रैमिंग मास इंडस्ट्री में कार्यरत श्रमिक की होगी स्क्रीनिंग

जिलाधिकारी पोन्नमबालम.एस ने कहा कि जिला में स्थित सभी रैमिंग मास उद्योगों में कार्य करनेवाले श्रमिकों का स्क्रीनिंग कराया जायेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | January 10, 2025 11:51 PM

चार सिलिकोसिस रोगियों की पुष्टि के बाद हरकत में प्रशासन, सालानपुर ब्लॉक में कमेटी बनाने को बुलायी गयी बैठक कमेटी करेगी रैमिंग मास उद्योगों का नियमित निरीक्षण, प्रदूषण से बचने को श्रमिक व कारखाना प्रबंधन को किया जायेगा जागरूक

आसनसोल. पश्चिम बर्दवान जिला में सिलिकोसिस के चार मरीजों के मिलने के बाद प्रशासन की सक्रियता बढ़ गयी है. जिलाधिकारी पोन्नमबालम.एस ने कहा कि जिला में स्थित सभी रैमिंग मास उद्योगों में कार्य करनेवाले श्रमिकों का स्क्रीनिंग कराया जायेगा. इसमें किसी भी श्रमिक के सीलिकोसिस से आक्रांत पाए जाने पर उसे जिला सीलिकोसिस डायग्नोस्टिक बोर्ड के समक्ष पेश किया जाएगा और सरकारी सारे अनुदान उसे मुहैया कराया जाएगा. इन उद्योगों में कार्य करने के अलावा भी सीलिकोसिस के लक्षणवाले कोई भी व्यक्ति अपनी जांच करवा सकते हैं, उन्हें भी सरकारी सारी सुविधाएं मुहैया कराया जाएगा. सालानपुर और बाराबनी इलाके में इन उद्योगों की संख्या काफी ज्यादा है. प्रदूषण नियंत्रण विभाग को भी उद्योगों की नियमित जांच करने को कहा गया है. प्रशासन श्रमिकों के हितों की रक्षा को लेकर हर संभव प्रयास कर रही है. गौरतलब है कि पश्चिम बर्दवान जिला में आठ जनवरी 2024 से पहले सीलिकोसिस से पीड़ित सिर्फ एक मरीज कुल्टी इलाके के निवासी जितेन बाउरी की ही पुष्टि हुई थी. जिनकी मौत सितम्बर 2024 में हुई थी. सामाजिक कार्यकर्ता व सालानपुर प्रखंड के रामडी इलाके के निवासी अमरनाथ महतो ने दावा किया कि सीलिकोसिस से आक्रांत इस क्षेत्र में सैकड़ो मरीज हैं. लेकिन उनकी पहचान नहीं की जा रही है. उनका तपेदिक का इलाज कर दिया जा रहा है. जिसे लेकर उन्होंने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में दो शिकायत की. दोनों पर मामला दर्ज हुआ है. जिन दो श्रमिकों के नाम से उन्होंनेशिकायत की थी, दोनों की मौत हो गयी. दोनों में से किसी को सीलिकोसिस का प्रमाणपत्र नहीं मिला है. जिसे लेकर लड़ाई जारी है. इस बीच प्रशासन ने सिलिकोसिस के संभावित मरीजों की जांच की. जिसमें छह के सीलिकोसिस होने की संभावना जताई गयी. जिन्हें बोर्ड के समक्ष हाजिर होने को कहा गया. पांच श्रमिक बोर्ड के समक्ष हाजिर हुए और चार को सिलिकोसिस का मरीज माना गया. जिसके बाद से प्रशासन की गतिविधि तेज हो गयी. सिलिकोसिस के मरीजों को चिन्हित करने में जिलाधिकारी की भूमिका काफी अहम रही. उनके निर्देश से ही 18 दिनों के अंदर संभावित मरीजों की जांच हुई और बोर्ड बैठाकर उन्हें सिलिकोसिस मरीज की मान्यता दी गयी.

सालानपुर ब्लॉक में सिलिकोसिस पर बनेगी कमेटी

सिलिकोसिस को लेकर मुहिम चलनेवाले रामडी इलाके के निवासी श्री महतो ने कहा कि सालानपुर ब्लॉक में सिलिकोसिस को लेकर एक कमेटी गठन होगा. जिसे लेकर 14 जनवरी को दोपहर 12 बजे एक बैठक बुलायी गयी है. जिसमें उन्हें भी बुलाया गया है. बैठक में पंचायत समिति के सभापति, बीडीओ, जॉइंट बीडीओ, प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी सहित संबंधित विभागों से जुड़े अन्य अधिकारी उपस्थित रहेंगे. इस बैठक में सिलिकोसिस को लेकर एक कमेटी गठन होगा. कमेटी का कार्य समय-समय पर रैमिंग मास उद्योगों का निरीक्षण करना और यहां कार्य करनेवाले श्रमिक तथा कारखाना प्रबंधन को सीलिकोसिस लेकर जागरूक करना होगा. जरूरत के आधार पर यहां के श्रमिकों का स्क्रीनिंग करवाया जाएगा.

बराभुईं को माना जा रहा सिलिकोसिस का हॉटस्पॉट

सालानपुर प्रखंड के अल्लाडी ग्राम पंचायत अंतर्गत बराभुईं राखापाड़ा इलाके के निवासी व पेशे के बढ़ई रहे एक व्यक्ति के सिलिकोसिस आक्रांत पाए जाने पर प्रशासन की परेशानी बढ़ गयी है. आठ जनवरी को बोर्ड ने जिन चार लोगों को सिलिकोसिस आक्रांत होने की पुष्टि की थी, उनमें वह एक है. वह व्यक्ति कभी भी रैमिंग मास उद्योग में कार्य नहीं किया, हालांकि इन उद्योगों के आसपास वह लड़की का काम करता था. यह व्यक्ति आक्रांत होने से उस इलाके को सिलिकोसिस का हॉटस्पॉट जोन माना रहा है. चार में से तीन मरीज बराभुईं के हैं और एक सटे हुए गांव रामडी का निवासी है. 32 लोगों की जांच के चार के सिलिकोसिस आक्रांत होने की पुष्टि होने के बाद से प्रशासन भी सकते में है.

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