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अवैध बैंक खाता होने की धमकी देकर विश्वजीत नायक से लूटे 9.5 लाख रुपये

सावधान रहें, कभी भी पुलिस अधिकारी के रूप में साइबर अपराधियों का फोन कॉल आ सकता है. वे किसी न मुद्दे पर इस कदर डरायेंगे कि आप उनके झांसे में आ सकते हैं. रानीगंज आनंदपल्ली के निवासी विश्वजीत नायक को साइबर अपराधियों ने पुलिस अधिकारी बनकर फोन किया और उन्हें कहा कि आपके पास एक अवैध बैंक खाता है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 6, 2024 9:30 PM

आसनसोल/रानीगंज.

सावधान रहें, कभी भी पुलिस अधिकारी के रूप में साइबर अपराधियों का फोन कॉल आ सकता है. वे किसी न मुद्दे पर इस कदर डरायेंगे कि आप उनके झांसे में आ सकते हैं. रानीगंज आनंदपल्ली के निवासी विश्वजीत नायक को साइबर अपराधियों ने पुलिस अधिकारी बनकर फोन किया और उन्हें कहा कि आपके पास एक अवैध बैंक खाता है. जिसे राष्ट्रीय मुद्दा बताकर उन्हें इस कदर डराया कि वह उनलोगों के झांसे में आ गये और उनकी मांग के आधार पर कुल साढ़े नौ लाख रुपये का भुगतान कर दिया. बैंक में पैसा खत्म होने के बाद भी साइबर अपराधियों की मांग खत्म नहीं होने के बाद वह समझ पाये कि वह ठगों के चंगुल में फंसे हुए हैं. जिसकी शिकायत उन्होंने एनसीआरपी पोर्टल में की. जिसके आधार पर साइबर क्राइम थाने में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 319(2)/318(4)/316(2)/61(2) के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई है. पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय व साइबर क्राइम) डॉ अरविंद आनंद ने कहा कि कभी भी पुलिस की ओर से इस प्रकार का फोन किसी को नहीं किया जाता है. यदि इस प्रकार का कभी कॉल आये तो उनके झांसे में न पड़े, तुरंत अपने नजदीकी पुलिस थाने को सूचना दें.

रानीगंज निवासी श्री नायक ने अपनी शिकायत में कहा कि उन्हें एक अंजान नंबर से कॉल आया. कॉल करनेवाले ने खुद को पुलिस अधिकारी बताते हुए कहा कि उनके पास कोई अवैध बैंक खाता है, यह कहते हुए उसने कॉल को साइबर विभाग के अधिकारी को ट्रांसफर कर दिया. अधिकारी ने उन्हें कहा कि यह एक राष्ट्रीय मुद्दा है और कभी भी उनकी गिरफ्तारी हो सकती है. उसके बाद एक के बाद एक कई नंबर से उन्हें कॉल आया. उन्हें इस कदर डरा दिया गया कि मामले को रफा दफा करने के लिए उन्होंने उनकी मांगों को पूरा करने का निर्णय लिया.

उसके बाद श्री नायक ने अपने एसबीआइ, आइसीआइसीआइ, एचडीएफसी बैंक खातों से कुल 21 ट्रांजेक्शन में उन्हें साढ़े नौ लाख रुपये का भुगतान किया. उसके बाद भी उनकी मांग खत्म नहीं होने पर वह समझ गये कि वह साइबर अपराधियों के चंगुल में फंस चुके हैं. तुरंत उन्होंने एनसीआरपी पोर्टल में शिकायत दर्ज करायी. जिसके उपरांत साइबर क्राइम थाना, आसनसोल में प्राथमिकी दर्ज हुई.

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