श्रीलेदर्स की फ्रेंचाइजी लेने के चक्कर में गंवा दिये 11.54 लाख रुपये

चमड़ा के उत्पादों के मशहूर ब्रांड श्रीलेदर्स की फ्रेंचाइजी लेने के चक्कर मे नईमनगर बेनाचिटी दुर्गापुर इलाके के निवासी शेख शाकिर मोहम्मद साइबर ठगों के चंगुल में फंसे और 11,54,400 रुपये गंवा दिये.

By Prabhat Khabar News Desk | November 21, 2024 9:51 PM
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आसनसोल.

चमड़ा के उत्पादों के मशहूर ब्रांड श्रीलेदर्स की फ्रेंचाइजी लेने के चक्कर मे नईमनगर बेनाचिटी दुर्गापुर इलाके के निवासी शेख शाकिर मोहम्मद साइबर ठगों के चंगुल में फंसे और 11,54,400 रुपये गंवा दिये. उनसे और भी रुपये मांगे जा रहे थे. लेकिन इतनी राशि गंवाने के बाद समझ गये कि वे साइबर क्राइम के शातिरों के चंगुल में फंस गये हैं. उसके बाद उन्होंने राशि ट्रांसफर करना बंद करके एनसीआरपी पोर्टल में शिकायत की. उसके आधार पर साइबर क्राइम थाने में केस नंबर 98/24 में बीएनएस की धारा 319(2)/318(4)/316(2)/61(2) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी. शाकिर मोहम्मद ने अपनी शिकायत में बताया कि गूगल पर वे श्रीलेदर्स की फ्रेंचाइजी लेने की जानकारी के लिए सर्च कर रहे थे. उसके उपरांत उन्हें 9038415188/8583925957/8420734857 नंबरों से कॉल आयी और कॉल करनेवालों ने उन्हें पूरी तरह से अपने झांसे में ले लिया. फ्रेंचाइजी के लिए प्रोसेसिंग फी से शुरू की और 21 अक्तूबर 2024 से आठ नवंबर तक शाकिर ने उन्हें अपने एसबीआइ के खाते से सात लेनदेन में 11,54,400 रुपये भुगतान किया. वे लोग और भी राशि मांग रहे थे. तब शाकिर समझ गये कि वे साइबर क्राइम के शातिरों के मकड़जाल में फंस गये हैं. फिर उनकी शिकायत पर साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गयी.

कहां हुई गलती, क्या कहते हैं साइबर एक्सपर्ट

साइबर मामलों के विशेषज्ञ आर रवि ने बताया कि गूगल पर साइबर क्राइम के शातिरों ने लगभग हर कंपनी पर अपना प्रचार छोड़ रखा है. गूगल पर सर्च करने के दौरान जब हम कुछ भी लिखते हैं, तो गूगल उससे जुड़े अनेकों लिंक हमारे सामने रखने लगता है. गौर से देखने पर लिंक के ऊपर या नीचे स्पॉन्सर्ड या एड लिखा मिलता है यानी हम जिसकी तलाश कर रहे हैं, यह उसका आधिकारिक वेबसाइट नहीं है. यह फर्जी है. अधिकतर लोग इस बात को नजरअंदाज करके स्पॉन्सर्ड या एड वाली लिंक को खोल कर आगे बढ़ने लगते हैं. सतर्कता व सावधानी के अभाव में परिणाम बुरा होता है.

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