उच्च न्यायालय ने भाजपा कार्यकर्ता की मां की हत्या के मामले में किया हस्तक्षेप
हाइकोर्ट की न्यायाधीश अमृता सिन्हा ने जिला पुलिस को नंदीग्राम पुलिस स्टेशन के 23 मई से सात जून तक के सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित रखने का आदेश दिया है. इसके अलावा, अदालत ने राज्य सरकार को हलफनामे के माध्यम से जांच की प्रगति की रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 12 जुलाई को होगी और पुलिस को उस दिन मामले की केस डायरी भी अदालत में जमा करना होगा.
कोलकाता.
पूर्व मेदिनीपुर जिले के नंदीग्राम में भाजपा कार्यकर्ता की मां रतिबाला आदि की हत्या के मामले में अब कलकत्ता उच्च न्यायालय ने हस्तक्षेप किया है. हाइकोर्ट की न्यायाधीश अमृता सिन्हा ने जिला पुलिस को नंदीग्राम पुलिस स्टेशन के 23 मई से सात जून तक के सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित रखने का आदेश दिया है. इसके अलावा, अदालत ने राज्य सरकार को हलफनामे के माध्यम से जांच की प्रगति की रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 12 जुलाई को होगी और पुलिस को उस दिन मामले की केस डायरी भी अदालत में जमा करना होगा.गौरतलब है कि कथित तौर पर सत्ताधारी पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं ने 22 मई की आधी रात को रतिबाला के घर पर हमला किया था. जब रतिबाला का बेटा घर से बाहर निकला, तो बदमाशों ने उसे पीटना शुरू कर दिया. यह देखकर मां रतिबाला अपने बेटे को बचाने के लिए आगे आयीं, तो बदमाशों से उसकी पीट-पीट कर हत्या कर दी. वहीं, घटना में रतिबाला का बेटा भी गंभीर रूप से घायल हो गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
आरोप है कि मामले का मुख्य आरोपी अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर है. घटना के अगले दिन 24 लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गयी. उसी रात गांव वालों ने मुख्य आरोपी को पुलिस के हवाले कर दिया. लेकिन बावजूद इसके पुलिस ने उसे गिरफ्तार नहीं किया. आरोप है कि आरोपी इलाके में खुलेआम घूम रहे हैं. वहीं, गांव के लोगों ने मामले के अन्य आरोपी को पकड़ने की कोशिश की, तो उसने नंदीग्राम थाने में जाकर शरण ली और बाद में वह वहां से चला गया. आरोप है कि उसे भी पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है