Bappa Chatterjee : पांच लाख ओबीसी सर्टिफिकेट की रद्दगी है बंगाल की जनता से न्याय

राज्य सरकार की ओर से जारी अन्य पिछड़ी जाति (ओबीसी) के पांच लाख प्रमाण-पत्रों को कलकत्ता हाइकोर्ट ने रद्द कर दिया है. फैसले का स्वागत करते हुए भाजपा ने इसे पश्चिम बंगाल की जनता से न्याय बताया है. इसके लिए भाजपा जिला ओबीसी मोर्चा ने हाइकोर्ट का आभार जताया. भाजपा के जिलाध्यक्ष बप्पा चटर्जी के अनुसार हाइकोर्ट के फैसले से साफ है कि बंगाल में तुष्टीकरण की राजनीति की हद पार हो गयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 23, 2024 9:46 PM

आसनसोल.

राज्य सरकार की ओर से जारी अन्य पिछड़ी जाति (ओबीसी) के पांच लाख प्रमाण-पत्रों को कलकत्ता हाइकोर्ट ने रद्द कर दिया है. फैसले का स्वागत करते हुए भाजपा ने इसे पश्चिम बंगाल की जनता से न्याय बताया है. इसके लिए भाजपा जिला ओबीसी मोर्चा ने हाइकोर्ट का आभार जताया. भाजपा के जिलाध्यक्ष बप्पा चटर्जी के अनुसार हाइकोर्ट के फैसले से साफ है कि बंगाल में तुष्टीकरण की राजनीति की हद पार हो गयी है. राज्य में 27 फीसदी वोटबैंक को खुश करने के लिए यहां ऐसी राजनीति की जा रही. हद तो यह भी है कि यहां की मुख्यमंत्री खुले मंच से हाइकोर्ट का आदेश नहीं मानने का ऐलान कर रही हैं. राज्य की मुख्यमंत्री के पद पर आसीन कोई व्यक्ति न्यायपालिका पर ऐसा सवाल कैसे उठा सकता है. क्या इसका कोर्ट स्वत: संज्ञान लेगा. निर्वाचन आयोग से भाजपा मांग करेगी कि मामले में उचित कानूनी कार्रवाई की जाये. बप्पा चटर्जी के मुताबिक यदि राज्य की सत्ताधारी पार्टी की मुखिया को हाइकोर्ट का निर्णय मंजूर नहीं है, तो वह सुप्रीम कोर्ट जा सकती हैं. मगर ऐसा करने के बजाय वह सार्वजनिक मंच से न्यायालय की अवमानना कर रही हैं. उन्होंने कोर्ट के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है. हाइकोर्ट के बुधवार के फैसले से राज्य में तुष्टीकरण की राजनीति पर लगाम लगेगी. बप्पा चटर्जी गुरुवार को आसनसोल उत्तर धदका स्थित जिला पार्टी कार्यालय में संवाददाताओं से रूबरू थे. मौके पर भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य शंकर चक्रवर्ती, ओबीसी मोर्चा के जिलाध्यक्ष अमिताभ गड़ाई, प्रदेश कमेटी सदस्य तापस राय आदि उपस्थित थे. जिलाध्यक्ष के मुताबिक मुख्यमंत्री ‘दूध देनेवाली गाय के लात भी सहने की बात कहती हैं. उनके लिए 27 प्रतिशत वोटबैँक सबसे अहम है. राज्य सरकार ने ओबीसी-ए कैटगरी में 71 उप-जातियों की सूची में 64 मुस्लिम समुदाय के लोगों को शामिल किया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version