झांसे में लिया और 20 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा, लूट ली सारी धनराशि

साइबर क्राइम के शातिरों की कारगुजारी जारी, ठगा रहे लोग

By Prabhat Khabar News Desk | January 29, 2025 1:08 AM
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मुंबई से चीन को भेजे गये पार्सल में 150 ग्राम एमडीएमए होने का दिखाया डर, पार्सल भेजे बिना आ गये झांसे में

आधार कार्ड के दुरुपयोग की बात कह डाककर्मी ने दी शिकायत करने की सलाह, उसके बाद आ गया साइबर क्राइम अफसर का फोन

आसनसोल. 20 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट करके साइबर अपराधियों ने हीरापुर थाना क्षेत्र के बर्नपुर इलाके के निवासी परेश रंजन साहू से 4,44,081 रुपये लूट लिया. हालांकि उनके पास देने के लिए और राशि नहीं था, जिसके कारण वे सिर्फ इतने में ही निपट गये. नौ दिन पहले आसनसोल साउथ थाना क्षेत्र के समीरन राय रोड इलाके के निवासी चंचल बंधोपाध्याय को सात दिनों तक डिजिटल अरेस्ट करके साइबर अपराधियों ने 1.04 करोड़ रुपये लूटे थे. श्री बंधोपाध्याय 10 जनवरी से 16 जनवरी तक डिजिटल अरेस्ट थे, उसी दौरान श्री साहू भी डिजिटल अरेस्ट थे. दोनों ही मामलों में साइबर अपराधियों ने हूबहू एक ही फार्मूला का इस्तेमाल किया. दोनों ही मामलों में पार्सल में ड्रग्स बताकर डराया गया. दोनों में से किसी ने पार्सल नहीं भेजा, अपराधियों ने उन्हें आधार कार्ड के दुरुपयोग की बात बताकर झांसे में ले लिया और पैसे लूट लिए. श्री साहू की शिकायत पर साइबर क्राइम थाना आसनसोल में कांड संख्या 14/25 में बीएनएस की धारा 316(2)/318(4)/319(2)/336(3)/338/340(2)/61(2) के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई. अभी भी साइबर अपराधी अनेकों को डिजिटल अरेस्ट करके पैसे लूट रहे होंगे, जिसकी जानकारी कुछ दिनों बाद आने की संभावना है. गौरतलब है कि डिजिटल अरेस्ट बोलकर कुछ नहीं होता है, इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लोगों को जागरूक करने के लिए संदेश दिया. पुलिस के अलावा विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से साइबर अपराध से बचने को लेकर लोगों को लगातार जागरूक किया जा रहा है. इसके बावजूद भी लोग साइबर अपराधियों के झांसे में फंस जा रहे हैं और अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई गंवा दे रहे हैं.

कैसे 20 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट करके लूटे रुपये

श्री साहू ने अपनी शिकायत में बताया कि चार जनवरी 2025 की सुबह उनके मोबाइल फोन पर 977161208127 नम्बर से कॉल आया. कॉल करनेवाले ने खुद को मुंबई जीपीओ का कर्मचारी राकेश खन्ना बताया और कहा कि 31 दिसंबर 2024 को मुंबई से चीन के लिए उनके (श्री साहू) द्वारा जो पार्सल भेजा गया था, उसमें छह पासपोर्ट, पांच एटीएम कार्ड, 3.5 किलोग्राम कपड़े, एक लैपटॉप और 150 ग्राम एमडीएमए (अवैध नशीली पदार्थ) आदि है. जिसे डाक विभाग द्वारा जब्त किया गया है. जब उन्होंने कहा कि वह कोई पार्सल नहीं भेजे हैं. उस समय कथित डाक कर्मचारी ने उन्हें कहा कि आपके आधार कार्ड का दुरुपयोग हुआ है. इसकी शिकायत वे मुंबई साइबर क्राइम थाना में दर्ज करवाएं. उसका फोन कटते ही कुछ ही मिनटों बाद कथित मुंबई साइबर क्राइम सेल के अधिकारी का स्काइप वीडियो कॉल आया. कथित साइबर सेल का अधिकारी ने उन्हें डराने का काम शुरू किया. उसने कहा कि पार्सल में अवैध सामान अंतरराष्ट्रीय अपराध का हिस्सा है. इसके लिए जिला और गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देना शुरू किया. सीबीआइ के आदेश के रूप में फर्जी दस्तावेज भी दिखाया. चार जनवरी दोपहर एक बजे से 23 जनवरी शाम तक उन्हें ऑडियो और वीडियो कॉल पर रहने को मजबूर किया. गंभीर दबाव और लगातार धमकी देकर मामले को रफा दफा करने के लिए रुपये ट्रांसफर करने को मजबूर कर दिया. इस दौरान किसी से भी बातचीत नहीं करने दिया. श्री साहू ने जो अपराध किया ही नहीं उससे बचने के लिए अपराधियों द्वारा भेजे गये अलग-अलग खातों में दो ट्रांजेक्शन में कुल 4,44,081 रुपये ट्रांसफर किया. बाद में उन्हें अहसास हुआ कि वे साइबर अपराधियों के चंगुल में फंसे हुए थे. 27 जनवरी को उन्होंने इसकी शिकायत एनसीआरपी पोर्टल के साथ साइबर क्राइम थाना में दर्ज करायी.

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