एएमसी क्षेत्र में क्या होगा टोटो का रूट और कितने चलेंगे, पांच दिनों में होगा निर्णय

रूट पर कितने टोटो चलेंगे, उनका रजिस्ट्रेशन, चालक का ड्राइविंग लाइसेंस आदि सारे काम जल्द पूरा करके टोटो को रूट परमिट दिया जायेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | October 30, 2024 1:32 AM

राज्य परिवहन विभाग के निर्देश पर टोटो को लेकर प्रशासन हुआ सख्त 69 कंपनियों के टोटो के अलावा सभी अवैध आसनसोल के जीटी रोड, हॉटन रोड और गराई रोड पर टोटो को नहीं मिलेगा रूट, रूट निर्धारित करने का कार्य शुरू

आसनसोल. जिले में टोटो पर नकेल कसने की तैयारी शुरू हो गयी है. राज्य परिवहन विभाग के निर्देश पर मंगलवार को आसनसोल नगर निगम कार्यालय में टोटो के रूट, रजिस्ट्रेशन, रूटों पर कितने टोटो चलेंगे, आदि मुद्दों को लेकर उच्च स्तरीय बैठक हुई. जिसमें आसनसोल नगर निगम के मेयर विधान उपाध्याय, चेयरमैन अमरनाथ चटर्जी, उपमेयर वसीमुल हक, मेयर परिषद सदस्य (क्रीड़ा व संस्कृति) गुरुदास चटर्जी, आसनसोल सदर महकमा शासक विश्वजीत भट्टाचार्य व पुलिस व परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

मेयर ने कहा कि आसनसोल में रूट निर्धारण का कार्य शुरू हो गया है. कुल्टी, जामुड़िया और रानीगंज इलाके में रूट निर्धारण का कार्य तीन-चार दिनों में पूरा कर लिया जायेगा. रूट पर कितने टोटो चलेंगे, उनका रजिस्ट्रेशन, चालक का ड्राइविंग लाइसेंस आदि सारे काम जल्द पूरा करके टोटो को रूट परमिट दिया जायेगा. आसनसोल में जीटी रोड, हॉटन रोड और एसबी गराई रोड को छोड़कर टोटो के रूट तैयार होंगे. विश्वजीत भट्टाचार्य ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी टोटो का रूट निर्धारित किया जायेगा. इसे लेकर सभी प्रखंड कार्यालयों में बैठक होगी.

पूरे जिले में टोटो के लिए कितने रुट बने और किन रूटों पर कितने टोटो चलेंगे, इसका खाका तैयार होने के बाद जिला स्तर पर बैठक के बाद अंतिम निर्णय होगा. जल्द ही टोटो के लिए रूट की घोषणा होगी.

गौरतलब है कि टोटो की बढ़ती संख्या ने शहर की गति को रोक दिया है और जाम से शहरी इलाके ही नहीं, ग्रामीण इलाके भी त्रस्त हैं. राज्य सरकार ने 69 कंपनियों को राज्य में टोटो बेचने की मंजूरी दी है. इसके अलावा भी दर्जनों कंपनियां मार्केट में अपना टोटो बेच रही हैं. जिससे राज्य सरकार को कोई राजस्व नहीं मिल रहा है. इन सब पर नकेल कसने के लिए ही राज्य सरकार ने टोटो को रूट देने और रूटों पर टोटो की संख्या निर्धारित करने का निर्णय लिया है. यह काम जिले में नगर निगम और पंचायत समितियों को दिया गया है. जो अपने क्षेत्र में टोटो को रूट निर्धारित कर यह तय करेंगे कि उस रूट पर कितने टोटो चलने चहिए. यह काम जल्द से जल्द पूरा करने को कहा गया है.

टोटो का रूट बनाकर उसकी संख्या निर्धारित करने का कार्य 20 वर्षीय परियोजना?

परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह काम काफी कठिन है. ऑटो के रूट परमिट की तरह यह भी 20 वर्षीय परियोजना में चली जायेगी. वर्ष 2016 में 1870 ऑटो रेगुलराइज करने करने का कार्य आज तक पूरा नहीं हुआ. अब टोटो की बारी है. किस रूट पर कितने टोटो चलेंगे, किन्हें यह रूट मिलेगा, यह चिह्नित करना काफी कठिन होगा. रूटों पर जितने टोटो चलने चाहिए, उसकी तुलना में टोटो की संख्या काफी ज्यादा है. जिसे रुट नहीं मिलेगा, उसके लिए क्या होगा? सभी टोटो को रूट देना किसी भी तरह संभव नहीं है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version