शिकायत मिलने के 72 घंटे के अंदर जबलपुर से दो आरोपी गिरफ्तार, पांच दिनों की मिली ट्रांजिट रिमांड

दोनों आरोपियों को स्थानीय अदालत में पेश करके ट्रांजिट रिमांड की अपील की गयी.

By Prabhat Khabar News Desk | November 4, 2024 1:11 AM

आसनसोल. आसनसोल नगर निगम (एएमसी) के पीएनबी आसनसोल बाजार शाखा के खाते से 40,00,501 रुपये की फर्जी चेक के जरिये निकासी के मामले में आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट (एडीपीसी) साइबर क्राइम थाने की पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. 30 अक्तूबर की रात को शिकायत मिलने के 72 घंटे के अंदर ही पुलिस ने दो आरोपियों को जबलपुर (मध्यप्रदेश) से गिरफ्तार कर लिया है. दोनों आरोपियों को स्थानीय अदालत में पेश करके ट्रांजिट रिमांड की अपील की गयी. अदालत ने पांच दिनों की ट्रांजिट रिमांड पर आरोपियों को एडीपीसी साइबर क्राइम थाने के पुलिस अधिकारियों को सौंप दिया. पांच दिनों के अंदर ही आरोपियों को आसनसोल अदालत में पेश कर पुलिस रिमांड की अपील की जायेगी. इन आरोपियों से इस मामले में बड़ा खुलासा होने की उम्मीद है.

गौरतलब है कि 28 अक्तूबर को एएमसी के पीएनबी आसनसोल बाजार शाखा के खाते से 40,00,501 रुपये की निकासी हुई. यह निकासी फर्जी चेक और उसपर फर्जी हस्ताक्षर करके पीएनबी जबलपुर शाखा से की गयी थी. इसकी जानकारी मिलने के बाद एमएसी के वित्त अधिकारी अहमद कमाल फरीदी ने साइबर क्राइम थाना, आसनसोल में 30 अक्तूबर को शिकायत दर्ज करायी थी. उनकी शिकायत के आधार पर कांड संख्या 91/24 में बीएनएस की धारा 319(2)/318(4)/316(2)/61(2)/338/336(3)/340(2) के तहत मामला दर्ज हुआ है. शिकायत मिलते ही पुलिस ने सबसे पहले पीएनबी जबलपुर शाखा से संपर्क किया और इस निकासी की डिटेल्स लेकर सारे पैसे जिस खाते में गये उसे फ्रीज करने की अपील की. जिससे 12 लाख रुपये उस खाते में अटक गये. बाकी 28 लाख रुपये की निकासी आरोपियों ने कर ली थी. चेक जमा देने और पैसा निकासी के दौरान आरोपियों का चेहरा बैंक के सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गया. उस फोटो के सहारे जबलपुर के साइबर क्राइम थाना पुलिस से संपर्क किया और दो आरोपियों को पकड़ने में सफलता मिली. सूत्रों के अनुसार इनका नेटवर्क काफी बड़ा है. पुलिस नेटवर्क से जुड़े सभी लोगों को पकड़ने में जुटी हुई है.

क्या है पूरे मामले की अंदरूनी कहानी

एमएसी का पीएनबी बैंक आसनसोल बाजार शाखा में खाता है. इस खाते के साथ वित्त अधिकारी श्री फरीदी का फोन नंबर दिया हुआ है. इस बैंक से जुड़ी कोई भी जानकारी इसी नंबर पर आती है. 14 अक्तूबर को एएमसी के लेटरहेड पर इस नंबर को बदलने के लिए पीएनबी में आवेदन किया गया और नया नंबर 7324073874 को जोड़ने की अपील की गयी. एएमसी से बात किये बगैर बैंक अधिकारी ने उस आवेदन के आधार पर फोन नंबर बदल दिया. 28 अक्तूबर को पीएनबी जबलपुर शाखा से एएमसी के खाते से चेक के जरिये 40,00,501 रुपये निकल गये. श्री फरीदी के नंबर पर कोई कॉल या मैसेज नहीं आया. यह कॉल और मैसेज बदले हुए नंबर पर गया, जहां से ओके होने के बाद पैसा क्लियर हो गया. इसके बाद पुनः 80 लाख रुपये का चेक क्लियर होने के लिए डाला गया. इस दौरान शाखा प्रबंधक को कुछ शक हुआ. उसने आसनसोल शाखा प्रबंधक को फोन किया. 29 अक्तूबर की शाम 5.05 बजे आसनसोल शाखा प्रबंधक पुरुषोत्तम कुमार ने एएमसी के वित्त अधिकारी श्री फरीदी को एक मेमो भेजकर पूछा कि क्या इस मेमो नंबर की चिट्ठी एएमसी ने जारी की है? जिसमें फोन नंबर बदलने को कहा गया है. इसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ कि 40 लाख रुपये की फर्जी निकासी हुई है और 80 लाख रुपये का चेक क्लियरेंस के लिए लंबित है. इसके बाद तुरंत कार्रवाई शुरू हुई.

27 सितंबर को रद्द चेक का नंबर कैसे पहुंचा बदमाशों के पास एएमसी के पीएनबी

आसनसोल बाजार शाखा बैंक के खाता संख्या 0202010350692 का एक चेक नंबर 583914 को ओवरराइटिंग के कारण 27 सितंबर 2024 को रद्द किया गया था और यह चेक नगर निगम के पास जमा है. 40,00,501 रुपये की निकासी जिस चेक से हुई है, उस चेक का नंबर भी 583914 है. इस चेक की पूरी जानकारी बदमाशों तक कैसे पहुंची? पुलिस को यह बात सबसे ज्यादा हैरान कर रही है. हालांकि 40 लाख रुपये में से बदमाश पूरा पैसा ट्रांसफर नहीं कर पाए थे. जिसमें 12 लाख रुपये उस खाते में था जिसमें यह पैसा भेजा गया था. वह खाता फ्रीज कर दिया गया है. इस मामले के स्थानीय कुछ लोगों की भी संलिप्तता की बात सामने आयी है. दोनों आरोपियों से पुलिस को काफी जानकारी मिलने की उम्मीद है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version