दो लोकसेवकों को चार्जशीट में शामिल करने लिए मंजूरी का है इंतजार
अदालत ने सीबीआइ को इस मामले में 21 मई तक अगली चार्जशीट दाखिल करने का निर्देश दिया था. जो सीबीआइ जमा नहीं कर पायी.
आसनसोल.कोयला तस्करी कांड में तीन वर्ष 174 दिनों तक जांच चलने के बाद 21 मई मंगलवार को अदालत द्वारा निर्धारित तारीख पर चार्ज हियरिंग की प्रक्रिया में खलल पड़ गया. कांड से जुड़े सभी आरोपियों को कॉपी सप्लाई नहीं होने के कारण चार्ज हियरिंग स्थगित हो गयी. अदालत को तीन जुलाई को अगली तारीख दी. चार्ज हियरिंग के बाद चार्ज फ्रेम की प्रक्रिया शुरू होगी. अदालत ने सीबीआइ को इस मामले में 21 मई तक अगली चार्जशीट दाखिल करने का निर्देश दिया था. जो सीबीआइ जमा नहीं कर पायी. सरकारी पक्ष के वरिष्ठ लोक अभियोजक राकेश कुमार ने सीबीआइ का पक्ष रखते हुए कहा कि भष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दो लोकसेवकों के खिलाफ आरोप पत्र में उनका नाम दाखिल करने को लेकर अभियोजन स्वीकृति हेतु प्रक्रिया लंबित है, जिसके कारण अगला आरोप पत्र दाखिल नहीं हो सका, इसके लिए कुछ समय चाहिए. अदालत ने जांच प्रक्रिया जल्द पूरी कर अगली चार्जशीट जमा करने को कहा. गौरतलब है कि 27 नवंबर 2020 को सीबीआइ एसीबी कोलकाता की टीम ने शिल्पांचल में अवैध कोयला खनन और कारोबार को लेकर प्राथमिकी दर्ज की और देश के चार राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में एकसाथ 45 ठिकानों पर छापेमारी की. प्राथमिकी में इसीएल के पांच अधिकरियों के साथ अनूप माजी उर्फ लाला को नामजद और इसीएल, सीआइएसएफ, रेलवे व अन्य विभाग के अधिकारी तथा निजी लोगों को आरोपी बनाया. प्राथमिकी दर्ज होने के करीब 20 माह बाद 19 जुलाई 2022 को सीबीआइ ने इस मामले में पहली चार्जशीट दाखिल की. जिसमें 10 उद्योगों के प्रमुख सहित 41 लोगों को और दूसरे चार्जशीट में दो लोगों को, कुल 43 को आरोपी बनाया गया. जिसमें से एक आरोपी विनय मिश्रा को सीबीआइ अभी तक ढूढ़ नहीं पायी है.
नामजद 43 में 39 आरोपी अदालत में हुए हाजिर, दो रहे अनुपस्थित सीबीआइ ने इस मामले में दो चार्जशीट में कुल 43 लोगों को शामिल किया है. जिसमें से एक नामजद विनय मिश्रा फरार है, जिसे सीबीआइ अभी तक ढूढ़ नहीं पायी है. एक उद्योग कॉनकास्ट स्टील एंड पावर लिमिटेड कारखाना घाटे में होने के कारण लिक्विडेशन में चला गया है. ऐसे में कारखाना पक्ष ने अदालत में अपील की है कि लिक्विडेटर को नोटिस किया जाये. सारा जिम्मा उसके पास चला गया है. बचे 41 में से नामजद जयदेव मंडल और नारायण नंदा उपस्थित नहीं हुए. अदालत ने दोनों को अगली तारीख पर उपस्थित रहने को कहा है. 30 हजार पन्नों के दस्तावेज की हार्ड कॉपी देने की मांग की अधिवक्ता नेकिसी भी मामले में चार्ज हियरिंग से पहले सभी आरोपियों को कॉपी सप्लाई करनी होती है. जिसमें जांच से जुड़े सारे दस्तावेज एफआइआर कॉपी, सीजर लिस्ट, एक्सपर्ट ओपिनियन, सीआरपीसी की धारा 161 में और 164 में दर्ज बयानों की प्रति, जांच रिपोर्ट आदि होती है. यह कॉपी सभी आरोपियों को तक नहीं पहुंचने और जिन्हें मिला उनके उसे पूरी तरह नहीं पढ़ पाने के कारण मंगलवार को चार्ज हियरिंग स्थगित हो गयी. सॉफ्ट कॉपी सभी को भेजी जा रही है. कुछ आरोपियों के वकीलों ने इसकी हार्ड कॉपी देने के मांग की. वरिष्ठ लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि 30 हजार पन्नों की यह कॉपी है. जिसका हार्ड कॉपी भेजना संभव नहीं हो रहा है, इसलिए सभी को सॉफ्ट कॉपी भेजी जा रही है.
