दो नाबालिग बीवियों के मर्दों पर रेप, पॉक्सो और बाल विवाह कानून के तहत केस दर्ज
जमुड़िया थाना में सात दिनों के अंदर और दो युवकों पर बीएनएस की धारा 64, पॉक्सो एक्ट की धारा 4/6 और बाल विवाह निषेध अधिनियम की धारा नौ के तहत मामला दर्ज हुआ. सोनपुर बासकडांगा इलाके के एक आदिवासी युवक और विजयनगर इलाके के एक युवक, इन दोनों पर इनकी नाबालिग पत्नियों के मां बनने के कारण उक्त धाराओ के तहत मामला दर्ज हुआ.
आसनसोल/जामुड़िया.
जमुड़िया थाना में सात दिनों के अंदर और दो युवकों पर बीएनएस की धारा 64, पॉक्सो एक्ट की धारा 4/6 और बाल विवाह निषेध अधिनियम की धारा नौ के तहत मामला दर्ज हुआ. सोनपुर बासकडांगा इलाके के एक आदिवासी युवक और विजयनगर इलाके के एक युवक, इन दोनों पर इनकी नाबालिग पत्नियों के मां बनने के कारण उक्त धाराओ के तहत मामला दर्ज हुआ. आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट (एडीपीस) के 17 थाना क्षेत्रों में सबसे अधिक आठ मामले जामुड़िया थाना में ही दर्ज हुआ है. पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अधिकांश मामले आदिवासियों पर ही दर्ज हो रहा है. जागरूकता के अभाव के कारण यह लोग अपनी बच्चियों की शादी कम उम्र में कर दे रहे है और उनके मां बनते ही कानून के दायरे में पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर रही है. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद सभी फरार हो गये हैं, जिसके कारण उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है. 60 दिनों के अंदर मामलों में चार्जशीट अदालत में जमा दिया जा रहा है. गौरतलब है कि एडीपीसी के 17 थानाओं में से दो आसनसोल नॉर्थ और जामुड़िया में ही इस साल 14 जून से अबतक कुल 10 इसप्रकार के मामले दर्ज हुए, जहां नाबालिग लड़कियों के मां बनने पर उनके माता-पिता या पति को आरोपी बनाकर प्राथमिकी दर्ज हुई है. अन्य थाना में इसप्रकार का मामला दर्ज नहीं हुआ है. इन मामलों से इलाकों दहशत मचा हुआ है. जिसके घर में भी नाबालिग बहु है, उसके होश उड़े हुए हैं. वर्तमान समय में किसी भी गर्भवती महिला की डिलीवरी अस्पताल में ही होती है. घरों में अब डिलीवरी नहीं होती. क्योंकि अस्पताल में जन्म नहीं होने से बर्थ सर्टिफिकेट मिलना मुश्किल हो जाएगा. इसलिए डिलीवरी के लिए अस्पताल में आना ही पड़ता है. जैसे ही नाबालिग लकड़ी बच्चे को जन्म देने के लिए अस्पताल में दाखिल होती है तो उसको अपना कोई पहचान पत्र दिखाना होता है. उसमें उसकी उम्र का भी उल्लेख रहता है. जैसे ही उम्र 18 वर्ष से कम दिखती है, तुरंत इसकी सूचना अस्पताल से स्थानीय पुलिस थाना को दी जाती है. लड़की जिस इलाके की रहती है स्थानीय थाना से मामले को उस थाना को अग्रेसित कर दिया जाता है. जहां के पुलिस अधिकारी जांच के बाद प्राथमिकी दर्ज करते हैं.21 व 22 नवंबर को जामुड़िया थाने में दर्ज हुए दो मामले
मामला-एक
जामुड़िया थाना के केंदा पुलिस फांडी के प्रभारी लक्ष्मीनारायण दे की शिकायत पर विजयनगर इलाके के निवासी बाउरी समुदाय के एक युवक पर बलात्कार, पॉक्सो और बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज हुआ. उसकी पत्नी 25 सितम्बर 2024 को आसनसोल जिला अस्पताल में गर्भवती हालत में दाखिल हुई. कागजात में उसकी उम्र 16 वर्ष थी. लेकिन उस समय डिलीवरी नहीं हुई. इसकी सूचना आसनसोल साउथ थाना को दी गयी, यहां से मामला जामुड़िया थाना में भेज दिया गया. डिलीवरी के पुनः एक अक्तूबर को वह दाखिल हुई और एक पुत्र संतान को जन्म दिया. तीन अक्तूबर को उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी. अवर निरीक्षक ने जांच किया और पाया कि 14 साल उम्र में उस बच्ची की शादी हुई थी और 16 साल में मां बनी. जांच में मिले तथ्य के आधार पर प्राथमिकी दर्ज हुई.मामला-दो
केंदा पुलिस फांडी के अवर निरीक्षक लक्ष्मीनारायण दे की शिकायत पर सोनपुर बासकडांगा इलाके के एक आदिवासी युवक पर बलात्कर, पॉक्सो और बाल विवाह अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई. इस मामले में उसकी 17 साल की नाबालिग पत्नी 15 अगस्त 2024 को गर्भवती हालत में दुर्गापुर महकमा अस्पताल में दाखिल हुई. उसी दिन उसके एक पुत्री को जन्म दिया. इसकी जानकारी एनटीएस थाना से जामुड़िया थाना को मिली. जांच में अवर निरीक्षक श्री दे पाया कि 16 साल उम्र में नाबालिग की शादी हुई थी और 17 साल में वह मां बनी. जिसके आधार पर प्राथमिकी दर्ज हुई.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है