अवैध कोयला खदान में गिर कर युवक की मौत
शुक्रवार सुबह करीब 4:30 बजे हुई इस घटना के बाद से इलाके में हड़कंप मचा हुआ है.
सीआइएसएफ पर लगा युवक को खदेड़ने का आरोप जामुड़िया में दर्दनाक हादसा, युवक को बचाने की कोशिश में सुबह से जुटे रहे इसीएल की रेस्क्यू टीम के सदस्य और ग्रामीण जामुड़िया. रानीगंज के वार्ड नंबर 37 के महावीर कोलियरी के यादवपाड़ा निवासी 38 वर्षीय भीष्म रॉय की इसीएल कुनुस्तोड़िया क्षेत्र के नार्थ सीआरसोल स्थित 120 फीट गहरे एक परित्यक्त अवैध कोयला खदान में गिरने से मौत हो गयी. शुक्रवार सुबह करीब 4:30 बजे हुई इस घटना के बाद से इलाके में हड़कंप मचा हुआ है. यह इलाका आसनसोल नगर निगम के वार्ड नंबर आठ अंतर्गत रानीगंज और जामुड़िया के बॉर्डर पर स्थित है. मिली जानकारी के मुताबिक भीष्म रॉय नॉर्थ सियारसोल ओसीपी के पास स्थित इस अवैध खदान के मुहाने पर अपनी साइकिल लेकर भागते समय गिर गये. बताया जा रहा है कि सीआइएसएफ के जवान उसका पीछा कर रहे थे, जिसके चलते यह हादसा हुआ. घटना की सूचना मिलते ही जामुड़िया और रानीगंज थाने की पुलिस के साथ ही रानीगंज फायर ब्रिगेड की विशेष टीम तथा इसीएल की रेस्क्यू टीम भी मौके पर पहुंची, लेकिन खदान की गहराई और खतरनाक स्थिति के कारण बचाव कार्य में मुश्किलें आ रही थी. खदान में जहरीली गैस होने की आशंका जतायी गयी, हालांकि रेस्क्यू टीम को असफल होते देख दोपहर को कांटागोड़िया ग्राम के ही एक युवक विपद पाल खदान में उतरे और भीष्म की साइकिल निकाली. तबतक शव नहीं निकाला जा सका था. देर शाम तक 170 फीट गहराई तक जाने वाली क्रेन से तलाश जारी रही. इधर घटनास्थल पर सैकड़ो लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. आखिरकार रेस्क्यू टीम के असफल होने के बाद शेख आजाद नामक युवक खदान में उतरा और उसने शव को बाहर निकाला. मौके पर पहुंचे रानीगंज के वार्ड नंबर 37 के वार्ड पार्षद और रानीगंज के तृणमूल ब्लॉक अध्यक्ष रूपेश यादव ने इस घटना के लिए ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (इसीएल) को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने आरोप लगाया कि इसीएल की लापरवाही के कारण ही यह हादसा हुआ है. उन्होंने सवाल उठाया कि इतने लंबे समय से बंद पड़े खदान को आखिर क्यों नहीं भरा गया? उन्होंने कहा कि सीआइएसएफ के जवान के खदेड़ने के कारण घबरा कर वह साइकिल सहित खदान में जा गिरे. वहीं घटनास्थल पर रानीगंज बोरो अध्यक्ष मुजम्मिल शहजादा तथा वार्ड नंबर 37 के पार्षद ज्योति सिंह भी पहुंचे. कोयला खदान श्रमिक तृणमूल ट्रेड यूनियन के स्थानीय नेता लालू माझी ने भी इसीएल प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि उन्होंने बहुत पहले ही रेस्क्यू टीम को खबर दी थी, लेकिन टीम देरी से पहुंची. नॉर्थ सियारसोल के मैनेजर भी घटनास्थल पर पहुंचे.
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