चिंतित है.

क्या है पूरा मामला

पीड़िता श्रीमती घोष ने अपनी शिकायत के बताया है कि नतुनडांगा इलाके में ही बाजार करने के दौरान गत 23 नवंबर को उनका मोबाइल फोन खो गया. उसी दिन उनके बेटे भुवन मोहन घोष ने फोन के सिमकार्ड को ब्लॉक करवा दिया था. बाद में उसी नंबर के साथ नया सिमकार्ड भी मिल गया. 10 दिसंबर को उन्होंने एसबीआइ बनग्राम शाखा में जाकर अपने खाते की जांच की तो उनके होश उड़ गये. एसबीआइ के उनके खाते से कुल 36 ट्रांजेक्शन में 9,85,600 रुपये की रुपये की निकासी हुई थी. उन्होंने एक्सिस बैंक में स्थित अपने एक और खाते की जांच की तो पाया कि यहां के खाते से दो ट्रांजेक्शन में 25,500 रुपये की निकासी हुई है. यह निकासी 24 नवंबर से छह दिसंबर के बीच हुई.

मोबाइल फोन चोरी या गुम होते ही क्या करने से सेफ रहेगा आपका पैसा

साइबर एक्सपर्ट आर रवि कुमार ने बताया कि मोबाइल फोन गुम, चोरी या छिनतई होते ही सबसे पहले सिमकार्ड ब्लॉक कराएं और अपने बैंक के कस्टमर केयर में फोन करके बैंक अकाउंट को लॉक करायें. कस्टमर केयर में फोन करके बैंक खाते को अस्थायी तौर पर लॉक किया जा सकता है. उसके बाद तुरंत बैंक में जाकर इसकी लिखित में जानकारी दें. इसके बाद भी यदि आपके खाते से पैसा निकलता है तो यह पूरी तरह से बैंक की जिम्मेदारी है और पैसे की भरपाई बैंक को करनी होगी. श्रीमती घोष के मामले में साइबर अपराधियों ने सिमकार्ड ब्लॉक होने के पहले ही ऑनलाइन उनके बैंक का फोन नंबर बदल दिया. जिसके लिए पासवर्ड को भी बदला है. जिसके बाद नये नंबर पर आसानी से वे ट्रांजेक्शन करते रहे. श्रीमती घोष को इस ट्रांजेक्शन का कोई मैसेज ही नहीं मिला. वह यह सोचकर निश्चिंत थी कि उनका सिमकार्ड ब्लॉक हो गया है. उन्होंने अपना अकाउंट लॉक नहीं करवाया. जिसके कारण ही साइबर अपराधियों को लंबे समय तक पैसे निकासी करने का मौका मिला.

फोन चोरी व छिनतई करनेवाले गैंग की बढ़ रही संख्या

एडीपीसी में फोन चोरी या छिनताई करनेवाले गैंग की संख्या बढ़ रही है और गैंग के सदस्यों के बीच इलाके के वर्चस्व को लेकर मारपीट चलती रहती हैं, यहां तक गोलीबारी भी हुई है. साइबर अपराधी चोरी का मोबाइल जितनी जल्दी उनके पास पहुंचेगा, उसकी कीमत वे उतनी ज्यादा देते हैं. चोरी के मोबाइल फोन की कीमत नये फोन से भी ज्यादा मिलती है. कीमत इस बात पर निर्भर करती है कि चोरी का फोन साइबर अपराधियों के पास कितना जल्दी पहुंचा है. फोन मिलते ही साइबर अपराधी अपने कार्य में जुट जाते हैं और करोड़ो रुपये तक की ठगी कर लेते हैं. मोबाइल फोन का काम खत्म होते ही उसे चोर बाजार में बेच देते हैं. जहां से यह फोन पुनः बाजार में आ जाता है. पुलिस ने चिनाकुड़ी में ऐसे ही एक गैंग को पकड़ा था. जो चोरी व छिनताई का मोबाइल फोन साइबर अपराधियों को पहुंचाते थे और फिर वहां से मोबाइल लाकर बाजार में बेचते थे.

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