लाला से कोलकाता में सीबीआइ पूछताछ करने की अदालत से ली अनुमति : कोयला तस्करीकांड के मुख्य आरोपी अनूप माजी उर्फ लाला ने एक सप्ताह पूर्व ही सीबीआइ अदालत में आकर अपनी जमानत ली. अदालत ने जमानत की शर्त में यह कहा कि वह पुरुलिया में अपने इलाके से बाहर नहीं जा सकता है. बाहर जाने के लिए उसे अदालत की अनुमति लेनी होगी. ऐसे में सीबीआइ के सामने उसे अपने कार्यालय निजाम पैलेस कोलकाता में बुलाकर पूछताछ करने में समस्य हो गयी थी. मंगलवार को इसे लेकर अदालत में अपील की गयी. अदालत ने इस अपील को मंजूर किया और आदेश दिया कि सीबीआइ के बुलावे पर जांच के लिए उसे कोलकाता जाना होगा. उल्लेखनीय है कि पूरक आरोप पत्र में इसीएल के पूर्व निदेशक सुनील कुमार झा और सीआइएसएफ के निरीक्षक आनंद कुमार सिंह का नाम शामिल है.जयदेव मंडल को गिरफ्तार करने के लिए अदालत को बना दिया गया था पुलिस छावनी
कोयला तस्करी कांड में नामजद आरोपी व लंबे समय तक इस मामले में जेल में रहा जयदेव मंडल को गिरफ्तार करने के लिए सीआइडी की टीम ने आसनसोल जिला अदालत को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया था. अदालत में आते ही उसे गिरफ्तार करके निकल जाते, जयदेव अदालत में नहीं पहुंचा. उसकी परेशानी बढ़ गयी है. सुप्रीम कोर्ट से यदि उसे जमानत नहीं मिलती है तो उसके समक्ष एक ओर कुआं और दूसरी ओर खाई वाली स्थिति बन जायेगी. जयदेव के खिलाफ आसनसोल नॉर्थ थाना में 30 अक्तूबर 2023 को कांड संख्या 454/23 में आइपीसी की धारा 341/323/307/325/120बी/506/34/427 और 25/27/35 आर्म्स एक्ट के मामला दर्ज हैं. स्थानीय कन्यापुर रघुनाथबाटी इलाके के निवासी दिनेश गोराई पर एनएच-19 पर चंद्रचूड़ मोड़ के पास गोली चली थी. इसी मामले में 10 नामजद आरोपियों में जयदेव मंडल शामिल है. इस मामले की जांच का दायित्व सीआइडी को सौंपा गया है. सूत्रों के अनुसार इस मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय डिवीजन बेंच ने जयदेव की अग्रिम जमानत की याचिका खारिज कर दी है. इसके बाद ही आसनसोल सीजेएम अदालत से उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ. इस वारंट के आधार पर ही सीआइडी के अधिकारी उसे खोज रहे हैं. उन्हें पता था कि 21 तारीख को कोयला तस्करी कांड में सभी आरोपियों को अदालत में हाजिर होना है. इसलिए सीआइडी की टीम ने उसे गिरफ्तार करने के लिए अदालत को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया था. अधिकारी सादे लिबास में थे, लेकिन जयदेव नहीं आया और सीबीआइ अदालत में उसके वकील ने उसके नहीं आने का कारण उसका बीमार होना बताया. जिसपर वरिष्ठ लोक अभियोजक श्री कुमार ने जयदेव के मेडिकल संबंधित मुद्दे पर संदेह व्यक्त करते हुए कहा कि सीआइडी के अधिकारी उसे गिरफ्तार करने के लिए अदालत में उपस्थित हैं. जिससे उसका बीमार होना संदेह पैदा करता है. अगली सुनवाई में वह हाजिर होकर यह साबित करे कि वह फरार नहीं है. इसपर अदालत ने उसे विशेष रूप से तीन जुलाई को हाजिर होने को कहा. जयदेव के लिए मुश्किल बढ़ गयी हैं. तीन जुलाई से पहले उसे सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत लेना होगा ताकि तीन मई को सीबीआइ की अदालत में हाजिर हो सके या फिर सीआइडी के हाथों गिरफ्तार होना होगा.
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