झारखंड सीमा पर परिवहन अधिकारियों ने रोकी बस, चालक के साथ दुर्व्यवहार का आरोप, हंगामा
परिवहन अधिकारियों ने बस चालकों पर की सख्ती, कहा- बस का परमिट नहीं
यात्रियों के हंगामे के बाद छोड़ा बस को
आरटीओ ने बस चालक के साथ मारपीट के आरोपों को खारिज कियाआसनसोल. पश्चिम बंगाल तथा झारखंड की सीमा डिबुडीह चेकपोस्ट पर रविवार की सुबह एक यात्री बस को परिवहन विभाग के कुछ अधिकारियों ने जबरन रोक लिया. आरोप है कि परिवहन विभाग के अधिकारी बस को यात्रियों सहित नियामतपुर फांड़ी लेकर जाने को मजबूर कर रहे थे. लेकिन यात्रियों के विरोध के बाद परिवहन विभाग के अधिकारियों को बाध्य होकर बस को छोड़ना पड़ा. एक घंटे के विलंब के बाद किसी प्रकार से बस चालक यात्रियों को लेकर जब आसनसोल पहुंचा तो यात्रियों ने आरटीओ के खिलाफ जमकर विरोध जताया. घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे आइएनटीटीयूसी श्रमिक नेता राजू अहलूवालिया ने उक्त घटना की निंदा की और बस कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार करने वाले एमवीआइ (मोटर वेहिकल इंस्पेक्टर) द्वारा माफी मांगे जाने की मांग की. उन्होंने कहा कि आइएनटीटीयूसी जिलाध्यक्ष अभिजीत घटक से शिकायत की जायेगी.
क्या कहना है बस चालक का
बस चालक सुधीर कुमार ने कहा कि आरटीओ लिखे एक वाहन में सवार तीन व्यक्तियों ने उनसे गाड़ी के पेपर दिखाने को कहा. जब वे अपने गाड़ी से पेपर निकालकर आये तो उनका पेपर रख लिया गया. उनका मोबाइल छीनकर उसे स्विच ऑफ कर दिया. उन्होंने कहा कि बस का परमिट नहीं है. इसका परिचालन अवैध तरीके से हो रहा है. तकरीबन आधे घंटे तक वे उनसे पूछताछ करते रहे. जब बस चालक ने उनसे पूछा कि मामला क्या है तो उन लोगों ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया. जब एक उन्होंने बस के मालिक से बात करने की बात कही तो उन तीन व्यक्तियों में से एक व्यक्ति ने उन्हें एक थप्पड़ भी मारा. बस चालक का कहना है कि उन तीनों व्यक्तियों ने उनके मोबाइल और लाइसेंस ले लिऐ और लौटाया भी नहीं. आखिरकार जब देरी की वजह से बस के यात्री हंगामा करने लगे तब जाकर वे चले गये. यह बस जब आसनसोल बस स्टैंड पर पहुंची तो यात्रियों ने विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने आसनसोल सिटी बस स्टैंड में दूसरे कर्मचारियों को परिवहन अधिकारियों की ज्यादती के बारे में बताया. श्रमिक नेता राजू अहलूवालिया ने बताया कि जहां कई स्थानों पर बसों का अवैध परिचालन हो रहा है या उनके जरूरी दस्तावेज नहीं है, तो कानून के मुताबिक काम करना चाहिए. कोई मोटर व्हीकल अधिकारी किसी यात्री या कर्मचारी पर हाथ नहीं उठा सकता. अगर कोई सामान जब्त किया भी गया है तो उसकी सीजर लिस्ट देना होगा. इस बारे में उन्होंने कहा कि यहां के आरटीओ से बात की गयी है. एमवीआइ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गयी है.
आरोपों से इनकार
वहीं आरटीओ म़ण्मय मजूमदार ने कहा कि झारखंड नंबर की एक बस आसनसोल की ओर आ रही थी. उसके कागजात की जांच करने के बाद उसे छोड दिया गया. बस कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार करने या उसका मोबाइल छीनने का आरोप बिल्कुल गलत है. पेपर जांच करने के बाद बस को छोड दिया गया.
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