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बांग्लादेशी विद्यार्थी अपने देश की हालत से चिंतित

विश्वभारती में पढ़ने बांग्लादेशी छात्र-छात्राएं अपने देश में फैली हिंसा व अराजकता को लेकर चिंतित हैं.

प्रतिनिधि, बोलपुर

बीरभूम जिले के बोलपुर स्थित शांतिनिकेतन विश्वभारती में पढ़ने बांग्लादेशी छात्र-छात्राएं अपने देश में फैली हिंसा व अराजकता को लेकर चिंतित हैं. बुधवार को कविगुरु रबींद्रनाथ टैगोर की पुण्यतिथि पर विश्वविद्यालय में आयोजित समारोह के दौरान बांग्लादेशी छात्र-छात्राएं परेशान दिखे. अशांत बांग्लादेश से प्रधानमंत्री का पद छोड़ कर शेख हसीना भारत चली आयी हैं. ढाका में प्रधानमंत्री आवास पर आंदोलनकारियों के कब्जे का असर बंगाल के हालात पर भी पड़ा है.

पड़ोसी देश की स्थिति को देखते हुए ””””बांग्लादेश भवन”” में होनेवाले कार्यक्रम को अन्यत्र शिफ्ट कर दिया गया. पौधारोपण समेत पूरा समारोह पूजाघर के सामने पुराने मेला मैदान में आयोजित हुआ. इसके अलावा विश्वभारती की ओर से इंटरनेशनल बांग्लादेश बिल्डिंग की सुरक्षा के लिए पुलिस को सूचित किया गया है. संयोग से, बांग्लादेश की यह इमारत ढाका सरकार की फंडिंग से वर्ष 2018 में विश्वभारती में बनायी गयी थी. इसका उद्घाटन बांग्लादेश की तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना ने किया था.

मालूम रहे कि विश्वभारती में हर साल बांग्ला कैलेंडर के मुताबिक 22शे श्रावण को गुरुदेव रबींद्रनाथ टैगोर का परिनिर्वाण समारोह मनाया जाता है. सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ पौधारोपण भी किया जाता है. इस बार यह आयोजन विश्वभारती के बांग्लादेश भवन में होना था, जिसकी तैयारी भी चल रही थी. हालांकि, बांग्लादेश के मौजूदा हालात को समझते हुए विश्वभारती के कार्यवाहक कुलपति अरविंद मंडल ने केंद्रीय कार्यालय में एक बैठक बुलायी, जिसमें तय हुआ कि अंतरराष्ट्रीय बांग्लादेश भवन की सुरक्षा को लेकर पूरा कार्यक्रम स्थानांतरित किया जायेगा. यह कार्यक्रम पूजाघर के सामने पुराने मेला मैदान में होगा. समारोह में 22 बांग्लादेशी छात्र-छात्राएं थे, जो खासे मायूस दिखे. विश्वभारती में पढ़नेवाले बांग्लादेशी छात्र बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति को लेकर काफी चिंतित हैं. वे अपने देश व परिवार को लेकर काफी परेशान हैं. सोचा भी नहीं था कि जब वे विदेश में पढ़ाई करने जायेंगे, तो उनके देश में इतनी भयावह स्थिति होगी. उनकी बस यही कामना है कि देश में स्थिति जल्द ही सामान्य हो जाये. विश्वभारती के अधिकारियों ने उनके साथ रहने का आश्वासन दिया है.

गौरतलब है कि स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार को सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ ढाका यूनिवर्सिटी से छात्र आंदोलन शुरू हुआ. स्थिति को संभालने के लिए शेख हसीना सरकार के आदेश पर सेना उतार दी गयी. फिर सोमवार को जनविद्रोह के चलते शेख हसीना प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर जल्दबाजी में बांग्लादेश छोड़ कर भारत आ गयीं. शांतिनिकेतन में रहनेवाले बांग्लादेशी छात्र वहां की मौजूदा स्थिति से परेशान हैं. एक छात्र ने कहा, देश के मौजूदा हालात को देखते हुए हमारे दिमाग पर गंभीर असर पड़ रहा है. हम चाहते हैं कि बांग्लादेश में स्थिति जल्द सामान्य हो.

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