पानागढ़.
पश्चिम बर्दवान जिले के कांकसा थाना इलाके बेलडांगा स्थित एक विशाल जलाशय को अवैध रूप से भरे जाने के खिलाफ भाजपा ने कांकसा बीडीओ को शिकायत की है. इस तरह अवैध रूप से जलाशय की भराई को लेकर इलाके में शोरगुल शुरू हो गया है. दिन दहाड़े ही उक्त विशाल जलाशय को भरने पर होटल मालिक के खिलाफ शिकायत की गयी है. बेलडांगा स्थित विशाल जलाशय भरने की शिकायत स्थानीय ब्लॉक प्रशासन को भी की गयी है. शिकायत के घेरे में एक प्रभावशाली होटल मालिक बताया जा रहा है. भले ही भू-राजस्व विभाग ने भाजपा नेतृत्व से शिकायत मिलने के बाद काम रोक दिया है, लेकिन प्रशासन ने आरोपी होटल मालिक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई किए बिना सात दिनों के भीतर जलाशय को उसकी पिछली स्थिति में बहाल करने का फैसला किया है. राज्य सड़क के किनारे जंगल के बीच इस जलाशय में राख डंप करने की शिकायत है. शिकायत कांकसा के बेलडांगा चौराहे के पास गौतम धीबर नाम के होटल मालिक के खिलाफ है. कांकसा के बेलडांगा मोड़ के पास जंगल के बीच में एक विशाल बांध है, इसकी जानकारी मिलने पर बांध के किनारों को धीरे-धीरे राख से भरा जा रहा था. कांकसा के राजस्व विभाग ने पहुंचकर अवैध कार्य को रोक दिया है.लेकिन तब तक राख से विशाल जलाशय को भर दिया गया है. इलाके के लोग इस जलाशय के भरे जाने को लेकर प्रदूषण का शिकार हो रहे हैं. शिकायत के बाद कांकसा भूमि राजस्व विभाग और स्थानीय प्रशासन ने होटल मालिक के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई किए बिना, केवल सात दिनों के भीतर जलाशय को उसकी मूल स्थिति में वापस करने का आदेश दिया है. वहीं, इसके जवाब में गौतम धीबर नाम के होटल मालिक ने सफाई देते हुए कहा कि वह इस जलाशय को पर्यटन केंद्र के तौर पर सजाने का काम कर रहे थे. जलाशय के दोनों पाड़ों को मिलाने के लिए ही इस जलाशय के कुछ हिस्सा को भरा जा रहा था. भाजपा के बर्दवान सदर भाजपा पार्टी उपाध्यक्ष रमन शर्मा ने आरोप लगाया कि जलाशय भरने वाले सत्तारूढ़ दल के सपोर्ट के बिना दिन के उजाले में खुलेआम ऐसा नहीं कर सकते थे. कांकसा भू-राजस्व विभाग से लेकर स्थानीय बीडीओ को शिकायत लिखने के बाद प्रशासन की नींद खुली है. स्थानीय लोगों का कहना है कि होटल मालिक ने जलाशय में राख भर कर पानी को प्रदूषित कर दिया है. पर्यावरणविद प्रकाश दास ने कहा यह जघन्य अपराध है. होटल मालिक के खिलाफ उपयुक्त कार्यवाही होनी चाहिए. तृणमूल के स्थानीय नेता का कहना है कि तृणमूल का इसमें कोई हाथ नहीं है. भाजपा अनावश्यक राजनीति कर रही है. इस मामले को लेकर इलाके में हंगामा मचा हुआ है. सवाल यह उठ रहा है कि लिखित शिकायत के बावजूद बिना कोई कानूनी कार्रवाई किये भू-राजस्व विभाग केवल सात दिनों के अंदर जलाशय को उसकी मूल स्थिति में लौटाने की घोषणा कर चुप क्यों बैठ गयी है. दोषियों के खिलाफ उपयुक्त कानूनी कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है