तैयारी तुम भी करो रोने की ! मेरे सहने का ये अंतिम दौर था !!
सोशल मीडिया में किये गये पोस्ट से जितेंद्र तिवारी की तृणमूल में घर-वापसी की अटकलें तेज
जितेंद्र की तृणमूल में वापसी के लंबे समय से चल रहे कयास, पूर्व मेयर पर सीएम व अभिषेक भी दे चुके हैं तल्ख बयान आसनसोल. तृणमूल के पूर्व जिलाध्यक्ष व आसनसोल के पूर्व मेयर तथा वर्तमान में भाजपा के नेता जितेंद्र तिवारी का फेसबुक पर किया गया एक पोस्ट उनके तृणमूल में वापसी की संभावना को बल दे दिया है. श्री तिवारी ने अपने पोस्ट में लिखा कि ””””तैयारी तुम भी करो, रोने की! मेरे सहने का ये, अंतिम दौर था!! काफी मशहूर ये पंक्तियां श्री तिवारी द्वारा फेसबुक पर पोस्ट करते ही तरह-तरह के कयास लगाने का दौर शुरू हो गया है. श्री तिवारी सोशल मीडिया पर हमेशा एक्टिव रहते हैं और प्रतिदिन कुछ न कुछ पोस्ट करते हैं. इस पोस्ट पर तृणमूल के प्रदेश सचिव वी.शिवदासन दासू का बयान भी इस कयास को काफी बल दे दिया है. श्री दासू ने कहा कि ऊपर नेतृत्व यदि किसी को पार्टी में शामिल करता है तो संगठन में शामिल हर किसी को उसका स्वागत करना होगा. इस पोस्ट को लेकर श्री तिवारी की प्रतिक्रिया जानने के लिए उनसे संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया. खुफिया विभाग भी इस पोस्ट को लेकर अंदरूनी स्रोतों से जनाकारी इकट्ठा कर रही है. गौरतलब है कि श्री तिवारी का राजनीतिक कैरियर कांग्रेस से शुरू हुआ और तृणमूल का गठन होते ही वह इसमें शामिल हो गये. वर्ष 2006 की विधानसभा चुनाव में तृणमूल ने उन्हें रानीगंज से उम्मीदवार बनाया, लेकिन वे हार गये. वर्ष 2009 में तृणमूल की टिकट पर आसनसोल नगर निगम में वार्ड संख्या 38 से जीतकर पार्षद बने. पार्टी ने उन्हें चेयरमैन का पद दिया. वर्ष 2015 में पुनः 38 नम्बर वार्ड से जीतकर दुबारा पार्षद बने और पार्टी ने इसबार उन्हें आसनसोल का मेयर बना दिया. वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने पांडवेश्वर से टिकट दिया और इसबार वे जीत गये. मेयर, विधायक के साथ पार्टी ने उन्हें जिलाध्यक्ष का भी दायित्व दिया. लगातार दो टर्म जिलाध्यक्ष रहे. वर्ष 2021 विधानसभा चुनाव से पहले वे भाजपा में शामिल हो गये. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी सहित अन्य अनेकों नेताओं ने विभिन्न समय अपने भाषणों में श्री तिवारी हमला किया. वर्ष 2021 के बाद भाजपा में गये अनेकों नेता तृणमूल में वापस आ गये. श्री तिवारी के तृणमूल में वापसी को लेकर हर समय कयास लगता ही रहता है. इसबार उनके इस पोस्ट ने पुनः एकबार कयास को जन्म दे दिया है. भाजपा में आने के बाद श्री तिवारी को अनेकों मुसीबतों का भी सामना करना पड़ा है. कम्बल वितरण के दौरान हुई भगदड़ में हुई मौत के मामले में उन्हें जेल की हवा भी खानी पड़ी. इसलिए उनके पोस्ट के इस पंक्ति का लोग अपने हिसाब से मतलब लगा रहे हैं.
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