Dilip Ghosh : दिलीप घोष ने कहा, अगर पार्टी कोई विशेष कार्य नहीं सौपेगी तो मैं राजनीति को टाटा, बाय-बाय कह दूंगा
Dilip Ghosh : दिलीप घोष ने कहा, वह राजनीति छोड़ने को तैयार हैं. उनका कहना है कि मैं इस तरह नहीं रह सकता. अगर मेरे लिए कोई खास काम नहीं है तो मैं राजनीति को टाटा, बाय-बाय कह दूंगा.
Dilip Ghosh : प्रदेश अध्यक्ष, अखिल भारतीय उपाध्यक्ष, सांसद पिछले दो-तीन सालों में दिलीप घोष (Dilip Ghosh) एक-एक कर अपनी सारी राजनीतिक पहचान खो चुके हैं. अब वह एक साधारण बीजेपी नेता हैं. लोकसभा चुनाव में नवीनतम पहचान ‘सांसद’ का खिताब गंवाने के बाद पार्टी के राज्य या केंद्रीय नेतृत्व ने अभी तक उनके अगले कार्यभार के बारे में कुछ नहीं कहा है. तब दिलीप घोष ने कहा, वह राजनीति छोड़ने को तैयार हैं. उनका कहना है कि मैं इस तरह नहीं रह सकता. अगर मेरे लिए कोई खास काम नहीं है तो मैं राजनीति को टाटा, बाय-बाय कह दूंगा.
दिलीप घोष की अध्यक्षता में बंगाल में बीजेपी को मिले थे 18 सांसद
बीजेपी के कई नेता इस बात को स्वीकार करते हैं कि राज्य में बीजेपी की जो जमीन बनी, उसके पीछे दिलीप ही एक सूत्रधार हैं. उनकी अध्यक्षता में बंगाल में बीजेपी को 18 सांसद मिले. 2021 के विधानसभा चुनाव में यह मुख्य विपक्षी दल के रूप में स्थापित हुई. हालांकि, पार्टी के प्रदेश नेतृत्व का फिलहाल दिलीप घोष से कोई संपर्क नहीं है. लोकसभा में हार के बाद उनकी अहमियत और कम होती दिख रही है. लोकसभा नतीजों के बाद वह सिर्फ एक बार बीजेपी के प्रदेश कार्यालय गये थे. सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें कोई नई जिम्मेदारी नहीं दी है. कोई नई जिम्मेदारी लेने को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई.
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